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Holashtak 2025: सावधान! कल से शुरू हो रहे हैं होलाष्टक, कहीं आप भी तो नहीं करने वाले ये काम

Holashtak 7 March 2025 me kya nahi karna chahiye: सावधान! कल से शुरू हो रहे हैं होलाष्टक, कहीं आप भी तो नहीं करने वाले ये काम holashtak-7-march-2025-start-end-date-hotashtak-me-kya-nahi-karna-chahiye-hindi-news-pds

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Preeti Dwivedi
Holashtak-7-March-2025

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Holashtak 2025 Kab se Hain: 13 फरवरी को होलिका दहन है। इसके पहले 7 मार्च से होलाष्टक शुरू हो रहे हैं। हिन्दू पंचांग (Hindu Panchang) में होलाष्टक को शुभ काम के लिए वर्जित माना गया है।

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पौराणिक कथाओं के अनुसार होलाष्टक के आठ दिनों में कुछ काम करने की मनाही होती है। चलिए जानते हैं होलाष्टक क्यों अशुभ (Holashtak Ashubh Kyon hai) मानते हैं। इसमें कोई काम क्यों नहीं करना चाहिए। इस साल 2025 में होलाष्टक कब से कब तक हैं।

ज्योतिषाचार्य पंडित रामगोविंद शास्त्री से जानेंगे कि होलाष्टक में शुभ काम क्यों नहीं (Holashtak Do- Donts) करना चाहिए।

होलाष्टक कब से हैं (Holashtak 2025 Date) 

ज्योतिषाचार्य पंडित रामगोविंद शास्त्री के अनुसार इस साल होलाष्टक 7 मार्च शुक्रवार से शुरु हो रहे हैं।

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जो होलिका दहन के दिन समाप्त हो जाएंगे। होलाष्टक के आठ दिनों में ​शुभ कार्य वर्जित होते हैं।

शुक्रवार के दिन से होलाष्टक शुरु (Holashtak 2025 Day) 

पंडित शास्त्री के अनुसार रविवार और मंगलवार का दिन, दाह दिन कहलाता है। इन दो दिनों में अग्नि से संबंधित घटनाएं अधिक होने की आशंका होती है। हालांकि इस बार होलाष्टक की शुरुआत शुक्रवार से हो रही है।

ये काम होंगे वर्जित

होलाष्टक में कोई भी शुभ कार्य वर्जित रहता है। ऐसे में यदि आप भी शुभ काम करने के पहले जान लें कि होलाष्टक में ऐसे कोई भी काम नहीं होंगे।

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इस दौरान किसी भी तरह का लकड़ी का सामान खरीदना अच्छा नहीं माना जाता है। न ही लकड़ी का काम घर में करवाना चाहिए। साथ ही इस दौरान गृह प्रवेश, हवन, मुंडन आदि कार्य भी करना स​ही नहीं माना जाता है।

होलाष्टक Holashtak में क्यों नहीं होते शुभ काम 

बुजुर्गों से कहते सुना होगा, कि होलाष्टक में शुभ काम करना वर्जित होता है। पर क्या आप जानते हैं कि होलाष्टक में शुभ काम क्यों नहीं किए जाते, तो चलिए आज हम आपको बताते हैं।

अष्टमी पर कामदेव ने तपस्या की थी भंग (Holashtak ki Kahani) 

धर्म ग्रंथों के अनुसार फाल्गुन माह की अष्टमी के दिन प्रेम के देवता कामदेव ने भगवान शिव की तपस्या भंग की थी। तब क्रोधित होकर शिव जी ने कामदेव को भस्म कर दिया था। जिसके बाद कामदेव की पत्नी रति ने शिव की आराधना करके कामदेव को पुनर्जीवित करने की प्रार्थना की थी।

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इसके बाद भगवान शिवजी ने रति की प्राथना स्वीकार की थी। शिवजी के इस निर्णय के बाद प्रजा में खुशी की लहर आ गई थी। होलाष्टक का अंत (Holashtak 2025 End) होलिका दहन के दिन हो गया था। कहते हैं इसी वजह से 8 दिन शुभ कार्य वर्जित माने जाते हैं।

Holashtak में क्या नहीं करना चाहिए

  • होलाष्टक के आठ दिनों में विवाह, मुंडन, नामकरण, सगाई समेत 16 संस्कार नहीं करने चाहिए।
  • इस दौरान वाहन, प्लॉट, नए मकान या दूसरे प्रॉपर्टी की खरीदारी नहीं करना चाहिए।
  • किसी भी तरह के धार्मिक कार्य हवन, यज्ञ आदि न करें।
  • इस दौरान नौकरी बदलना भी सही नहीं माना गया है। न ही कोई नई नौकरी ज्वाइन करना चाहिए।
  • अगर आप 7 मार्च से 13 मार्च के बीच में नया काम शुरु करने की सोच रहे हैं तो वह भी इस दौरान नहीं करना चाहिए। यानी इस दौरान कोई नया काम या व्यापार शुरु करना वर्जित है।

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नोट: इस लेख में दी गई जानकारियां सामान्य सूचनाओं पर आधारित हैं। बंसल न्यूज इसकी पुष्टि नहीं करता। अमल में लाने से पहले विशेषज्ञ की सलाह जरूर ले लें।

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