HIV AIDS: दुनिया भर के HIV और एड्स के मरीजों के लिए बड़ी खबर है। विश्व भर में अभी तक लाइलाज बनी AIDS बीमारी अब पूरी तरह ठीक हो सकती है। अमेरिका ने HIV के प्रभाव को पूरी तरह खत्म करने वाली नई इंजेक्टेबल दवा को मंजूरी दी है। वैज्ञानिकों ने ट्रायल के बाद इस दवा को एचआईवी मरीजों पर 100 फीसद कारगर पाया है। इस ट्रायल के बाद एचआईवी की वजह से होने वाले AIDS के खात्मे की पहली बार उम्मीद जगी है।
बता दें, वैज्ञानिक लंबे समय से HIV AIDS को रोकने वाली दवा बनाने पर काम कर रहे थे। एक वर्ष पहले अमेरिका ने एचआइवी को रोकने वाली एक नई इंजेक्टेबल दवा को मंजूरी दी। इसका क्लीनिकल ट्रायल पूरी तरह सफल पाया गया है। वैज्ञानिकों के अनुसार लंबे समय तक काम करने वाला कैबोटेग्रेविर एचआईवी को रोकने में यह दवा लगभग 100 प्रतिशत प्रभावी पाई गई है। इसे एचआईवी प्री-एक्सपोजर प्रोफिलैक्सिस (पीआरईपी) के रूप में उपयोग किया जाएगा। असुरक्षित यौन संबंधों से फैलने वाले एचआईवी संक्रमण को रोकने के लिए पात्र व्यक्ति अब हर 8 हफ्ते में यह दवा ले सकते हैं।
इंजेक्टेबल्स ही क्यों
बता दें कि इंजेक्टेबल्स का मतलब अधिक विकल्प हैं। जनसंख्या स्तर पर, अधिक विकल्पों का मतलब अधिक रोकथाम है क्योंकि अलग-अलग लोग अपनी आवश्यकताओं के अनुरूप विभिन्न प्रकार के पीआरईपी का उपयोग करने के इच्छुक हो सकते हैं। खास बात यह है कि इंजेक्टेबल गर्भनिरोधक इस बात पर प्रकाश डालते हैं कि कैसे यह तकनीक यौन और प्रजनन स्वास्थ्य दोनों में सुधार करती है।