नई दिल्ली। आज ही के दिन 6 फरवरी 1971 को चांद की सतह पर पहली बार गोल्फ खेला गया था। मालूम हो कि 31 जनवरी 1971 को अमरिकी स्पेस एजेंसी ने अपना 8वां मून मिशन अपोलो-14 को लॉन्च किया था। इस मिशन में एलन शेपर्ड, सुटुअर्ड रूसा और एडगर मिशेर गए थे। अपलो-14 करीब एक हफ्तेभर बाद जब चांद की सतह पर लैंड हुआ, तो मिशन पर गए लोगों इस दिन वहां पर गोल्फ का आनंद लिया था। ऐसे में आज ये जानना जरूरी हो जाता है कि ये गोल्फ आखिर है क्या और इसे खेलने के क्या नियम हैं।
Fore! When #Apollo14 astronaut Alan Shepard hit two golf balls on the Moon, he became the first lunar golfer in history. One of his golf balls landed in a crater about 50 ft (15 m) away, making this the first hole-in-one on another world. ⛳️ #MoonCrushMonday pic.twitter.com/aAuCa0L5Qi
— NASA Moon (@NASAMoon) February 1, 2021
एलन शेपर्ड एक गोल्फर थे
बतादें कि इस मिशन पर गए लोगों में एलन शेपर्ड एक गोल्फर थे और वे चांद पर गोल्फ खेलने के लिए अपने स्पेस सूट में छिपाकर गोल्फ स्टिक और गोल्फ की बॉल को ले गए थे। उन्होंने चांद की सतह पर पहुंच कर दो बॉल को हिट किया था, जिसमें से एक बॉल चांद की सतह पर गिरी थी। इसे जैवेलिन कार्टर नाम दिया गया।
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इसे अमीरों का भी खेल कहा जाता है
गोल्फ आमतौर पर अमीरों का खेल माना जाता है। ऐसा इसलिए क्योंकि इस खेल में लगने वाले उपकरण काफी महंगे होते। साथ ही इस खेल के लिए कम से कम 4 घंटे का समय भी चाहिए होता है। साथ ही इसे एक विशेष मैदान में जो काफी लंबा-चौड़ा और हरी-हरी घासों से भरा होता है। वहां खेला जाता है। इस मैदान को गोल्फ कोर्स कहते हैं जहां 9 या 18 गड्ढे बने होते हैं। हालांकि होटल या लॉन में जब इसे बनाया जाता है तो वहां 3 या 6 गड्ढे भी हो सकते हैं। हर गड्ढे के लिए अगल-अलग अंक तय किए जाते हैं। प्रत्येक खिलाड़ी को चार-चार गेंद दी जाती है। इन गेंदों को बार-बार हिट करके गड्ढों में डाला जाता है। खिलाड़ी जिन गड्ढों में गेंद को पहुंचाता है उसके अंक उसे प्राप्त होते हैं।
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पहले इसे ‘कोल्फ’ के नाम से जाना जाता था
वहीं अगर गोल्फ के इतिहास की बात करें तो इसका कोई निश्चित इतिहास नहीं है। कुछ इतिहासकार बताते हैं कि इस खेल को लगभग 17वीं शताब्दी में इंग्लैंड के कुछ हिस्सों में खेला जाता था। हालांकि इसकी लोकप्रियता सन् 1920 में बढ़ी, जब इसे अमेरिका में खेला जाने लगा। वहीं कुछ इतिहासकारों का मानना है कि इस खेल को सबसे पहले 19वीं शताब्दी में चीन में खेला जाता था। चीन में इस खेल को पेगानका के नाम से जाना जाता था। वहीं कुछ अन्य लोगों का मानना है कि इस खेल की शुरूआत 16वीं शताब्दी में हुई थी। तब इसे ‘कोल्फ’ के नाम से जाना जाता था। क्योंकि इसे उस समय बर्फ पर खेला जाता था। वहीं अगर भारत में इस के इतिहास के बारे में कहें तो यह अंग्रेजों के आने के साथ ही भारत में आया था।
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