शिमला। हिमाचल प्रदेश विधानसभा के मंगलवार से शुरू हो रहे 24 दिवसीय बजट सत्र में जोरदार बहस होने की संभावना है और विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने सरकार के खिलाफ आक्रामक रूख अपनाने का फैसला किया है। पार्टी के एक नेता ने यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि पिछली भाजपा सरकार द्वारा स्थापित कार्यालयों और संस्थानों को बंद करने और गैर-अधिसूचित करने का कांग्रेस सरकार का निर्णय चर्चा का एक प्रमुख बिंदु है।
सुखविंदर सिंह सुक्खू के नेतृत्व वाली सरकार ने भाजपा शासन के तहत स्थापित या अद्यतन किए गए कई संस्थानों को यह कहते हुए गैर-अधिसूचित कर दिया कि पिछली सरकार उनके लिए कोई बजटीय आवंटन या कर्मचारियों की नियुक्ति करने में विफल रही थी। पार्टी नेता ने कहा कि भाजपा ने एक हस्ताक्षर अभियान चलाया और इस कदम के खिलाफ राज्य भर में ‘आक्रोश रैलियां’ कीं।
भाजपा ने पिछले सप्ताह भी सोमवार को अभियान के तहत एकत्रित किए गए हस्ताक्षरों को राज्यपाल को सौंपने की योजना की घोषणा की थी। राज्य की ऋण देनदारी और मुफ्त स्कूल वर्दी लाभार्थियों की संख्या में कमी कुछ ऐसे अन्य मुद्दे हैं जिन पर बहस होने की उम्मीद है। नेता ने कहा कि सलाहकारों, मुख्य संसदीय सचिवों, बोर्ड और निगमों के अध्यक्षों की नियुक्तियों, डीजल पर वैट में वृद्धि और हिमाचल प्रदेश कर्मचारी चयन आयोग को भंग करने पर भी भाजपा के आक्रामक होने की उम्मीद है।