Himachal And Uttarakhand Rain: मानसून की बारिश ने पूरे देश के कई राज्यों में तबाही मचा रखी है। वहीं, मूसलाधार बारिश की वजह से पहाड़ी राज्यों में तबाही का मंजर जारी है। हिमाचस प्रदेश और उत्तराखंड में अगले 96 घंटों तक भारी बारिश होने की चेतावनी जारी कर रखी है।
हिमाचल प्रदेश के लाहौल-स्पीति में दारचा- शिंकुला मार्ग पर शुक्रवार को देर रात बादल फटने की वजह से नालों में बाढ़ आ गई। इससे सीमा सड़क संगठन (BRO) के दो पुल भारी बारिश में बह गए हैं, लेकिन अच्छी बात यह है कि इस में किसी तरह के जानमाल का कोई नुकसान नहीं हुआ है।
तीन दिन पहले बादल फटने से यहां पर बाढ़ आई गई थी, जिसमें अभी तक 9 लोगों की जान चली गई है और 45 लोगों की तलाश जारी है।
उत्तराखंड में फंसे 1300 लोग
बता दें कि उतराखंड में केदारनाथ के रास्ते में अभी भी 1300 लोगों के फंसे होने की आशंका हैं, जिसमें से करीब 450 लोग केदारनाथ धाम में फंसे हैं। हालांकि, सभी लोग सुरक्षित बताए गए हैं और उन्हें सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने का काम तेजी के साथ चल रहा है। हिमाचल प्रदेश के केलांग से मिली जानकारी के अनुसार, बादल फटने की घटना दारचा से करीब 16 किलोमीटर दूर सामने आई है।
बादल फटने से फंसे थे 10,500
उत्तराखंड में बादल फटने के कारण रास्ते में फंसे 10 हजार 500 से ज्यादा लोगों को अब तक सुरक्षित स्थानों पर पहुंचा दिया गया है। इनमें से कुछ लोगों को वायुसेना के चिनूक और एमआई17 हेलिकॉप्टर से सुरक्षित निकाला गया है।
इसको लेकर अधिकारियों ने जानकारी दी कि अभी भी केदारनाथ, भीमबली और गौरीकुंड में करीब 1 हजार 300 लोग फंसे हुए हैं, जिन्हें बाहर निकालने के लिए शनिवार को युद्ध स्तर पर बचाव अभियान चलाया गया।
सभी लोग जहां भी हैं पूरी तरह से सुरक्षित हैं और उनके ठहरने, खाने-पीने का पूरा इंतजाम किया गया है। वहीं, पुलिस ने अधिकतर लापता बताए गए लोग अपने घरों को पहुंच गए हैं।
जल्द बना लिया जाएगा टूटा पुल
बीआरओ के अधिकारियों ने जानकारी दी कि क्षतिग्रस्त पुलों को बनाने का कार्य कम से कम तीन दिन में पूरा कर लिया जाएगा। पिछले दिनों बादल के फटने के बाद मलाणा गांव का संपर्क कटने से 35 सैलानी फंस गए थे। उन्हें चंद्रखणी से निकाले की तैयारी की जा रहा है। प्रदेश में 9 अगस्त तक मौसम खराब रहने का पूर्वानुमान है। 114 सड़कें, 163 बिजली ट्रांसफार्मर और 100 पेयजल योजनाएं ठप पड़ी हैं।
50 लोगों के मरने की आशंका
वहीं राज्य मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने बताया कि विनाशकारी बादल फटने के बाद प्रभावित क्षेत्रों में करीब 50 लोगों के मरने की आशंका है और आधिकारिक पुष्टि और बचाव कार्य पूरा होने के बाद ही आधिकारिक संख्या घोषित की जा सकती है।
उन्होंने ये भी कहा कि राज्य सरकार की प्राथमिकता जल्द से जल्द शवों की तलाश करना और संपर्क दोबारा बहाल करना है, क्योंकि अचानक आई बाढ़ से प्रभावित क्षेत्रों का दायरा बहुत फैला है।
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