हाइलाइट्स
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उच्च शिक्षा विभाग ने कॉलेजों को लिखा पत्र
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कॉलेज प्रोफेसर्स करेंगे मूल्यांकन का काम
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जून तक आ जाएंगे सभी कक्षाओं के रिजल्ट
cg higher education: छत्तीसगढ़ उच्च शिक्षा विभाग ने बिगड़े हुए एकेडमिक कैलेंडर में सुधार के लिए नए दिशा-निर्देश जारी किए हैं।
आने वाले एकेडमिक कैलेंडर में सभी कक्षाओं में समय पर प्रवेश के साथ ही अन्य गतिविधियां भी समय पर की जाएगी।
उच्च शिक्षा विभाग (cg higher education) ने पं. रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय समेत प्रदेश के शासकीय विश्वविद्यालयों के वार्षिक परीक्षा के पूरे नतीजे समय पर जारी कराने के लिए पत्र जारी किया है।
एकेडमिक कैलेंडर के अनुसार जून तक सभी रिजल्ट जारी हो सकते हैं। इसको लेकर उच्च शिक्षा विभाग ने सभी कॉलेजों को पत्र लिखा गया है।
मूल्यांकन कार्य होता है प्रभावित
बता जाता है कि सरकारी कॉलेजों के शिक्षक (cg higher education) गर्मी के दिनों में अवकाश पर रहते हैं। इसकी वजह से कई बार मूल्यांकन कार्य भी प्रभावित हो जाता है।
जबकि एकेडमिक कैलेंडर की बात करें तो वार्षिक परीक्षा के रिजल्ट जून तक आ जाने चाहिए, लेकिन मूल्यांकन के कार्य में देरी होने के कारण कई बार रिजल्ट अगस्त महीने तक आते हैं।
एकेडमिक सत्र पिछड़ जाता है
रिजल्ट में देरी का असर छात्रों पर सबसे ज्यादा पड़ता है। इससे ऐसे छात्र जो अन्य राज्यों में उच्च शिक्षा (cg higher education) के लिए जाना चाहते हैं, उन्हें दूसरे राज्यों में रिजल्ट (Higher education result) के अभाव में प्रवेश नहीं मिल पाता है।
इसके साथ ही प्रदेश में भी प्रवेश प्रक्रिया पर असर पड़ता है। रिजल्ट में देरी की वजह से सितंबर तक एडमिशन ही चलते रहते हैं। इसका असर एकेडमिक सत्र पिछड़ जाता है और समय पर शैक्षणिक कार्य भी नहीं होता है।
इस विवि के नतीजे अप्रैल से ही
बता दें कि पं.रविशंकर शुक्ल यूनिवर्सिटी की वार्षिक परीक्षा मार्च के पहले सप्ताह में शुरू हो जाती है। पिछले कुछ सालों में इसके रिजल्ट (Higher education result) मई के आखिरी सप्ताह या जून से जारी होते थे।
पूरे रिजल्ट अगस्त तक आते थे, लेकिन इस बार परिणाम अप्रैल से ही जारी होने शुरू हो जाएंगे। इसको लेकर विश्वविद्यालय ने तैयारी कर ली है।
बीसीए-बीकॉम फाइनल के नतीजे इसी माह
पं. रविशंकर शुक्ल विवि की परीक्षा 5 मार्च से शुरू हुई है। ये परीक्षा मई तक होगी। उधर, इस बार मार्च के दूसरे सप्ताह से ही केंद्रीय मूल्यांकन के तहत कॉपियों का मूल्यांकन शुरू हो गया है।
इस दौरान कई विषयों की कॉपियों की जांच हो भी चुकी है। अगले कुछ दिनों में सर्टिफिकेट कोर्स और जिनमें छात्रों की संख्या कम है, उनके परिणाम भी जारी कर दिए जाएंगे। बड़ी परीक्षाओं में बीसीए फाइनल और बीकॉम फाइनल के नतीजे भी लगभग इसी महीने में जारी होंगे।
प्रोफेसरों को गर्मी की छुट्टी नहीं
उच्च शिक्षा विभाग (cg higher education) ने सरकारी कॉलेजों को एक आदेश जारी किया है। इस आदेश में कहा है कि इस बार कॉलेज के प्रोफेसर व असिस्टेंट प्रोफेसरों को गर्मी की छुट्टी नहीं दी जाएगी।
इस बीच गर्मी की छुट्टी में प्रोफेसर्स मूल्यांकन का काम करेंगे। ऐसा इसलिए किया जा रहा है ताकि इस बार समय पर रिजल्ट आ सकें। इसके साथ ही समय पर अगले शैक्षणिक सत्र में प्रवेश समय पर शुरू हो सकें।
इस विकल्प पर मिलेगी छुट्टी
बता दें कि उच्च शिक्षा विभाग (cg higher education) के आदेश में छुट्टी के लिए विकल्प भी दिया गया है। आदेश के अनुसार विशेष परिस्थिति में यदि प्रोफेसर्स को अवकाश पर रहना है तो प्राचार्य की ओर से वैकल्पिक नाम देना होगा।
इसके बाद उत्तर पुस्तिका मूल्यांकन ड्यूटी कर रहे प्रोफेसरों को इस कार्य से मुक्त किया जाएगा। इससे पहले मूल्यांकन कार्य से मुक्त करने का प्रस्ताव विश्वविद्यालय को प्राचार्य के द्वारा भेजा जाएगा।
इस आदेश से प्रोफेसरों में नाराजगी
उच्च शिक्षा विभाग (cg higher education) ने ग्रीष्मकालीन अवकाश पर रोक लगा दी है। इसके साथ ही प्रोफेसरों को मूल्यांकन में शामिल होने की अनिवार्यता संबंधी उच्च शिक्षा विभाग ने आदेश दिए हैं।
इस आदेश को लेकर कॉलेजों के प्रोफेसरों में नाराजगी है। शिक्षकों का कहना है कि कॉलेजों में पहले से ही शिक्षकों की कमी है। विवि को परीक्षा की चिंता नहीं है।
शिक्षक नहीं होंगे तो फिर समय पर और नियमानुसार परीक्षा कैसे होगी। प्रोफेसरों का सवाल है कि क्या सिर्फ मूल्यांकन और रिजल्ट ही समय पर जारी करना जरूरी है।
कॉलेजों को भेजा गया पत्र
उच्च शिक्षा विभाग (cg higher education) का आदेश आने के बाद पं. रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय ने उत्तर पुस्तिका मूल्यांकन को लेकर शासकीय कॉलेजों के प्राचार्यों को पत्र भेजा है।
इसमें कहा है कि वार्षिक परीक्षा के परिणाम (Higher education result) जल्द जारी करने विवि में केंद्रीय मूल्यांकन से उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन जारी है।
आंसरशीट के मूल्यांकन के लिए प्रोफेसरों और असिस्टेंट प्रोफेसरों के समय पर उपलब्ध नहीं होने की स्थिति में मूल्यांकन कार्य प्रभावित होता है।
कॉलेज प्राचार्यों को उच्च शिक्षा विभाग के द्वारा जारी दिशा-निर्देशों का पालन करने के लिए कहा गया है।