नई दिल्ली। देश में बालिकाओं Higher Education News को हर क्षेत्र में आगे बढ़ाने के हर संभव प्रयास सरकार द्वारा किए जा रहे हैं। विशेष रूप से उन्हें शिक्षित करने के लिए तरह—तरह की योजनाएं बनाई जा रही हैं। इसी क्रम में प्रदेश सरकार कॉलेज की छात्राओं के लिए एक बड़ी सौगात देने जा रही है। जिसमें कॉलेज में यूजी और पीजी कर रही छात्राओं में जरूरतमंद छात्राओं को मातृत्व और बाल अवकाश दिया जाएगा। आपको बता दें शिक्षिकाओं को तो यह पहले से ही अवकाश दिया ही जाता है।
कुलपतियों को दिए गए निर्देश —
आपको बता दें छात्राओं के लिए दी जाने वाली यह योजना पहले से ही चल रही है। जिसके अंतर्गत कॉलेज की छात्राओं को नियमानुसार मातृत्व और बाल अवकाश दिया जाता है। जिसमें इस अवकाशों के दौरान आने वाले अन्य अवकाशों को शामिल नहीं किया जाता है। लेकिन कुछ कॉलेजों द्वारा इसे ठीक तरह से लागू न किए जाने की शिकायत यूजीसी को मिली थी।
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मिली थी शिकायतें —
उच्च शिक्षा अनुदान आयोग यानि यूजीसी द्वारा इस संबंध में पहले से ही प्रावधान कर दिया गया था। इसके अंतर्गत कॉलेज की छात्राओं को बाल एवं मातृत्व अवकाश दिए जाने का नियम बनाया गया था। लेकिन ज्यादातर विश्वविद्यालयों और उनसे संबंधित कॉलेजों में इस नियम का उचित परिपालन नहीं किया जा रहा था। इस संबंध में शिकायतें प्राप्त होने पर यूजीसी ने सभी विश्वविद्यालयों के कुलपतियों को पत्र जारी किया। यूजीसी के इस पत्र में विश्वविद्यालयों के कुलपतियों सीधे निर्देश दिए गए हैं जिसमें कहा गया है कि यूजीसी रेगुलेशन 2016 में मातृत्व और बाल देखभाल अवकाश संबंधी प्रावधान निहित है। पत्र में इस प्रावधान को उच्च शिक्षा विभाग के कॉलेजों में भी लागू करने के लिए कहा गया है।
इस रेगुलेशन में पहले से है नियम —
विश्वविद्यालयों के कुलपतियों को लिखे पत्र में कहा गया है कि यूजीसी रेगुलेशन 2016 में निहित मातृत्व और बाल देखभाल अवकाश संबंधी प्रावधान देश की छात्राओं की जरूरत को ध्यान में रखते हुए किया गया था।पत्र में कुलपतियों को लिखा गया है कि मातृत्व और बाल देखभाल अवकाश देने के लिए कॉलेजों द्वारा संबंधित नियमों को इस तरह लागू किया जाए कि छात्राएं इसका लाभ उठा सकें। जारी आदेश में उन्होंने कॉलेजों में अध्ययनरत यूजी और पीजी क्लासेस की सभी जरूरतमंद छ़ात्राओं को मातृत्व और बाल देखभाल अवकाश देने के निर्देश दिए गए हैं।