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वर्ग-3 शिक्षक भर्ती मामला: हाईकोर्ट ने 40 मिनट सुनवाई में 7 मिनट पढ़ा सुप्रीम कोर्ट का फैसला, फिर ये हुआ आदेश

MP Teacher Recruitment: हाईकोर्ट जबलपुर में 40 मिनट चली सुनवाई में बेंच ने 7 मिनट तक सुप्रीम कोर्ट का फैसला पढ़ा, फिर आदेश दिया।

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Rahul Sharma
वर्ग-3 शिक्षक भर्ती मामला: हाईकोर्ट ने 40 मिनट सुनवाई में 7 मिनट पढ़ा सुप्रीम कोर्ट का फैसला, फिर ये हुआ आदेश

हाइलाइट्स

  • वर्ग 3 शिक्षक भर्ती पर एमपी हाईकोर्ट से आया बड़ा अपडेट
  • सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद हाईकोर्ट की डिवीजन बेंच में हुई सुनवाई
  • राज्य सरकार ने नियमों के खिलाफ बीएड डिग्रीधारियों को दी थी नियुक्ति
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MP Teacher Recruitment: एमपी हाईकोर्ट में सोमवार, 15 अप्रैल को प्राथमिक शिक्षक भर्ती यानी वर्ग-3 में डीएड-बीएड विवाद से जुड़े मामले की सुनवाई हुई।

हाईकोर्ट जबलपुर में 40 मिनट चली इस सुनवाई में बेंच ने 7 मिनट तक सुप्रीम कोर्ट का फैसला पढ़ा। मामले में अब हाईकोर्ट ने आदेश दिए हैं।

https://twitter.com/BansalNewsMPCG/status/1779898400898535628

ये है पूरा मामला

दरअसल, सैकड़ो डीएड छात्रों की ओर से मप्र हाईकोर्ट में याचिका दायर कर प्राथमिक शिक्षक के पद पर बीएड डिग्रीधारकों को नियुक्ति (MP Teacher Recruitment) देने को चुनौती दी गई।

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याचिकाकर्ताओं की ओर से अधिवक्ता रामेश्वर सिंह ठाकुर ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट ने 8 नवंबर 2023 को प्राथमिक शिक्षक के पद पर नियुक्ति के लिए बीएड डिग्री धारियों को अयोग्य घोषित किया था।

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इस फैसले के स्पष्टीकरण के लिए मध्य प्रदेश सरकार ने सुप्रीम कोर्ट पुनर्विचार याचिका दायर की थी। 8 अप्रैल 2024 को सुप्रीम कोर्ट का फैसला आ जाने के बाद सोमवार को हाईकोर्ट में इस मामले की सुनवाई हुई।

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आदेश के बाद भी बीएड डिग्रीधारियों को नियुक्ति

अधिवक्ता रामेश्वर सिंह ठाकुर ने बताया कि राज्य सरकार ने शपथ पत्र दाखिल कर बताया था कि प्राथमिक शिक्षकों की कुल 21962 नियुक्तियों (MP Teacher Recruitment) में से 11,583 बीएड अभ्यर्थी हैं।

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शेष पद डीएलएड उम्मीदवारों से भरे गए हैं। 8 नवंबर 2023 के सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद प्रतीक्षा सूची में से 284 बीएड डिग्री वाले अभ्यर्थियों को नियुक्त किया गया है।

सुप्रीम कोर्ट ने ये दिया आदेश

पुर्नविचार याचिकाओं मे सुप्रीम कोर्ट ने 8 अप्रैल 2024 को स्पष्ट किया कि 8 नवंबर 2023 के बाद प्राथमिक शिक्षकों के रूप मे बीएड डिग्री धारियों की नियुक्तियां (MP Teacher Recruitment) पूर्णरूप से अवैधानिक हैं।

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जो नियुक्ति उक्त दिनांक के पूर्व की गई हैं और जिनमें हाईकोर्ट का अंतरिम आदेश बरकरार है। उनकी वैधानिकता के संबंध मे मप्र हाईकोर्ट फैसला करेगा।

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हाईकोर्ट ने अंतरिम आदेश के तहत 7 जुलाई 2022 को प्राथमिक शिक्षक के पद पर की गईं समस्त नियुक्तियों को याचिका के अंतिम निर्णय के अधीन रखा था।

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 तुलनात्मक चार्ट पेश करने के निर्देश 

सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद मप्र हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को निर्देश दिए कि प्राथमिक शिक्षक के पद पर जिन बीएड डिग्रीधारकों को नियुक्ति (MP Teacher Recruitment) दी है। उनका तुलनात्मक चार्ट पेश करो। सुनवाई जस्टिस शील नागू व जस्टिस अमरनाथ केसरवानी की खंडपीठ में हुई है।

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24 अप्रैल को मामले की अगली सुनवाई

मामले की अगली सुनवाई 24 अप्रैल को निर्धारित की है। इसके पहले सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद राजस्थान हाईकोर्ट ने एनसीटीई की उस अधिसूचना को असंवैधानिक घोषित किया था जिसके तहत बीएड डिग्रीधारकों को भी प्राथमिक शिक्षक के पद पर नियुक्ति (MP Teacher Recruitment) के लिए पात्र माना था।

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