हाइलाइट्स
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वर्ग-1 शिक्षक भर्ती 2018 में EWS उम्मीदवारों की नियुक्ति का रास्ता साफ
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स्कूल शिक्षा विभाग को 45 दिनों के अंदर EWS उम्मीदवारों को देनी होगी नियुक्ति
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EWS उम्मीदवारों की नियुक्ति हो जाने तक नई भर्ती पर हाई कोर्ट ने लगाई रोक
MP EWS Teacher Recruitment: स्कूल शिक्षा विभाग की लापरवाही का नतीजा है कि 7591 पदों पर वर्ग-1 यानी उच्च माध्यमिक शिक्षक की नई भर्ती पर रोक लग गई है।
यह रोक 848 EWS उम्मीदवारों की नियुक्ति हो जाने तक लगी रहेगी। मामले में 23 फरवरी, गुरुवार को हाई कोर्ट जबलपुर ने आदेश दिये हैं। इसके साथ ही कोर्ट ने DPI कमिश्नर को अंग्रेजी सीखने की नसीहत भी दी है।
पहले मामले को जान लेते हैं
स्कूल शिक्षा विभाग ने वर्ष 2018 में उच्च माध्यमिक शिक्षक यानी वर्ग-1 की नियुक्ति के लिये परीक्षा कराकर भर्ती (MP EWS Teacher Recruitment) की। 29 सितंबर 2022 को नियोजन प्रक्रिया को नई भर्ती बताकर ईडब्ल्यूएस उम्मीदवारों की नियुक्ति रोक दी गई।
इससे 848 EWS उम्मीदवारों को नियुक्ति नहीं मिल सकी। जबकि हकीकत यह थी कि इस भर्ती को भी वर्ष 2018 के परीक्षा परिणाम के आधार पर ही की गई थी। इसे EWS उम्मीदवारों ने कोर्ट में चैलेंज किया।
हाई कोर्ट के आदेश से ऐसे रूकी नई भर्ती
हाई कोर्ट जबलपुर ने अपने आदेश में कहा कि विभाग पहले वर्ष 2018 की भर्ती के आधार पर 848 EWS उम्मीदवारों को 45 दिनों के अंदर नियुक्ति दे, तब तक के लिये विभाग नई भर्ती (MP EWS Teacher Recruitment) न करे।
बता दें कि हाल ही में वर्ष 2023 में वर्ग 1 की परीक्षा का रिजल्ट आया है। जिसमें स्कूल शिक्षा विभाग को 7591 पदों पर शिक्षकों की भर्ती करना है, लेकिन अब जब तक पुरानी भर्ती में 848 EWS उम्मीदवारों की नियुक्ति नहीं हो जाती, तब तक विभाग नई भर्ती प्रक्रिया शुरु ही नहीं कर सकेगा।
इसलिए डीपीआई कमिश्नर को अंग्रेजी सीखने की नसीहत
हाई कोर्ट के जस्टिस विवेक अग्रवाल की एकलपीठ बेंच ने कहा कि कमिश्नर ने सही जवाब नहीं दिया है। उनको बोले कि वे इंग्लिश की क्लास लगा लें। पढ़ लें उसका, गलत जवाब न दिया करें।
दरअसल इस मामले में विभाग के अधिकारियों द्वारा लगातार गोलमोल या अस्पष्ट जवाब दिया जा रहा था।
कोर्ट इसी मामले में जिला शिक्षा अधिकारी कटनी के जवाब पर कड़ी टिप्पणी कर चुका है। कोर्ट ने कहा था कि न्यायालय भांग खाकर नहीं बैठे हैं।
ईडब्ल्यूएस आरक्षण का प्रावधान
सुनवाई के दौरान याचिककर्ता की ओर से पैरवी कर रहे अधिवक्ता धीरज तिवारी ने बताया कि पात्रता परीक्षा के समय ईडब्ल्यूएस आरक्षण (MP EWS Teacher Recruitment) का प्रावधान नहीं था, लेकिन पात्रता परीक्षा की वैधता एक वर्ष तक रहती है।
केन्द्र सरकार ने संविधान में संशोधन कर 14 जनवरी, 2019 को ईडब्ल्यूएस आरक्षण लागू किया। इस कारण याचिकाकर्ताओं को उसका लाभ मिलना चाहिए।
ईडब्ल्यूएस वर्ग के अभ्यर्थियों के लिए न्यूनतम अहर्ता 75 अंक निर्धारित किया गया था और याचिकाकर्ता इसके पात्र हैं। यह भी बताया गया कि 2018 के बाद पात्रता परीक्षा 2023 में हुई है।