Israel Lebanon War: इजराइल की सेना ने मंगलवार को दक्षिणी लेबनान में हिजबुल्लाह के ठिकानों पर सीमित जमीनी ऑपरेशन शुरू किया है। इजराइल डिफेंस फोर्स (IDF) ने जानकारी दी कि यह कार्रवाई सोमवार रात से शुरू हुई, जिसका उद्देश्य हिजबुल्लाह के ठिकानों और बुनियादी ढांचे को तबाह करना है।
IDF ने बताया कि उनका निशाना सीमा से सटे उन गांवों (Israel Ground Invasion) पर है, जहां से हिजबुल्लाह, इजराइल के खिलाफ हमले करता है। इन गांवों में ऑपरेशन के दौरान इजराइली सैनिकों ने हाल ही में प्राप्त विशेष प्रशिक्षण का उपयोग किया। इस अभियान में इजराइली वायुसेना भी सक्रिय रूप से शामिल है।
इजराइल का यह कदम सीमा पर बढ़ते तनाव और हिजबुल्लाह (Israel at war) के लगातार हो रहे हमलों के जवाब में उठाया गया है, ताकि वहां से होने वाले खतरों को समाप्त किया जा सके।
लेबनान में नहीं घुसी इजराइली सेना-हिजबुल्लाह
हिज़बुल्लाह ने इजराइल के लेबनान में ग्राउंड ऑपरेशन की खबरों को खारिज कर दिया है। अलजजीरा की रिपोर्ट के अनुसार, हिज़बुल्लाह के मीडिया संबंध अधिकारी मुहम्मद अफीफ ने स्पष्ट किया कि “यहूदियों द्वारा किया गया यह दावा कि इजराइल ने लेबनान में जमीनी अभियान शुरू कर दिया है, पूरी तरह से झूठा है।”
उन्होंने आगे कहा, “अब तक इजराइल और हमारे लड़ाकों (Israel War With Lebanon) के बीच कोई सीधी मुठभेड़ नहीं हुई है। अगर दुश्मनों की सेना ने लेबनान में प्रवेश करने की कोशिश की, तो हमारे लड़ाके पूरी तरह से उनके खिलाफ कार्रवाई करने के लिए तैयार हैं।”
तेल अवीव में मोसाद हेडक्वार्टर पर हमला
इजरायल और हिज्बुल्लाह के बीच तनावपूर्ण संघर्ष लगातार बढ़ता जा रहा है। हिज्बुल्लाह ने दावा किया है कि उसने तेल अवीव स्थित मोसाद मुख्यालय पर मिसाइल हमले किए हैं।
दूसरी तरफ, इजरायली डिफेंस फोर्सेज (IDF) ने दक्षिणी लेबनान में हिज्बुल्लाह के खिलाफ ‘सीमित, स्थानीय और लक्षित’ जमीनी अभियान की शुरुआत की है, जिसका उद्देश्य हिज्बुल्लाह की गतिविधियों पर नियंत्रण पाना है।
इस बीच, इजरायल के रक्षा मंत्री योआव गैलेंट ने अमेरिकी रक्षा सचिव लॉयड ऑस्टिन से टेलीफोन पर चर्चा की, जिसमें ऑस्टिन ने वॉशिंगटन की ओर से इजरायल को अपना समर्थन फिर से दोहराया।
हालांकि, उन्होंने इस संघर्ष को रोकने और नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए एक कूटनीतिक समाधान की आवश्यकता पर जोर दिया। उनका कहना था कि इजरायल-लेबनान सीमा के दोनों ओर बेकसूर नागरिकों की सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता होनी चाहिए, और शांति स्थापना के लिए बातचीत का मार्ग अपनाया जाना चाहिए।
2006 के बाद पहली बार घुसी है इजराइली सेना
बता दें न्यूज़ एजेंसी AP के अनुसार साल 2006 के बाद पहली बार इजराइली सेना लेबनान में दाखिल हुई है. हालांकि उस समय इजराइल और हिजबुल्लाह के बीच लगभग 33 दिनों तक जंग चली थी.
जिसमें 1100 से ज्यादा लेबनानी मारे गए थे. वहीं, इजराइल (इजरायल हमास युद्ध) के 165 लोगों की मौत हुई थी।