हे प्रभु आनंददाता: शोक का कैसे होगा मूल जड़ से नाश? शोक का कैसे होगा मूल जड़ से नाश? संसार में सबसे सुखी कौन? कौन शोक से मुक्त, कौन प्रसन्न है? जिसके पास संतोष है वो सुखी है!
हे प्रभु आनंददाता: शोक का कैसे होगा मूल जड़ से नाश? शोक का कैसे होगा मूल जड़ से नाश? संसार में सबसे सुखी कौन? कौन शोक से मुक्त, कौन प्रसन्न है? जिसके पास संतोष है वो सुखी है!