नई दिल्ली। मानसून खत्म होने के बाद भी कई राज्यों में बारिश का सिलसिला जारी है। पिछले कुछ दिनों में या कहें कुछ घंटों में दिल्ली, केरल, मध्य प्रदेश और उत्तराखंड में भारी बारिश हुई है। केरल और उत्तराखंड में तो इस बारिश की वजह से लोगों का जनजीवन अस्त व्यस्त हो गया है। IMD ने बताया कि 1960 के बाद पहली बार इस साल अक्टूबर के महीने में सबसे अधिक वर्षा हुई है। ऐसे में सवाल उठता है कि आखिर ऐसा क्यों हुआ? आइए आज इसे जानने की कोशिश करते हैं।
इन राज्यों में बारिश का असर
मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार मानसून में देरी और कम दबाव क्षेत्रों के विकास के कारण कई राज्यों में भारी बारिश हुई है। खासकर, केरल, उत्तराखंड, मध्य प्रदेश, हरियाणा, राजस्थान, दिल्ली, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु, पुडुचेरी और तेलंगाना के कई क्षेत्र इससे प्रभावित हुए हैं। लोग इस बारिश को असामान्य मान रहे हैं। क्योंकि अक्टूबर के महीने में हल्की बूंदाबांदी तो ठीक है। लेकिन इतनी तेज बारिश किसी ने नहीं देखी।
इस कारण से हुई भारी बारिश
वहीं जानकारों की मानें तो अक्टूबर में बारिश असमान्य नहीं है। मौसम के लिहाज से अक्टूबर महीने को परिवर्तन का महीना माना जाता है। इस दौरान दक्षिण-पश्चिम मानसून की वापसी होती है और ये उत्तर-पूर्वी मानसून को रास्ता देता है। औमतौर पर इसी वजह से देश में बारिश या बर्फबारी होती है। बतादें कि पिछले सप्ताह के अंत में, लद्दाख, कश्मीर और उत्तराखंड के उंचाई वाले इलाकों में मौसम की पहली बर्फबारी हुई है। वहीं, पिछले हफ्ते में दो कम दबाव के क्षेत्र एक साथ सक्रिय थे, जिनमें से एक अरब सागर और दूसरा बंगाल की खाड़ी के ऊपर था। इसके कारण सामूहिक रूप से, केरल, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, दिल्ली, मध्य प्रदेश, उत्तराखंड, ओडिशा और पश्चिम बंगाल में भारी बारिश हुई।
मानसून की वापसी में देरी
बतादें कि देश में चार महीने तक रहने वाला दक्षिण-पश्चिम मानसून आमतौर पर अक्टूबर की शुरूआत में पूरी तरह से वापस चला जाता है। वहीं सामान्य तौर पर मानसून की विदाई की शुरूआत 17 सितंबर को हो जाती है। लेकिन इस वर्ष मानसून की वापसी 6 अक्टूबर से शुरू हुई है। मानसून वापसी के दौरान गरज के साथ भारी बारिश की संभावना रहती है। इस बार ठीक वहीं हुआ है। जिस मानसून को 17 सिंतबर से चले जाना चाहिए था और अक्टूबर के शुरूआत में खत्म हो जाना चाहिए था। उस मानसूम की वापसी 6 अक्टूबर से शुरू ही हुई है। ऐसे में देश के अलग-अलग हिस्सों में दो-चार दिन और बारिश होने की संभावना है।
इन जगहों पर भारी बारिश की संभावना
गौरतलब है कि अभी पश्चिमी उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड और हमाचल में भारी बारिश की संभावना है। IMD ने भी इन क्षेत्रों के लिए “रेड अलर्ट” जारी किया है। वहीं निम्र दवाब के कारण बुधवार तक पश्चिम बंगाल, ओडिशा, सिक्किम और बिहार में भारी बारिश होने की उम्मीद है। इसके अलावा बंगाल की खाड़ी से चलने वाली तेज दक्षिणी-पूर्वी हवाओं के कारण अरूणाचल प्रदेश, असम और मेघाल में भी बुधवार तक भारी बारिश की संभावना है।