हाइलाइट्स
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धार भोजशाला मामले पर इंदौर हाई कोर्ट में सुनवाई
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98 दिन सर्वे में बनी थी 2 हजार पन्नों की रिपोर्ट
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भोजशाला मामले पर हाई कोर्ट कर सकता है फैसला
Dhar Bhojshala: मध्य प्रदेश के धार में स्थित भोजशाला के सर्वे के बाद आज इंदौर हाई कोर्ट में सुनवाई होगी। भोजशाला मंदिर है या मस्जिद इस पर आज फैसला आएगा। आपको बता दें कि ASI ने 98 दिन सर्वे करने के बाद 2000 पन्नों की सर्वे रिपोर्ट कोर्ट में पेश की थी।
98 दिनों की खुदाई का खुलेगा राज: धार भोजशाला मामले पर इंदौर हाई कोर्ट में सुनवाई आज; आ सकता है फैसला#MPNews #DharBhojshala #Bhojshala #Indore #IndoreHighCourt
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— Bansal News (@BansalNewsMPCG) July 22, 2024
98 दिन सर्वे, 2 हजार पन्नों की रिपोर्ट
धार की भोजशाला में ASI टीम ने 98 दिनों तक सर्वे किया था। इस सर्वे (Dhar Bhojshala) में कई सबूत मिले थे, जिसकी रिपोर्ट ASI ने 2 हजार पन्नों में बनाई थी और इंदौर हाई कोर्ट में पेश की थी। आज उसी रिपोर्ट पर सुनवाई होगी और फैसला आएगा।
ASI ने इस दिन से शुरू किया था सर्वे
आपको बता दें कि 11 मार्च 2024 को इंदौर हाई कोर्ट ने धार में बनी भोजशाला के 500 मीटर के एरिये में सर्वे करने का आदेश दिया था। आदेश के बाद ASI की टीम ने 98 दिनों तक सर्वे किया और 2000 पन्नों की रिपोर्ट तैयार की।
ये सर्वे 22 मार्च 2024 से शुरू होकर 27 जून 2024 तक चला था। सर्वे के दौरान खुदाई के साथ फोटोग्राफी और वीडियोग्राफी भी कराई गई थी। इसके लिए GPR और GPS तकनीक की मदद ली गई थी।
इस दिन पेश की थी रिपोर्ट
भोजशाला में 98 दिन सर्वे होने के बाद ये रिपोर्ट 4 जुलाई को ही इंदौर हाई कोर्ट में पेश करनी थी, लेकिन सर्वे रिपोर्ट बनने में हुई देरी की वजह से समय की मांग की गई और इसे 10 दिन बाद कोर्ट में पेश किया गया। 14 जुलाई को रिपोर्ट तैयार हुई और 15 जुलाई को ASI ने इसे हाई कोर्ट में पेश किया, जिस पर आज सुनवाई होना है।
परिसर में हिंदू की पूजा और मुस्लिम की नमाज दोनों
इस भोजशाला (Dhar Bhojshala) में फिलहाल हिंदू और मुस्लिम दोनों समुदाया के लोग पूजा और नमाज पढ़ते हैं। ये व्यवस्था 7 अप्रैल 2003 को बनाई गई थी, इसके तहत हिंदू समुदाय हर मंगलवार पूजा करता है, जबकि मुस्लिम समुदाय हर शुक्रवार को नमाज अदा करता है।
हिंदू- मुस्लिम का ये दावा
इस भोजशाला (Dhar Bhojshala) को लेकर हिंदू और मुस्लिम दोनों समुदाय अलग-अलग दावे कर रहे हैं। हिंदू समुदाय इसे वाग्देवी (देवी सरस्वती) का मंदिर होने का दावा कर रहे हैं, तो वहीं दूसरी तरफ मुस्लिम समुदाय इसे कमाल मौला मस्जिद होने का दावा कर रहा है। इसे देखते हुए 11 मार्च को एमपी हाई कोर्ट ने भोजशाला में सर्वे के लिए ASI को आदेश दिया था।
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