नई दिल्ली। जातीय हिंसा से जूझ रहे मणिपुर में भीड़ द्वारा दो महिलाओं को निर्वस्त्र कर घुमाए जाने के मामले की जांच सीबीआइ करेगी। केंद्र सरकार ने गुरुवार को सु्प्रीम कोर्ट में यह जानकारी दी है। केंद्र सरकार ने कोर्ट में हलफनामा दाखिल कर सुप्रीम कोर्ट से मामले की
जांच, असम में कराने का भी अनुरोध किया है। हलफनामे में केंद्र ने कहा कि महिलाओं के खिलाफ किसी भी अपराध के प्रति सरकार की जीरो टॉलरेंस नीति है।
एसपी रैंक के अधिकारी को मामले की जांच सौंपी गई: केंद्र
केंद्र ने कोर्ट में कहा कि इस मामले से जुड़े अपराधियों को गिरफ्तार करने के लिए कई स्थानों पर बड़े पैमाने पर ऑपरेशन के लिए कई पुलिस टीमों का गठन किया गया है। वहीं, अन्य वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों की निरंतर निगरानी में एक अतिरिक्त एसपी रैंक के अधिकारी
को मामले की जांच सौंपी गई है।
पीड़िता के साथ हो न्याय: केंद्र सरकार
केंद्र सरकार ने पेश किए अपने हलफनामे में कहा कि मणिपुर में दो महिलाओं के साथ हुए अपराध को जघन्य मानती है, जिन्हें न केवल उतनी गंभीरता से लिया जाना चाहिए, बल्कि न्याय भी किया जाना चाहिए।
केंद्र सरकार ने कोर्ट से कहा कि मणिपुर में दो महिलाओं के साथ हुए जघन्य अपराध को सरकार दुर्भाग्यपूर्ण मानती है और सरकार इस मामले के घटनाक्रम पर नजर रख रही है। केंद्र सरकार का भी मानना है कि न केवल जांच जल्द से जल्द पूरी की जानी चाहिए बल्कि
मुकदमा भी समयबद्ध तरीके से चलाया जाना चाहिए।
केंद्र ने हलफनामे में और क्या-क्या कहा
- केंद्र सरकार का मानना है कि जांच जल्द से जल्द पूरी की जानी चाहिए। मुकदमा भी समयबद्ध तरीके से चलाया जाना चाहिए। मामले की सुनवाई समेत पूरे केस को मणिपुर के बाहर किसी भी राज्य में ट्रांसफर करने का आदेश दिया जाए।
- इस केस में ट्रायल भी फास्ट ट्रैक में चलाया जाए, जिससे चार्जशीट दाखिल होने के 6 महीने के भीतर कार्रवाई हो सके।
- किसी भी राज्य के बाहर मामले/मुकदमे को ट्रांसफर करने की शक्ति सिर्फ इस अदालत (सुप्रीम कोर्ट) के पास है। इसलिए, केंद्र सरकार इस अदालत से ऐसा आदेश पारित करने का अनुरोध करती है।
- मणिपुर सरकार ने सूचित किया है कि सात मुख्य आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है। आगे की जांच के लिए वे पुलिस कस्टडी में हैं।
- कुछ अपराधियों की पहचान हो गई है। उनकी गिरफ्तारी के लिए कई पुलिस टीमें गठित की गई हैं। संबंधित ठिकानों पर लगातार छापे मारे जा रहे हैं।
- एक अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (एसपी) स्तर के अधिकारी को अन्य वरिष्ठ अधिकारियों की देखरेख में मामले की जांच सौंपी गई है।
- केंद्र सरकार, महिलाओं के खिलाफ किसी भी अपराध के प्रति जीरो टॉलरेंस के तहत एक्शन लेती है। इस तरह के अपराध बेहद जघन्य हैं। इन अपराधों को ना सिर्फ गंभीरता से लिया जाना चाहिए बल्कि न्याय भी होना चाहिए।
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