नयी दिल्ली, 12 जनवरी (भाषा) केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव और भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के महानिदेशक ने कोरोना वायरस के टीके के निर्माण एवं वितरण के संदर्भ में मंगलवार को एक संसदीय समिति के समक्ष जानकारी दी और सदस्यों के सवालों के जवाब दिए।
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण से संबंधित संसद की स्थायी समिति की बैठक के सूचीबद्ध एजेंडे के अनुसार, स्वास्थ्य सचिव और आईसीएमआर के महानिदेशक ने ‘टीके के निर्माण, वितरण प्रबंधन और कोविड-19 महामारी में कमी आने’ को लेकर समिति को जानकारी दी।
समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता रामगोपाल यादव इस समिति के अध्यक्ष हैं।
समिति की बैठक उस समय हुई है जब देश में आगामी 16 जनवरी से कोरोना के खिलाफ टीकाकरण अभियान आरंभ हो रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसे दुनिया का सबसे बड़ा टीकाकरण कार्यक्रम करार दिया है।
इस अभियान में करीब तीन करोड़ स्वास्थ्य कर्मियों एवं अग्रिम मोर्चे पर कार्यरत कर्मियों को प्राथमिकता दी जाएगी।
भारत के औषधि नियामक ने ‘सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया’ द्वारा निर्मित ऑक्सफोर्ड के कोविड-19 टीके ‘कोविशील्ड’ और भारत बायोटेक के स्वदेश में विकसित टीके ‘कोवैक्सीन’ के देश में सीमित आपात इस्तेमाल को मंजूरी प्रदान की है।
उधर, 16 जनवरी को टीकाकरण मुहिम की शुरुआत से चार दिन पहले ‘कोविशील्ड’ टीकों की पहली खेप मंगलवार सुबह पुणे से दिल्ली पहुंची।
‘स्पाइसजेट’ का विमान टीकों के साथ सुबह करीब 10 बजे दिल्ली हवाईअड्डे पहुंचा। वह सुबह करीब आठ बजे पुणे हवाईअड्डे से रवाना हुआ था। इससे पहले तीन ट्रकों में इन टीकों को सुबह पांच बजे से कुछ समय पहले ‘सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया’ (एसआईआई) से पुणे हवाईअड्डा रवाना किया गया था।
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