नई दिल्ली। अनियमित दिनचर्या, Health News भागदौड भरी जिंदगी के आम इंसान के लिए एक नासूर बन गई है। जीवन की जरूरतों को पूरा करने के लिए इसके बिना काम भी नहीं चलता। ऐसे में आप सोचते हैं कि आप चाहते हैं सुकून भरी नींद। ताकि हम कुछ रिलेक्स महसूस कर स्वस्थ रह सकते हैं। पर क्या आप जानते हैं कि 6 से 8 घंटे की नींद के अलावा हमें कुछ और भी तरीके से आराम जरूरी होता है जिससे हम अपने आप को रिलेक्स फील करा सकते हैं। आइए जानते हैं कौन से हैं वे आराम।
शारीरिक आराम —
आपने कभी सोचा है कि कई बार हम पर्याप्त नींद लेने के बाद थका—थका सा क्यों महसूस करते हैं। ऐसा इसलिए होता है कि हमारे शरीर को एक शारीरिक आराम की जरूरत होती है। ये निष्क्रिय और सक्रिय दोनों हो सकता है। निष्क्रिय शारीरिक आराम को सामान्य रूप से झपकी लेने और सोने से जोड़ कर देखा जाता है। जबकि सक्रिय आराम से मतलब है योग, ध्यान, स्ट्रेचिंग और मालिश जैसी आराम देवी वाली गतिविधियों से लिया जाता है। ये चीजें आपके शरीर में रक्त संचार को सही रखकर लचीलापन भी देती हैं।
मानसिक आराम —
शारीरिक विश्राम के साथ—साथ मानसिक सेहत भी व्यक्ति के लिए उतनी ही जरूरी है। ऐसा न होने पर व्यक्ति चिढ़चिढ़ा होकर किसी भी काम पर ध्यान नहीं लगा पाता। त में नींद पर्याप्त नहीं हो रही है और दिगाम में हर पल कुछ विचार दौड़ते रहते हैं। ये मानसिक रूप से थकान के लक्षण हैं। ऐसे लोगों को भी मानसिक थकान दूर करने के लिए ध्यान, योग आदि पर ध्यान देना चाहिए।
9 घंटे में ब्रेक है जरूरी —
आजकल हर आफिस में 9 घंटे की वर्किंग के चलते एक ही पॉजिशन में बैठने से लोगों के पाश्चर खराब होने लगा है। आनलाइन क्लासेस और वर्क के चलते सभी की आंखे स्क्रीन पर ज्यादा टिकी रहती हैंं। ऐसे में काम के बीच में ऐसे लोगों को थोड़ी देर के लिए ब्रेक लेकर आराम जरूर करना चाहिए। स्क्रीन से आंखों को हटाकर थोड़ी देर करके सहलाने से भी काफी आराम मिलता है। लंबे समय तक गैजेट्स के संपर्क में रहने से बचना चाहिए। बीच में सिर्फ दो मिनट के लिए अपनी आंखें बंद कर लें।
भावनात्मक आराम —
यह भी एक खास तरह का आराम होता है। कई बार हम लोग भावनात्मक रूप से भी काफी कमजोर महसूस करते हैं। ऐसे में आपको भावनात्मक आराम के लिए अपने करीबी दोस्तों और रिश्तेदारों के साथ टाइम स्पेंड करना चाहिए। जिन लोगों से आपका भावनात्मक लगाव ज्यादा रहता है, ऐसे लोगों के संपर्क में रहने का प्रयास करें। दोस्तों के साथ ज्यादा समय बिताएं।
सामाजिक विश्राम —
हम सामाजिक प्राणी होने के कारण बिना समाज के जीवन जी ही नहीं सकते। मन में किसी भी प्रकार के नकारात्मक भाव पैदा न हो इसके लिए आपको ससमय समय पर सामाजिक गतिविधियों में भी हिस्सा लेते रहना चाहिए। इससे सामाजिक सक्रियता बढ़ने के साथ—साथ नए लोगों से संपर्क भी बनता है।
आध्यात्मिक विश्राम –
अंतिम तरह के इस विश्राम की जरूरत हर किसी को होती है। यह जरूरी भी है। इस आराम के तहत खुद को शारीरिक और मानसिक रूप से ऊपर उठना है। आध्यात्मिकता से मन शांति होने के साथ—साथ एक अलग तरह का सुकून भी मिलता है।