हाइलाइट्स
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5 हजार पदों पर डॉक्टरों की भर्ती होगी
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स्वास्थ्य मंत्री ने दी जानकारी
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स्वास्थ्य विभाग चला रहा भर्ती अभियान
रायपुर। प्रदेश में 5 हजार पदों पर डॉक्टरों की भर्ती की जाएगी। छत्तीसगढ़ के अस्पतालों में डॉक्टर्स की कमी है, इसलिए अब ये फैसला लिया है। प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने भर्ती करने की घोषणा की है।
उन्होंने विधानसभा में कहा कि स्वास्थ्य विभाग प्राथमिक स्वास्थय केंद्रों पर भी डॉक्टर्स की नियुक्ति करने वाला है। जिससे ग्रामीण क्षेत्रों के रहवासियों के लिए इजाल के भटकना नही पड़ेगा, उन्हें गांव में ही स्वास्थ्य सुविधाएं मिलेंगी।
246 MBBS डॉक्टरों भर्ती प्रोसेस में है
स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि सरकार डिग्री हासिल करने वाले 246 MBBS और 21 विशेषज्ञ चिकित्सकों ज्वाइन देने जा रही है। इनमें से करीब 50 प्रतिशत ज्वाइन बस्तर और सरगुजा संभाग में की जाएगी।
सीएम साय ने दिए थे निर्देश
बता दें कि हाल ही में सीएम साय ने स्वास्थ्य विभाग के निर्देश दिया कि प्रदेश में डॉक्टरों की कमी पूरी की जाए। जल्द ही अस्पतालों में डॉक्टरों की भर्ती जाए। उन्होंने जल्द भर्ती प्रक्रिया शुरू के निर्देश दिए थे।
स्वास्थ्य विभाग चला रहा भर्ती अभियान
फिलहाल प्रदेश के स्वास्थ्य विभाग में भर्ती अभियान चलाया जा रहा है। इस पर स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि प्रदेश के जिस भी हॉस्पिटल में डॉक्टर्स के पद खाली हैं, उन अस्पतालों में भर्ती की जा रही है। स्वास्थ्य विभाग खाली पदों पर आवेदन आने के बाद सिर्प 24 घंटे में आदेश जारी कर रहा है।
स्वास्थ्य विभाग में 5 हजार पद खाली
दरअसल, प्रदेश के स्वास्थ्य विभाग में डॉक्टरों सहित अन्य कर्मचारियों के भी 5 हजार पद खाली हैं। इन पदों को जल्द व्यापमं और पीएससी भर्ती प्रिक्रिया शुरु करेगार।
मनचाहे अटैचमेंट की प्रक्रिया समाप्त
स्वास्थ्य मंत्री ने जानकारी दी है कि अटैचमेंट को समाप्त कर दिया है, क्योंकि खबरें आ रही थी कि बिना किसी ठोस कारण के स्वास्थ्यकर्मी अपनी मनचाही जगहों पर पोस्टिंग ले रहे थे। जिन स्वास्थ्यकर्मियों को दूरस्थ ग्रामीण इलाकों में नियुक्त किया गया था, उन भी पोस्टिंग बदलवा ली। इसलिए स्वास्थ्य मंत्री ने ये फैसला लिया है।
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि अगर कोई जायज वजह होगी तो अटैचमेंट की अनुमित दी जा सकती है। इसके लिए विभागीय परमिशन जरूरी होगी। गैरजरुरी वजह से अपनी मनमर्जी के मुताबिक पोस्टिंग से स्वास्थ्य सेवाओं पर प्रभाव पड़ रहा था इसलिए ये फैसला लिया गया है।