नई दिल्ली। Sore Throat Home Remedies बदलता मौसम वायरल health के साथ—साथ गले में खराश और कफ की समस्या पैदा कर रहा है। दिन में ये समस्या तो जैसे—तैसे कट जाती है समस्या तब आती है जब ये तकलीफ रात को अधिक बढ़ जाती है। तो चलिए ऐसे में हम आज आपको बताते हैं कि आखिर इस समस्या का कारण क्या है। साथ ही इसे दूर करने के उपाय क्या हैं। बच्चे को लगातार खांसी हो रही है तो इस स्थिति में इसके कारणों को जानना बहुत ही जरूरी है। आइए जानते हैं रात के समय बच्चों को खांसी क्यों होती है।
ये हो सकते हैं कारण —
इंफेक्शन हो सकती है वजह
कई बार ऐसा होता है कि छोटे बच्चो को इंफेक्शन होने के कारण रात के समय खांसी की परेशानी हो सकती है। मौसम बदला है अचानक सर्दी बढ़ी है। ऐसे में बढ़ती सर्दी, फ्लू और वायरल इंफेक्शन की वजह से रात के समय बच्चे काफी ज्यादा खांसते हैं। फ्लू से संक्रमित बच्चों को कभी-कभी गंभीर, सूखी खांसी होने लगती है। यह परेशानी रात के समय अधिक बढ़ जाती है। इन वायरल संक्रमणों से बचने के लिए बच्चों को एंटीबायोटिक दवाएं दी जाती हैं।
एसिड हो सकता है दूसरा कारण —
सर्दी के अलावा कभी ऐसा भी होता है कि एसिड रिफल्स के कारण भी रात को खांसी परेशान करने लगती है। इस स्थिति में खांसी के साथ-साथ बार-बार उल्टी का भी मन होता है। इतना ही हीं मुंह का स्वाद बिगड़ना, सीने में जलन जैसी समस्याएं भी बनती हैं। एसिड रिफल्स से बचाव के लिए कम उम्र के बच्चों को तली-भुनी चीजें, कैफीन, कोल्डड्रिंक्स इत्यादि से दूर रखें। साथ ही बड़ों को हल्के गुनगुने पानी पीना चाहिए।
अस्थमा हो सकता है कारण —
सांस लेने में होने वाली दिक्कत भी खांसी का कारण बनती है। अस्थमा से ग्रसित बच्चों को रात के काफी ज्यादा खांसी होती है। अगर आपके बच्चों खांसी के साथ-साथ सांस लेने में परेशानी, सांस के साथ घरघराहट जैसी स्थिति हो रही है तो इस स्थिति में तुरंत डॉक्टर से सलाह लें। अस्थमा का उपचार इसके कारणों पर निर्भर करता है। बच्चों को प्रदूषण और धूम्रपान से दूर रखें।
एलर्जी या साइनसिसिस के कारण
कई बार खांसी का कारण एलर्जी भी बनती है। रात के समय बड़े हो या बच्चे सभी को अगर लगातार खांसी की परेशानी हो रही है तो इसका एक बड़ा कारण एलर्जी के कारण हो सकती है। इसके अलावा गले में खुजली, नाक बहना, आंखों से पानी आना, गले में खराश या दाने होना भी एलर्जी के लक्षण हो सकते हैं।
काली खांसी
काली खांसी, जिसे पर्टुसिस भी कहा जाता है। इससे ग्रसित बच्चों को रात के समय काफी ज्यादा खांसी होती है। इस स्थिति में बच्चों को तुरंत डॉक्टर से सलाह लेने की जरूरत होती है।
गले की खराश और कफ दूर करने के घरेलू उपाय —
गले की खराश के घरेलू उपाय | Sore Throat Home Remedies
नमक वाला गुनगुना पानी — salt
गले में खराश होने पर सबसे पहले सलाह दी जाती है नमक के साथ गुनगुने पानी की। यदि आपके गले में भी बदलता मौसम खराश पैदा कर रहा है तो ऐसे में आपको गुनगुने पानी में नमक डालकर सुबह शाम 2 से 3 बार गरारा जरूर करना चाहिए। ये उपाय आपके गले में गजब का परिवर्तन दिखाता है। ये आपके गले की खराश तो कम करता ही है साथ ही साथ सूजन को भी कम करता है। गले में किसी भी तरह का बैक्टीरिया जमा होने की कंडीशन में ये निकल जाता है।
हर्बल टी – hurbal tea
दूसरे उपाय में यदि आप हर्बल टी पीते हैं तो गले के इंफेक्शन (Throat Infection) को दूर करने के लिए भी इसका उपयोग कर सकते हैं। आपको बता दें ये हर्बल टी आपके गले को गर्माहट देगी। इसके अलावा ये आपके शरीर के इम्यून सिस्टम को भी मजबूत करेगा। आप चाहें तो इसके लिए बिना दूध की अदरक वाली चाय भी ले सकते हैं। इसके लिए अदरक के टुकड़ों को एक कप पानी में उबाल कर छान लें। इसके अलावा कैमोमाइल टी और ग्रीन टी भी इस समस्या में लाभकारी होती है।
शहद और लौंग — honey and long
अगर आप शहद का सेवन करते हैं तो गले की खराश के लिए आप शहद का उपयोग कर सकते हैं। वो इसलिए क्योंकि शहद (Honey) एंटीबैक्टीरियल और एंटीइंफ्लेमेटरी गुण से भरपूर होता है। इसके सेवन से गले की खराश, गला दर्द, खांसी और जुकाम को दूर करने में कारगर हैं। इसके लिए सबसे पानी को गुनगुना करें। फिर इसमें शहद डालकर सेवन करें। चाहें तो इसी के साथ हर्बल टी भी उपयोग की जा सकती है। या आप चाहें तो इसे अदरक के साथ भी खाया जा सकता है। इसके अलावा 2 से 3 लौंग को तबे पर भूनकर उसे पीस लें। फिर इसे शहद के साथ उपयोग करें। ध्यान रखें इसके सेवन के कम से कम 30 मिनट तक पानी का सेवन न करें।
लौंग —
लौंग को गले की खराश दूर करने के लिए उपयोगी माना जाता है। इसे चाहें तो चाय आदि के साथ या फिर शहद के साथ उपयोग किया जा सकता है। Herbal Tea
भुना लहसुन —garlic
अगर आप लहसुन का सेवन करते है। तो इसे भी थ्रोड इंफेंक्शन में उपयोग किया जा सकता है। इसके लिए गर्म या भुंजा हुआ लहसुन उपयोग किया जा सकता है। (Cold) वो इसलिए क्योंकि लहसुन में भी एंटी-माइक्रोबियल गुण होते हैं।