Chhattisgarh News: छत्तीसगढ़ में सरकार नक्सलियों का सफाया करने में लगी है। उसी सिलसिल में सुकमा जिले में नक्सली कमांडर हिड़मा के गांव तक सड़क बनाई जाएगी। इसकी जिम्मेदारी बॉर्डर रोड ऑर्गनाइजेशन (BRO)को दिया जाएगा। इस योजना के तहत 52.25 किमी और 13.25 किमी (कुल 64 किमी) की दो सड़कें बनाए जाने की पूरी तैयारी है। इन सड़कों के लिए करीब 66 करोड़ 76 लाख रुपए मंजूर किए गए (Chhattisgarh News) हैं।
नक्सलियों के सबसे सुरक्षित ठिकाने में बनेगी सड़क
धुर नक्सली इलाके में पहली बार होगा, जब नक्सलियों की पीपुल्स लिबरेशन गुरिल्ला आर्मी (PLGA) बटालियन नंबर 1 के सबसे सुरक्षित ठिकाने में सड़क बनाई जाएगी। सड़क के माध्यम से गांव तक विकास पहुंचेगा और इसके द्वारा सरकर नक्सली गतिविधियों पर रोक लगा (Chhattisgarh News) सकेगी।
एलमागुड़ा से दुलेड़ तक बनेगी 51.25 किमी सड़क
जानकारी के मुताबिक एलमागुड़ा से दुलेड़ और फिर पूवर्ती तक 51.25 किमी की सड़क बनाई जाएगी। इसके निर्माण पर करीब 53 करोड़ रुपए लागत आएगी। यह सड़क मेटागुडेम, एर्रापल्ली, गडरा जगुडेम, पल्लीगुड़ा, गमपुर और भीमापुरम जैसे अंदरूनी और नक्सल प्रभावित इलाकों को (Chhattisgarh News) जोड़ेगी।
वहीं, दूसरी सड़क मिनांगुडेम से कोट्टागुट्टा तक बनाई जाएगी। इसके लिए 13 लाख 76 करोड़ रुपए की मंजूरी मिली है। सड़क बनने से सीधा फायदा क्षेत्र के दर्जनों गांवों के सैकड़ों ग्रामीणों को (Chhattisgarh News) मिलेगा।
BRO बनाएगी नक्सली क्षेत्र में सड़क
सूत्र बताते हैं कि केंद्र सरकार की तरफ से सड़क बनाने की जिम्मेदारी BRO को देने की तैयारी है। बीआरओ को सुरक्षाबलों की मौजूदगी में सड़क बनाने का अच्छा अनुभव है। इससे पहले भी बीआरओ ने बस्तर में कई सड़कें बनाई हैं। इसलिए खूंखार नक्सली कमांडर हिड़मा के इलाके में सड़क बनाने का जिम्मा BRO को ही दिए जाने की पूरी संभावना (Chhattisgarh News) है।
अब तक 2228 किमी की 290 सड़कें बनी
बस्तर जैसे नक्सल प्रभावित क्षेत्र में अलग-अलग जिलों में पिछले कुछ साल में 2228 किमी की 290 सड़कें बन चुकी है। वहीं, 3156 किमी की 389 सड़कों को स्वीकृति मिल चुकी है। लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) के चीफ इंजीनियर जीआर रावटे के अनुसार नक्सलगढ़ में सड़क बनाने का जिम्मा BRO को दिया जाना लगभग तय (Chhattisgarh News) है।
क्या होंगे फायदे ?
सड़क बनने से गांव-गांव तक विकास पहुंचेगा। हर गांव तक एंबुलेंस पहुंच सकेगी। जिससे उस इलाके के मरीजों को कांवड़ के माध्यम से नहीं ढोना पड़ेगा।
उस इलाके के सैकड़ों लोग नेटवर्क और मोबाइल कनेक्टिविटी से जुड़ पाएंगे। स्कूल, अस्पताल, राशन दुकान जैसी जरूरी सुविधाए आसानी से मिल (Chhattisgarh News) पाएंगी।
कैंप खुलने से नक्सली बैकफुट आए
धुर नक्सली क्षेत्र के पूवर्ती, टेकलगुडेम समेत आस-पास के इलाके में हाल ही में सुरक्षाबलों का कैंप खोला गया है। कैंप खोलने से नक्सली थोड़े बैकफुट आए हैं। कुछ महीने पहले तक इन इलाकों में नक्सली कमांडर हिड़मा, देवा और उनकी बटालियन नंबर एक का वर्चस्व बना हुआ था। जिसे सुरक्षाबलों की लगातार कार्रवाई ने पीछे हटने के लिए बाध्य किया है।
सूत्र बताते हैं नक्सलियों की इस बटालियन में 300 से 400 की संख्या में सदस्य हैं। यह बटालियन नक्सलियों की सबसे खतरनाक बटालियन में गिनी जाती है। जानकार बताते हैं, नक्सलियों के प्रभाव वाले क्षेत्र में भारी सुरक्षा के बीच भी सड़क बनाना बड़ी चुनौती (Chhattisgarh News) होगी।
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