Hathras Stampede: हाथरस भगदड़ हादसे का मुख्य आरोपी देवप्रकाश मधुकर को शुक्रवार (5 जुलाई) रात गिरफ्तार कर लिया गया। मधुकर ने दिल्ली के नजफगढ़-उत्तम नगर के बीच एक अस्पताल में पुलिस के सामने सरेंडर किया। उत्तर प्रदेश पुलिस ने मधुकर पर एक लाख रुपए का इनाम घोषित किया था।
यहां बता दें कि हाथरस के सिकंदराराऊ के फुलरई गांव में भोले बाबा के सत्संग में हुई भगदड़ (Hathras Stampede) में 123 लोगों की जान गई है। जिसमें 113 महिलाएं और 7 बच्चियां शामिल हैं।
भोले बाबा के वकील ने की पुष्टि
हादसे के मुख्य आरोपी मुधकर के सरेंडर की पुष्टि सूरज पाल जाटव उर्फ भोले बाबा उर्फ नारायण साकार हरि के वकील एपी सिंह ने की है।
उन्होंने कहा कि देवप्रकाश मधुकर हार्ट के मरीज हैं। उनकी तबीयत ठीक नहीं थी। इलाज के बाद हालत में सुधार होने पर उन्होंने शुक्रवार को सरेंडर कर दिया।
वेद प्रकाश ही सत्संग का मुख्य आयोजक था
पुलिस ने जिस वेद प्रकाश को अरेस्ट किया है। वह भोले बाबा का खास सेवादार है।
वही सिकंदराऊ के फुलरई गांव में सत्संग का मुख्य आयोजक (Hathras Stampede) था। पुलिस ने 4 जुलाई को 6 सेवादारों को गिरफ्तार किया था।
इनमें 2 महिलाएं हैं। देवप्रकाश की गिरफ्तारी के बाद यह संख्या 7 हो गई है।
SIT प्रमुख बोले- हाथरस के हालात समझने में फेल हुए अफसर
हाथरस हादसे की जांच कर रही SIT ने शुक्रवार को बड़ा दावा किया। SIT ने कहा कि भगदड़(Hathras Stampede) लापरवाही और बदइंतजामी की वजह से हुई।
अफसर हालात परखने में फेल हुए। जिले के प्रमुख अफसरों समेत 90 लोगों के बयान लिए गए हैं। अभी तक जो सबूत मिले हैं, उनमें आयोजक दोषी साबित होते हैं।
आगरा जोन के एडीजी अनुपम कुलश्रेष्ठ SIT चीफ
आगरा जोन के अतिरिक्ति पुलिस महानिदेशक अनुपम कुलश्रेष्ठ SIT प्रमुख हैं।
हाथरस भगदड़ कांड (Hathras Stampede) की जांच तीन सदस्यीय SIT कर रही है। जांच अभी जारी है। जांच पूरी होने के बाद रिपोर्ट शासन को सौंपी जाएगी।
SIT चीफ ने कहा- साजिश से इनकार नहीं किया जा सकता
SIT प्रमुख अनुपम कुलश्रेष्ठ ने एक न्यूज एजेंसी को बताया कि सत्संग में अनुमान से ज्यादा भीड़ आई।
बड़ी तादाद में श्रद्धालु नए थे। बाबा को देखने के लिए आगे बढ़े, इसी दौरान भीड़ अनियंत्रित हो गई। भगदड़ (Hathras Stampede) लापरवाही और बदइंतजामी की वजह से हुई।
कार्यक्रम की परमिशन लेते वक्त आयोजन समिति ने अपने स्तर पर आश्वासन दिया था कि सुरक्षा व्यवस्था सही तरीके से होगी।
हालांकि, SIT प्रमुख कुलश्रेष्ठ ने कहा कि साजिश के पहलू से इनकार नहीं किया जा सकता है। दोषी लोगों पर निश्चित रूप से कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
डीएम-एसपी से भी हुए बयान
जानकारी के मुताबिक रिपोर्ट में हाथरस के जिला मजिस्ट्रेट आशीष कुमार, एसपी निपुण अग्रवाल और स्वास्थ्य विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों के बयान भी लिए गए हैं,
जिन्होंने भगदड़ (Hathras Stampede) के पैदा हुई आपातकालीन स्थिति को संभाला था।
इस मामले में 2 जुलाई को भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 105 (हत्या के बराबर ना होने वाली गैर इरादतन हत्या), 110 (गैर इरादतन हत्या करने का प्रयास), 126 (2) (गलत तरीके से रोकना), 223 (लोक सेवक द्वारा विधिवत आदेश की अवज्ञा) और 238 (साक्ष्य मिटाना) के तहत FIR दर्ज की गई।
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तीन स्तर पर हो रही जांच, न्यायिक आयोग भी रिपोर्ट सौंपेगा
2 जुलाई को हाथरस के सिकंदराराऊ के फुलरई मुगलगढ़ी गांव में हुई भगदड़ (Hathras Stampede) में 123 लोगों की मौत हुई है।
इनमें 113 महिलाएं और 7 बच्चियां हैं। इस केस की तीन स्तर पर जांच हो रही है। एसडीएम रविंद्र कुमार ने 24 घंटे के अंदर अपनी रिपोर्ट प्रशासन को सौंप दी थी।
वहीं, योगी सरकार ने तीन सदस्यीय एसआईटी बनाई है। जांच के लिए न्यायिक आयोग का भी गठन किया गया है।
इलाहाबाद हाईकोर्ट के रिटायर्ड जस्टिस बृजेश कुमार श्रीवास्तव आयोग के अध्यक्ष हैं। आयोग 2 महीने में जांच पूरी कर रिपोर्ट सरकार को सौंपेगा।