Hathras Stampede: उत्तर प्रदेश के हाथरस में हुए सादसे के खलनायक भोले बाबा उर्फ नारायण साकार हरि ने बुधवार, 3 जून को पहली प्रतिक्रिया दी है। हादसे जिम्मेदार माने जा रहे भोले बाबा ने एक चिट्ठी जारी कर बयान जारी किया है।
यहां बता दें, हाथरस में मंगलवार को सत्संग के दौरान हुई भगदड़ (Hathras stampede) में 122 श्रद्धालुओं की जान चली गई।
अंग्रेजी में जारी एक बयान में भोले बाबा की ओर से कहा गया हम, मृतकों के परिवारों प्रति अपनी गहरी संवेदना व्यक्त करते हैं और ईश्वर से घायलों के शीघ्र ठीक होने की प्रार्थना करते हैं।
भोले बाबा की ओर से जारी चिट्ठी
भोले बाबा ने क्या कहा?
बयान में बाबा ने कहा कि हमारी ओर से डॉ. एपी सिंह सीनियर एडवोकेट, सुप्रीम कोर्ट को अधिकृत किया जा रहा है ताकि समागम / सत्संग के बाद कुछ विरोधी सामाजिक तत्वों द्वारा भगदड़ (Hathras stampede) मचाने के संदर्भ में उचित कार्रवाई की जा सके।
बाबा की सुरक्षा में तैनात कमांडो क्या कहते हैं?
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, दावा किया जा रहा है कि बाबा की सुरक्षा में तैनात सुरक्षाकर्मियों को नाम का कोड वर्ड दिया गया था।
गुलाबी ड्रेस वाले सेवादार नारायणी सेना के नाम से जाने जाते थे।
ब्लैक कमांडो जो काफिले के साथ चलते थे उन्हें गरुण योद्धा कहा जाता था।
सर पर टोपी लगाने वाले और ब्राउन ड्रेस पहनने वाले हरी वाहक कहलाते (Hathras stampede) हैं।
ब्लैक कमांडो को कहते हैं गरुण योद्धा
बाबा की सुरक्षा में तैनात ब्लैक कमांडो को गरुण योद्धा कहा जाता है। ये 20-20 की टुकड़ी में होते थे।
गुलाबी ड्रेस वाले नारायणी सेना 50 -50 की टुकड़ी में होते थे। हरि वाहक यानी टोपी और ब्राउन ड्रेस वाले 25-25 की टुकड़ी में रहते थे।
पुलिस ने बताई बाबा की क्रोनोलॉजी
अब यूपी पुलिस ने बाबा नारायण साकार हरि के क्रोनोलॉजी को बताई है। जिसके अनुसार, मैनपुरी स्थित बिछुआ के आश्रम से बाबा साढ़े 10 बजे निकला और 80 किमी का सफर कर सत्संग स्थल पहुंचा।
बाबा के काफिले में कुल 17 गाड़ियां थीं। 12 बजे बाबा मंच पर पहुंचे।
हर बार की तरह मंच से ‘संपूर्ण ब्रह्मांड में सदा-सदा के लिए जय-जयकार हो’ लगाया गया।
जिसे सत्संग में मौजूद लोगों से दोहराने के लिए कहा (Hathras stampede) गया।
बाबा करते हैं हम कमेटी से संपर्क
बाबा के सामने बैठी भीड़ ने हाथ उठाकर यही लाइन दोहराई। इसके बाद बाबा ने सत्संग शुरू किया गया।
कल यानी मंगलवार (2 जुलाई) को 1 बजकर 20 मिनट पर सत्संग खत्म हो गया।
सत्संग के लिए बाबा जहां भी होते हैं वहां की ‘हम कमेटी’ से संपर्क करना होता है, जब बाबा का समय मिल जाता है तो जिस जगह सत्संग होना होता है।
वहां भी ‘हम कमेटी’ का गठन किया (Hathras stampede) जाता है।
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सत्संग का खर्चा उठाती है हम कमेटी
भोले बाबा के सत्संग का पूरा खर्चा ‘हम कमेटी’ ही उठाती है। सत्संग के लिए बाहर से चंदा लेने की मनाही होती है।
उस कमेटी में 10 से ज्यादा लोग भी हो सकते हैं। अंतिम बार बाबा उस कमेटी से मिलते हैं। इसके बाद सत्संग को शुरू किया जाता है।
सत्संग से पहले बाबा को कुछ भी जानकारी लेनी होती है तो वह सबसे पहले हम कमेटी के मेम्बर से मुलाकात करते हैं फिर सत्संग शुरू(Hathras stampede) होता है।