Hathras Haadsa FIR: मंगलवार 2 जुलाई को उत्तर प्रदेश के हाथरस में सत्संग के बाद मची भगदड़ की असल वजह क्या था इसका सवाल अब तक नहीं मिल पाया है। 120 से ज्यादा लोगों की मौत का जिम्मेदार कौन है? इसका जवाब अभी तक पुलिस तलाश रही है, लेकिन दूसरी ओर इस केस में सबूतों को छिपाने की भी कोशिशें हुई हैं। साथ ही हाथरस मामले में गंभीर धाराओं में मामला दर्ज किया गया है।
वहीं, एफआईआर में इन सब बातों का जिक्र किया गया है। हाथरस मामले में पुलिस ने शुरुआती जांच के आधार पर मुख्य सेवादार देवप्रकाश मधुकर समेत अन्य अज्ञात आयोजकों, सेवादारों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। बता दें कि भारत न्याय संहिता (BNS) के तहत गैर इरादतन हत्या की धारा 105 और सबूत छिपाने की धारा 238 में मामला दर्ज किया गया है।
हाथरस पुलिस ने FIR में क्या लिखा
प्रभारी निरीक्षक, थाना सिकन्दराराऊ जनपद हाथरस महोदय, अवगत कराना है कि दिनांक 02 जुलाई 2024 को थाना क्षेत्र सिकन्दराराऊ में ग्राम फुलरई मुगलगढ़ी के मध्य GT Road के नजदीक जगत गुरु साकार विश्वहरि भोले बाबा के सत्संग आयोजन का कार्यक्रम प्रस्तावित था, जिसके आयोजनकर्ता मुख्य सेवादार देवप्रकाश मधुकर पुत्र रामसिंह निवासी न्यू कालोनी, दमदपुरा कस्बा व थाना सिकन्दराराऊ जनपद हाथरस एवं अन्य सेवादार सहयोगी थे। आयोजनकर्ता ने अपने संगठन के पूर्ववर्ती कार्यक्रमों में जुटने वाली लाखों की भीड़ की स्थिति को छिपाते हुए इस कार्यक्रम में करीब 80 हजार की भीड़ (श्रृद्धालु) इकट्ठा होने की पुलिस से अनुमति मांगी गई थी।
80 हजार का बताया 2.5 लाख को बुलाया
इसको देखते हुए पुलिस-प्रशासन द्वारा 80 हजार लोगों की भीड़ की सुरक्षा, शांति व्यवस्था एवं यातायात प्रबंधन को किया गया था। मगर इस कार्यक्रम में शामिल होने के लिए प्रदेश के अलग-अलग जनपदों और आसपस के राज्यों से से करीब 2.5 लाख से ज्यादा श्रृद्धालुओं की भीड़ इकट्ठा हो गई, जिसकी वजह और आयोजक द्वारा अनुमति की शर्तों का पालन नहीं किए जाने के फलस्वरुप GT Road पर ट्रैफिक बाधित हो गया, जिसे ड्यूटी पर नियुक्त पुलिस एवं प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा इसे सामान्य किए जाने की कोशिश की जा रही थी।
एफआईआर में लिखा गया कि कार्यक्रम के मुख्य प्रवचनकर्ता सूरजपाल उर्फ भोले बाबा के प्रवचन के बाद अपनी गाड़ी में बढ़कर कार्यक्रम स्थल से करीब 2 बजे जाने लगे थे, जिसके बाद महिला, पुरुष और बच्चों द्वारा उनकी गाड़ी के गुजरने के मार्ग से धूल समेटना शुरू कर दिया। कार्यक्रम स्थल से निकल रही लाखों श्रृद्धालुओं की भारी भीड़ के दवाब के कारण नीचे बैठे, झुके श्रृद्धालु दबने-कुचलने लगे, चारों तरफ चीखपुकार मचने लगी थी।
सेवादारों ने डंडों से जबरदस्ती रोका
जीटी रोड के दूसरी और लगभग तीन मीटर गहरे खेतों में पानी और कीचड़ भरा था, दबती कुचलती भागती भीड़ को आयोजन समिति और सेवादारों द्वारा अपने हाथों में लिए डंडों से जबरदस्ती रोक दिया गया। जिसकी वजह से लाखों लोगों की भीड़ का दवाब बढ़ता चला गया और महिला, बच्चे और पुरुष दबते-कुचलते चले गए। भगदड़ में लगी चोटों से महिलाओं, बच्चों और पुरुषों की स्थिति तब तक मरने के समान हो चुकी थी।
मौके पर मौजूद पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा हरसभंव कोशिश करते हुए बामुश्किल लाखों की भीड़ का दबाव से दब कुचल कर घायल, बेहोश हुए लोगों को उपलब्ध संसाधनों से हॉस्पिटल भेजा गया। हालांकि, आयोजनकर्ताओं और सेवादारों की तरफ से किसी भी प्रकार का कोई सहयोग नहीं मिला।
हाथरस, एटा, अलीगढ़ के हॉस्पिटल में घायलों को भेजा
हाथरस की इस गंभीर घटना की वजह से काफी सारे लोग घायल हो गए, साथ ही कई लोगों की मौत हो गई। घायलों को जनपद हाथरस, एटा, अलीगढ़ आदि के हॉस्पिटल में उपचार के लिए भेजा गया। घटना के संबंध में उच्चाधिकारियों को सूचित करते हुए राहत एवं बचाव कार्य के लिए अतिरिक्त पुलिस बल व संसाधनों की मांग की गई। आयोजनकर्ताओं के द्वारा कार्यक्रम में जमा होने वाली भीड़ की असल संख्या को छिपाकर अत्याधिक लोगों को इस कार्यक्रम में बुलाया गया था। साथ ही कार्यक्रम स्थल पर यातायात नियंत्रण के लिए आयोजक द्वारा अनुमति की शर्तों का सही से पालन नहीं किया गया।
भीड़ के दवाब से काफी सारे लोग इधर-उधर भाग रहे थे, गिर-पड़कर कुचल रहे लोगों को रोकने तथा इस घटना में घायल हुए व्यक्तियों के मौके पर छूटे सामान कपड़े, जूते, चप्पल को उठाकर पास के खेतों खड़ी फसलों के बीच फेंककर छिपाया गया। इस तरह आयोजकों एवं सेवादारों के इस कृत्य से बड़ी संख्या में निर्दोष लोगों की जान गई हैं और काफी संख्या में गंभीर रुप से घायल हैं। आयोजकों एवं सेवादारों का यह कृत्य भारतीय न्याय संहिता 2023 की धारा 105/110/126(2)/223/238 के तहत अपराध है।
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