हाइलाइट्स
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SIT ने योगी सरकार काे 900 पेज की रिपोर्ट सौंपी
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सरकार ने SDM समेत 6 अफसरों को किया सस्पेंड
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मामले में चल रही तीन स्तरीय जांच
Hathras Accident: उत्तर प्रदेश के हाथरस हादसे के सात दिन बाद योगी सरकार ने पहली कार्रवाई की है।
SDM समेत 6 अफसरों को सस्पेंड कर दिया है। सरकार ने SIT की रिपोर्ट के बाद यह कार्रवाई की। SIT ने सोमवार, 8 जुलाई रात CM योगी को 900 पेज की रिपोर्ट सौंपी थी।
यहां बता दें, उप्र के हाथरस में 2 जुलाई 2024 को भोले बाबा उर्फ नारायण साकार हरि उर्फ सूरज पाल के सत्संग में भगदड़ (Hathras Accident) से 123 लोगों की मौत हो गई थी।
सरकार से भी भोले बाबा को क्लीनचिट
SIT रिपोर्ट के बाद यूपी सरकार ने 9 पॉइंट पर बयान जारी किया। जिसमें आयोजकों और प्रशासनिक अफसरों को लापरवाह (Hathras Accident) बताया गया,
लेकिन कहीं भी भोले बाबा का जिक्र नहीं है। इस तरह जिला प्रशासन के बाद सरकार से भी भोले बाबा को क्लीनचिट मिल गई है। उसका नाम FIR में भी नहीं था।
इन अफसरों को किया सस्पेंड
हाथरस हादसे (Hathras Accident) में जिन अफसरों को सस्पेंड किया गया,
उनमें SDM रविंद्र कुमार, सीओ आनंद कुमार के अलावा इंस्पेक्टर आशीष कुमार, तहसीलदार सुशील कुमार और
चौकी इंचार्ज कचौरा मनवीर सिंह और पारा चौकी इंचार्ज बृजेश पांडे शामिल हैं।
SIT ने 150 लोगों के लिए बयान
हाथरस भगदड़ (Hathras Accident) केस में SIT ने रिपोर्ट में कहा- हादसे में साजिश से इनकार नहीं किया जा सकता है। इसकी गहनता से जांच जरूरी है।
हादसा आयोजकों की लापरवाही से हुआ। पुलिस और प्रशासन के अधिकारियों ने आयोजन को गंभीरता से नहीं लिया।
सीनियर अफसरों को इसकी जानकारी तक नहीं दी गई। भीड़ के लिए पर्याप्त सुरक्षा इंतजाम नहीं किए गए।
आयोजकों ने बिना पुलिस वैरिफिकेशन जिन लोगों को अपने साथ जोड़ा, उनसे अव्यवस्था फैली है।
एसआईटी जांच के दौरान 150 अफसरों, कर्मचारी और पीड़ित परिवारों के बयान दर्ज किए गए।
आयोजकों ने तथ्यों को छिपाया
रिपोर्ट में SIT ने कहा- SDM, सीओ, तहसीलदार, इंस्पेक्टर, चौकी इंचार्ज ने अपनी जिम्मेदारी में लापरवाही की।
SDM ने बिना कार्यक्रम स्थल का मुआयना किए अनुमति दी। इसके अलावा सीनियर अफसरों को भी जानकारी नहीं दी।
घटनास्थल पर बैरिकेडिंग आदि की व्यवस्था भी नहीं थी।
रिपोर्ट में यह बात भी सामने आई कि आयोजकों ने तथ्यों को छिपाकर सत्संग की अनुमति ली।
आयोजकों ने पुलिस के साथ दुर्व्यवहार किया। पुलिस को कार्यक्रम स्थल पर निरीक्षण से रोकने का प्रयास किया।
हादसे के बाद आयोजक मंडल के सदस्य घटनास्थल से भाग गए।
SIT ने 24 घंटे की रिपोर्ट 6 दिन में तैयार की
सीएम योगी आदित्यनाथ ने हादसे के 24 घंटे में रिपोर्ट तलब की थी यानी 3-4 जुलाई को रिपोर्ट तैयार होनी थी,
लेकिन SIT ने जांच पूरी करने में 6 दिन लगा दिए। आगरा जोन की अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक अनुपम कुलश्रेष्ठ SIT प्रमुख हैं।
मामले की तीन लेवल पर चल रही जांच
2 जुलाई को हाथरस के सिकंदराराऊ के फुलरई मुगलगढ़ी गांव में हुई भगदड़ में 123 लोगों की मौत हुई।
इनमें 113 महिलाएं और 7 बच्चियां हैं। इस केस की तीन लेवल पर जांच हो रही है। पहली रिपोर्ट SDM ने हादसे के 24 घंटे बाद प्रशासन को सौंपी थी।
जिसमें हादसे के लिए आयोजकों को जिम्मेदार ठहराया गया था। दूसरी रिपोर्ट सोमवार को SIT ने योगी सरकार को सौंपी।
इसके अलावा न्यायिक जांच आयोग का भी गठन किया गया है। इलाहाबाद हाईकोर्ट के रिटायर्ड जस्टिस बृजेश कुमार श्रीवास्तव आयोग के अध्यक्ष हैं।
आयोग 2 महीने में जांच पूरी कर रिपोर्ट सरकार को सौंपेगा।
आयोग ने हाथरस डीएम और एसपी से 81 पॉइंट पर रिपोर्ट तलब की है। रिपोर्ट ईमेल पर मांगी गई है।
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इसे भी जानें- भोले बाबा उर्फ नारायण साकार हरि उफ सूरज पाल
भोले बाबा का असली नाम सूरज पाल है। वह एटा जिले के बहादुर नगरी गांव का रहने वाला है।
पुलिस में नौकरी के दौरान उस पर चमत्कार, जादू-टोना और यौन शोषण का केस दर्ज हुआ।
इसके बाद उसे पुलिस विभाग से बर्खास्त किया गया। आगरा की शाहगंज पुलिस ने उसे 7 लोगों के साथ वर्ष 2000 में गिरफ्तार किया था।
भोले बाबा किसी अन्य बाबा की तरह भगवा पोशाक नहीं पहनता है। वह अपने सत्संग में थ्री पीस सूट और रंगीन चश्मे में नजर आता है।
सूट और बूट का रंग हमेशा सफेद रहता है। कई बार कुर्ता-पैजामा और सिर पर सफेद टोपी भी लगाकर सत्संग करता दिखाई दिया है।