Haryana Assistant Professor Bharti: राजधानी दिल्ली में मोदी सरकार अपने तीसरे कार्यकाल का पहला बजट पेश करेगी। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के बजट से युवाओं, बेरोजगारों और मध्य वर्गीय लोगों को काफी उम्मीदें हैं, लेकिन उससे पहले राजधानी दिल्ली से सटे हरियाणा कॉलेजों में सहायक प्रोफेसर पदों (Haryana Assistant Professor Bharti) पर भर्ती का इंतजार कर रहे युवाओं को बड़ा झटका लगा है। दरअसल, हरियाणा सरकार ने प्रदेश के सभी विश्वविद्यालयों में फिलहाल हर प्रकार की भर्ती प्रकिया पर रोक लगा दी है। हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी के इस फैसले के बाद युवाओं में निराशा बढ़ गई है।
सहायक प्रोफेसर पदों की भर्ती प्रक्रिया पर लगाई रोक
हरियाणा कॉलेजों में सहायक प्रोफेसर पदों (Haryana Assistant Professor Bharti) पर भर्ती को लेकर हरियाणा सरकार के उच्च शिक्षा विभाग, पंचकुला के आयुक्त एवं सचिव की तरफ से एक पत्र जारी किया गया है। इस पत्र में साफ है कि प्रदेश के सभी विश्वविद्यालयों में भर्ती प्रक्रिया चाहे जिस चरण में हो, उसपर अनिश्चित काल के लिए रोक लगाई जाती है। इस आदेश का असर उच्च एवं तकनीकी शिक्षा निदेशायल के दायरे में आने वाले सभी विश्वविद्यालयों पर पड़ेगा।
युवा बेरोजगारों की टूटी आस
बता दें कि हरियाणा के महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय में शैक्षणिक और गैर शैक्षणिक भर्ती प्रक्रिया अंतिम स्टेज पर थी। साथ ही कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय में भर्ती प्रक्रिया को लेकर एक विज्ञापन जारी किया गया था, जिसमें आवदेन करने की अंतिम तारीख 31 जुलाई निर्धारित की गई थी। वहीं, भारतीय जनता पार्टी के दूसरे कार्यकाल के अंतिम दिनों युवा बेरोजगारों को सहायक प्रोफेसर पदों पर भर्ती एक मात्र आस नहीं आ रही थी, लेकिन अब यह भी टूट गई।
उम्मीदवारों को था बेसब्री से इंतजार
सरकारी कॉलेजों में सहायक प्रोफेसर (Haryana Assistant Professor Bharti) के विभिन्न विषयों के लिए विज्ञापन के लिए युवा बेरोजगार वर्ग काफी बेसब्रीसे इसका इंतजार कर रहा था, लेकिन अंडरग्रैजुएट और पोस्ट ग्रेजुएट स्तर पर कॉलेजों में उम्मीद से कम प्रवेश होने के कारण इस विज्ञापन को भी जारी नहीं किया गया। माना जा रहा है कि अगर कॉलेजों में निर्धारित सीटों पर छात्रों का प्रवेश नहीं हो पाता है तो पहले से लगे सहायक प्रोफेसर, एसोसिएट प्रोफेसर और एक्सटेंशन लेक्सरर भी सरप्लस होते नजर आ सकते हैं।
विश्वविद्यालय और महाविद्यालय की स्थिति खराब
हरियाणा विश्वविद्यालय शैक्षणिक सत्र के दौरान ऑनलाइन माध्यम से काउंसलिंग समाप्त होने के बाद भी अभी तक 40 प्रतिशत सीटें भी पूरी नहीं पाईं हैं। जबकि दूसरी और ग्रामीण क्षेत्रों में चलाए जा रहे राजकीय महाविद्यालयों में की स्थिति तो इससे भी खराब है। विश्वविद्यालय और राजकीय महाविद्यालयों में ऐसी स्थिति देखने के बाद हरियाणा सरकार पहले से ही कार्य कर रहे असिस्टेंट प्रोफेसर और एसोसिएट प्रोफेसर से ही वर्कलोड के हिसाब से कार्य किया जा सकता है।
बता दें कि विश्वविद्यालयों में भर्ती प्रक्रिया (Haryana Assistant Professor Bharti) पर रोक लगाने के बाद बेरोजगार युवा काफी निराश हैं। यह कदम उच्च शिक्षा विभाग के आदेश के बाद लिया गया है, जिससे कई विश्वविद्यालय और कॉलेज प्रभावित हुए हैं। हालांकि, अब देखना यह होगा कि सरकार इस समस्या का समाधान कैसे करती है और बेरोजगार युवाओं के लिए क्या कदम उठाती हैं, साथ ही यह भी देखना होगा कि हरियाणा में विधानसभा चुनाव 2024 से कुछ महीने पहले कहीं उनका यह दांव उनपर उलटा नहीं पड़ जाए।
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