नई दिल्ली। हमारे धर्म शास्त्र में कई Hariyali Teej 2022 Remedies ऐसे व्रत हैं जिन्हें एक बार करने के बाद कभी बंद न करने की बात कही जाती है। साथ ही इन्हें शुरू किया तो कभी दोबारा छोड़ा नहीं जा सकता है। इन्हीं Hariyali Teej 2022 Vrat व्रतों में से एक है हरियाली तीज व्रत। सावन माह की तृतीया तिथि को हरियाली तीज व्रत मनाया जाता है। पर बात ये है अगर कभी गलती से ये व्रत छूट जाए या टूट जाए तो क्या किया जाए। तो चलिए आज हम आपको बताते हैं कि यदि आपके साथ भी ऐसा हो जाए तो क्या करना चाहिए।
कठिन होता है हरियाली तीज का व्रत –
जिस तरह करवा चौथ Hariyali Teej 2022 Vrat और तीजा व्रत होता है। उसी तरह ये हरियाली तीज व्रत भी बड़ा कठिन का माना जाता है। एक बार शुरू करने के बाद इस व्रत को हर साल करना जरूरी होता है। इसे बीच में नहीं छोड़ा जा सकता है। पर कई बार ऐसी समस्याएं आ जाती हैं जब इसे करना मुश्किल हो जाता है। स्वास्थ्य संबंधी कोई समस्या, रजस्वला या फिर गर्भावस्था की वजह से भी महिलाएं हरियाली तीज का व्रत नहीं रख पाती हैं। इसके अलावा और भी कई और भी दूसरे कारण होते हैं, जब महिलाएं व्रत नहीं रख पाती, ऐसे में व्रत छूटने और ना रह पाने की समस्या से बचने के लिए पुराणों में इस समस्या के समाधान के बारे में बताया गया है। आखिर क्या हैं वे उपाय जान लेते हैं।
हरियाली तीज व्रत यदि छूट जाए तो करें ये .-
- जानकारों की मानें तो पुराणों में इस बात का उल्लेख है कि यदि विषम परिस्थितियों में अगर महिला व्रत रख पा रही हैं, तो घर में कोई और महिला उसके बदले यह व्रत रख सकती है।
- ऐसे में जो महिला व्रत नहीं रख पा रही है वो उस महिला को जो आपके बदले व्रत रख रही है, उन्हें सुहाग का सामान और दक्षिणा दें।
- यदि ऐसा भी संभव नहीं है तो पति भी अपनी पत्नी के बदले यह व्रत कर सकते हैं। इससे सबसे अच्छी बात ये होती है जिससे व्रत का फल भी मिल जाता है और व्रत छूटता भी नहीं है।
- माता पार्वती और भगवान शिव से व्रत को सम्पन्न न कर पाने के लिए क्षमा मांगे।
- आप भगवान के आगे बोले कि अगले साल आप इस व्रत को रखेंगी और श्रद्धा के साथ माता पार्वती और भगवान शिव की उपासना करेंगी।
- जिस साल व्रत नहीं रख पाए हैं तो अगले वर्ष इस व्रत को रखकर पूरे विधि.विधान से पूजा अर्चना करें। साथ ही पूरी श्रद्धा के साथ मां पार्वती और भगवान शिव की उपासना करते हुए उनसे पिछले साल की क्षमा मांगे।
- सुहागन महिलाओं को सुहाग की सामग्री भी भेंट स्वरूप दें।