गुजरात।Hardik Patel जहां पर राज्य गुजरात में नई सरकार का कार्यकाल शुरू हो गया है वहीं पर दूसरी बार भूपेंद्र पटेल मुख्यमंत्री बने है तो वहीं पर नए मंत्रिमंडल में मंत्रियो में आज कई नेताओं ने अपने पद की शपथ ली है। जिस बीच युवा नेता के मंत्री नहीं बनाए जाने पर एक अलग ही विषय सामने आया है कि, आखिर हार्दिक पटेल, रिवाबा जैसे नेताओं को क्यों मंत्रिमंडल में नही चुना गया।
मंत्रिमंडल में हार्दिक का नाम नहीं
यहां पर आपको बताते चलें कि, हार्दिक पटेल कांग्रेस छोड़कर भाजपा में आए तो जो इस बार के चुनाव में विरमगांव सीट से चुनाव लड़े थे। आज मंत्रिमंडल के गठन में नाम नहीं आने पर हार्दिक पटेल से पूछे सवाल पर पटेल ने कहा कि मैं बहुत युवा विधायक हूं. मैं सिर्फ पार्टी के लिए काम करने में विश्वास रखता हूं. भाजपा तय करेगी कि वह किसे मंत्रिमंडल में शामिल करे और किसे नहीं. पर राजनीति सत्ता का खेल है. सत्ता के नाम पर देश तक बंट चुका है। बता दें कि, हार्दिक पहले कांग्रेस के नेता रहे तो उनके नाम पर अधिकतर मामले आंदोलन के दौरान दर्ज हुए राजनीतिक मामले हैं. हार्दिक के बाद सबसे ज्यादा 10 मामले कांग्रेस के टिकट पर वडगाम से जीते जिग्नेश मेवाणी पर चल रहे हैं। यहां पर अब आगे हार्दिक के एक्शन को लेकर माना जा रहा है कि, बीजेपी कभी नहीं चाहेगी कि वो पार्टी को मिले पाटीदार वोटों के लिए हार्दिक पटेल को क्रेडिट देकर भूपेंद्र पटेल के सामने एक नया नेता खड़ा करे।
बुर्जुगों वाली पार्टी है भाजपा
आपको बताते चलें कि, नई विधानसभा की औसत उम्र 54 साल 4 महीने है. हार्दिक पटेल और नरोदा से भाजपा के टिकट पर जीतीं पायल कुकरानी नई विधानसभा के सबसे युवा चेहरे हैं. इलेक्शन कमीशन को जमा किए गए डाक्युमेंट्स के अनुसार, दोनों की उम्र 29 साल है. पायल पूर्व मंत्री माया कोडनानी की बेटी हैं. रवींद्र जडेजा की पत्नी रिवाबा भी नई विधानसभा की तीसरी सबसे युवा विधायक होंगी, उनकी उम्र 32 साल है. पर इनमें से किसी को मंत्रिमंडल में जगह नहीं मिली है। इसके साथ ही माने तो भाजपा अभी भी बुजुर्गों की पार्टी बन कर रह गई है।