हाइलाइट्स
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बिना मजदूरों के नामों की सूची के ही कर दी रिपोर्ट की तैयार
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हरदा हादसे में 32 मजदूर, जांच में ज्यादा कैसे
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श्रम मंत्री ने वापस की हरदा ब्लास्ट की जांच रिपोर्ट
भोपाल। Harda Factory Blast Report: पिछले माह हरदा में पटाखा फैक्ट्री ब्लास्ट हुआ था। जिसकी जांच रिपोर्ट श्रम मंत्री को सौंपी गई। श्रम मंत्री प्रह्लाद पटेल ने यह जांच रिपोर्ट वापस कर दी।
इस रिपोर्ट में जो बात सामने आई है, उसमें फैक्ट्री में काम करने वाले मजदूरों से ज्यादा पब्लिक को घायल बताया गया है।
वहीं मजदूरों की सूची ही नहीं है, ऐसे में बिना मजदूरों के नाम की सूची के ही जांच रिपोर्ट तैयार कैसे की गई है। ऐसे में बिना सूची के वेरीफिकेशन किए जाने पर भी सवाल उठ रहे हैं।
बता दें कि 6 फरवरी 2024 को हरदा की पटाखा फैक्ट्री में ब्लास्ट हुआ था। पटाखा फैक्ट्री में हुए ब्लास्ट की जांच के लिए सरकार ने निर्देश जारी किए थे।
इस जांच रिपोर्ट (Harda Factory Blast Report) को श्रम मंत्री ने वापस कर दी है। मंगलवार को श्रम और पंचायत मंत्री प्रहलाद पटेल 9 साल बाद प्रदेश में बढ़ाई गई मजदूरी दरों की जानकारी दे रहे थे।
इस दौरान उनसे हरदा हादसे की जांच को लेकर सवाल पूछा गया।
पब्लिक की संख्या बताई ज्यादा
हरदा ब्लास्ट की जांच रिपोर्ट (Harda Factory Blast Report) को लेकर श्रम मंत्री से जब सवाल पूछा गया तो उन्होंने कहा कि मैं जांच रिपोर्ट से संतुष्ट नहीं हूं।
इसलिए सोमवार को स्वीकार नहीं किया। मैंने मजदूरों की पहचान को लेकर अपने विभाग से सवाल किए हैं। विभाग से पूछा गया है कि जो जांच रिपोर्ट दी गई है, उसमें पीड़ितों में पब्लिक की संख्या ज्यादा क्यों बताई जा रही है, इसमें मजदूर कितने हैं।
उन्होंने विभाग से यह भी पूछा है कि वर्ष 2015 में भी उसी जगह पर हादसा हुआ था, उस फैक्ट्री (Harda Factory Blast Report) में काम करने वाले मजदूरों की संख्या का एनरोलमेंट क्यों नहीं किया गया था। इन सारे सवालों के साथ जांच रिपोर्ट वापस कर दी है।
मजदूरों की संख्या तो 32 ही है ?
मंत्री ने आगे बताया कि हरदा की जिस फैक्ट्री (Harda Factory Blast Report) में हादसा हुआ है, वहां मजदूरों की संख्या 32 बता रहे हैं, इनकी भी सूची नहीं है।
मजदूरों की सूची नहीं है तो वेरिफिकेशन किस आधार पर किया गया है। वहीं उन्होंने कहा कि किसी घायल से पूछकर उसे मजदूर बताया जा रहा है।
यदि आपके पास किसी इंडस्ट्री में काम करने वालों की सूची नहीं हैं तो किस आधार पर न्याय किया जाएगा। इस तरह के कई सवाल होने से इस रिपोर्ट को स्वीकार नहीं किया।
ये निर्देश किए जारी
प्रहलाद पटेल (Harda Factory Blast Report) ने बताया कि वर्ष 2015 में ठीक इसी तरह की घटना हुई है। इसके बाद भी सूची अगर उपलब्ध नहीं हैं, ऐसे में हमें अपने मैकेनिज्म पर विचार करने की जरूरत है कि हम क्या तरीका अपनाएं।
वहीं हरदा कलेक्टर व श्रम विभाग से पेपर भी मांगे हैं, यदि उनके पास हो तो वे दिखाएं। हरदा मामले में और निर्देश दिए हैं।
कृषि श्रमिकों को मिलेंगे हर महीने 7660 रुपए
मंगलवार को ही मंत्री प्रहलाद पटेल (Harda Factory Blast Report) ने श्रमिकों के लिए कैबिनेट में किए गए फैसले को लेकर जानकारी दी। उन्होंने कहा कि बीड़ी, अगरबत्ती, खेती जैसे काम में लगे श्रमिकों की मजदूरी 25 प्रतिशत बढ़ा दी गई है।
बढ़ी हुई मजदूरी 1 अप्रैल 2024 से मिलेगी। इसके साथ ही 9 साल बाद मजदूरी की दरें बढ़ाई गई हैं। इससे पहले 2014 में बढ़ाई गई थी।
नई न्यूनतम वेतन दरों के प्रभावशील होने पर कृषि श्रमिकों का न्यूनतम वेतन 7660 रुपए प्रतिमाह हो जाएगा।
न्यूनतम वेतन में जुड़ेगा महंगाई भत्ता
श्रम मंत्री ने जानकारी दी है कि बीड़ी श्रमिकों एवं अगरबत्ती श्रमिकों के वेतन में वर्तमान दरों में वृद्धि कर 25 प्रतिशत की बढ़ोतरी की है।
यह बढ़ोतरी जनवरी से जून- 2019 के अखिल भारतीय उपभोक्ता मूल्य सूचकांक के आधार पर 1 अक्टूबर 2019 से बदले हुए महंगाई भत्ते को न्यूनतम वेतन में जोड़कर नई न्यूनतम वेतन दरें निर्धारित की गई हैं।
उन्होंने बताया कि जो दरें अभी दी जा रही हैं, ये दरें यदि संशोधित दरों से अधिक है तो इसे किसी भी दशा में कम नहीं किया जाएगा।
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हरदा पटाखा फैक्ट्री ब्लास्ट में 13 लोगों की हुई थी मौत
6 फरवरी 2024 को मध्य प्रदेश के हरदा जिले में पटाखा फैक्ट्री में ब्लास्ट (Harda Factory Blast Report) हुआ था। इस हादसे में 13 लोगों की मौत हो गई थी।
इसके अलावा हरदा शहर के कई घरों में दरारें आ गई थीं। वहीं 200 से ज्यादा लोग घायल हो गए थे। हरदा ब्लास्ट मामले के मुख्य आरोपी पटाखा फैक्ट्री मालिक राजेश अग्रवाल को पुलिस ने आरेस्ट कर लिया था।
पटाखा फैक्ट्री ब्लास्ट (Harda Factory Blast Report) मामले की गंभीरता को देखते हुए मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने प्रमुख सचिव गृह की अध्यक्षता में समिति गठित की थी और त्वरित फैसला करते हुए शासन की ओर से कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक हटा दिए गए थे।
जिसकी जांच रिपोर्ट को श्रम मंत्री ने वापस कर दी है।