Harda Factory Blast Case Update: जबलपुर हाईकोर्ट ने हरदा पटाखा फैक्ट्री ब्लास्ट मामले में मृतकों के परिजनों को NGT के हिसाब से तय मुआवजा देने के आदेश को सही ठहराया। कोर्ट ने एनजीटी के आदेश के मुताबिक मुआवजे का वितरण तय किया है। जिससे अब मृतकों के परिवारों को राहत मिलेगी। इस हादसे में मारे गए 13 लोगों में से 4 मृतकों के परिवारों को पहले ही 15-15 लाख रुपये की मुआवजा राशि दी जा चुकी है। वहीं, शेष 9 मृतकों के परिवारों को भी इसी तरह मुआवजा देने का निर्देश दिया गया है।
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— Bansal News (@BansalNewsMPCG) December 16, 2024
NGT के आदेश को सही ठहराया
हाईकोर्ट ने फैक्ट्री मालिकों की आपत्तियों को खारिज करते हुए एनजीटी के फैसले को बरकरार रखा और मुआवजे के वितरण पर लगी रोक हटा दी। अब राज्य सरकार को आदेश दिया गया है कि मृतकों के परिवारों को प्राथमिकता के आधार पर मुआवजा शीघ्र प्रदान किया जाए।
घटना में 13 लोगों की मौत, 300 लोग हुए थे घायल
6 फरवरी 2024 को हरदा जिले में स्थित पटाखा फैक्ट्री में भीषण विस्फोट हुआ था, जिसमें 13 लोगों की मौत हो गई और 300 लोग घायल हो गए थे। इसके साथ ही कई लोगों की संपत्ति भी नष्ट हो गई। हालांकि मुआवजे का वितरण शुरू हो गया है, फिर भी 126 घायल और संपत्ति खोने वाले पीड़ित मुआवजे का इंतजार कर रहे हैं और राहत शिविरों में रह रहे हैं।
फैक्ट्री मालिक ने की थी रोकने की कोशिश
एनजीटी ने इस मामले में 6 फरवरी को स्वतः संज्ञान लेते हुए मृतकों के परिवारों को 15 लाख रुपये और घायलों को 5 लाख रुपये का मुआवजा देने का आदेश दिया था। फैक्ट्री मालिकों ने मुआवजे की राशि देने पर रोक लगाने के लिए हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी, लेकिन उच्च न्यायालय ने फैक्ट्री मालिकों की याचिका को खारिज कर दिया।
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मृतकों को दिया जाएगा 15-15 लाख का मुआवजा
हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को निर्देश दिया कि वह मुआवजे की राशि तत्काल वितरित करें और मृतकों के परिवारों को प्राथमिकता के आधार पर मुआवजा दिया जाए। एनजीटी ने फैक्ट्री संचालकों को आदेश दिया था कि मृतकों के परिजनों को 15-15 लाख रुपये, गंभीर रूप से घायलों को 5-5 लाख रुपये, अन्य घायलों को 3-3 लाख रुपये, क्षतिग्रस्त मकानों के लिए 5 लाख रुपये और बेघर हुए लोगों को 2-2 लाख रुपये मुआवजा दिया जाए।
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