Har Ghar Nal Yojana: केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी योजना जल जीवन मिशन के तहत एकल ग्राम में ‘हर घर नल से जल’ व्यवस्था के संचालन में बड़े बदलाव की तैयारी की जा रही है।
आपको बता दें कि मध्य प्रदेश में अभी यह व्यवस्था पंचायतों के जिम्मे है, लेकिन अब इसे निजी कंपनियों को सौंपने पर विचार किया जा रहा है। इसका मुख्य कारण यह है कि ग्राम पंचायतें इस योजना को प्रभावी रूप से चलाने में विफल साबित हो रही हैं। निजी कंपनियों के हाथों में यह जिम्मेदारी देने से व्यवस्था में सुधार की उम्मीद जताई जा रही है।
निजी हाथों में जाएगा काम
आपको बता दें कि अभी हाल ही में एक उच्च स्तर की बैठक में, पीएचई (लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग) ने यह प्रस्ताव रखा है कि नल-जल योजना के संचालन और रख-रखाव का काम ठेके पर दिया जाए, ताकि बाहरी आपरेटर इस कार्य को संभालें।
विभाग का मानना है कि अगर यह कदम नहीं उठाया गया, तो यह महत्वाकांक्षी योजना 4 साल में बंद होने की स्थिति में पहुंच सकती है। इस प्रस्ताव के साथ विभाग ने सरकार से 1100 करोड़ रुपए की अतिरिक्त राशि की मांग की है।
वर्तमान में चल रही 12,500 एकल ग्राम योजनाओं में से 6,500 गांवों की योजनाओं का पुनः मूल्यांकन (रिवीजन) करने की आवश्यकता बताई गई है, जिससे इन योजनाओं की लागत में 3,200 करोड़ रुपए तक का इजाफा हो सकता है।
इन बिंदुओं पर हुई बात
1. पंचायतों के पास बजट और संसाधनों की कमी के कारण ‘हर घर जल’ योजना के तहत पानी की नियमित आपूर्ति नहीं हो पा रही है। इसके चलते अधिकांश गांवों में जल सप्लाई रोजाना नहीं हो रही, जिससे लोग पानी का बिल भी नहीं चुका पा रहे हैं। इस समस्या का समाधान निकालने के लिए पीएचई विभाग ने बाहरी ऑपरेटरों से काम करवाने का प्रस्ताव रखा है।
2. पीएचई विभाग के इस प्रस्ताव पर मुख्य सचिव अनुराग जैन ने कहा कि बाहरी ऑपरेटर को काम सौंपने से पहले एक ठोस और स्पष्ट प्रस्ताव तैयार किया जाए।प्रस्ताव में यह भी उल्लेख किया गया कि राज्य में कुल 27,150 एकल ग्राम नल जल योजनाओं के लिए 17,911 करोड़ रुपए की राशि स्वीकृत की गई है, जिनमें से 12,500 योजनाएं पूरी हो चुकी हैं।
3. प्रदेश में 52.5 लाख परिवारों को नल कनेक्शन दिए गए हैं, जिनसे प्रति माह 60 रुपए के हिसाब से बिल वसूला जाना चाहिए था, यानी सालाना 378 करोड़ रुपए, लेकिन पिछले 3 सालों में औसतन केवल 4.68 करोड़ रुपए ही वसूले गए हैं।
4. इसके समाधान के लिए प्रस्ताव में यह भी है कि 100 गांवों (Har Ghar Nal Yojana) का एक क्लस्टर बनाकर एक निविदा आमंत्रित की जाएगी, जिसमें 3 साल का ठेका दिया जाएगा, जिसे दो साल और बढ़ाया जा सकता है। यह कदम योजना के संचालन को प्रभावी बनाने के लिए उठाया जा रहा है।
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क्या होता है जल जीवन मिशन
जल जीवन मिशन एक राष्ट्रीय योजना है, जो 2019 में शुरू की गई थी, जिसका उद्देश्य 2024 तक देश के हर ग्रामीण परिवार को नल कनेक्शन से सुरक्षित और स्वच्छ पेयजल प्रदान करना है।
इस योजना के तहत केंद्र और राज्य सरकारें मिलकर खर्च का आधा-आधा हिस्सा वहन करती हैं। अब तक देशभर में 78.96% घरों को नल कनेक्शन मिल चुके हैं, जबकि मध्य प्रदेश में यह आंकड़ा 66.14% है।
जल जीवन मिशन का उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में जल आपूर्ति की सुविधाओं को मजबूत करना और हर घर में 24 घंटे सुरक्षित पानी पहुंचाना है।
पीएचई सचिव ने दी जानकारी
मीडिया रिपोर्ट की मानें तो पी. नरहरि, सचिव, पीएचई (लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग), मध्य प्रदेश ने जल जीवन मिशन के तहत चल रही एकल ग्राम योजनाओं के संबंध में पॉलिसी निर्धारण के लिए आयोजित (Har Ghar Nal Yojana) बैठक में कहा कि यदि इन योजनाओं का संचालन और रख-रखाव सही तरीके से नहीं किया गया, तो जल आपूर्ति व्यवस्था में समस्या आ सकती है।
उन्होंने बताया कि इस स्थिति से बचने के लिए एक नीति बनाई जाएगी, जिसमें सभी आवश्यक पहलुओं पर विचार किया जाएगा। नीति तैयार होने के बाद ही योजना के अगले कदम उठाए जाएंगे, ताकि जल जीवन मिशन को प्रभावी रूप से लागू किया जा सके।
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