Happy Birthday Govinda: कपिल शर्मा को आज भले ही लोग कॉमेडी किंग के नाम से जानते हैं। लेकिन एक समय था जब बॉलीवुड के हीरो नंबर वन गोविंदा को इसी नाम से जाना जाता था। गोविंदा ने कॉमेडी और अपनी एक्टिंग से करोड़ों दर्शकों का दिल जीता है। 90 के दशक में उन्होंने कई ऐसी कॉमेडी फिल्में की जो आज भी दर्शकों को हंसने पर मजबूर कर देती हैं। आज गोविंदा अपना 58वां जन्मदिन मना रहे हैं।
मुंबई में हुआ जन्म
21 दिसंबर 1963 को उनका जन्म मुंबई में हुआ था। गोविंदा के पिता अरुण आहूजा मूल रूप से पंजाब के गुजरांवाला (जो अब पाकिस्तान में है) के रहने वाले थे। आहूज अपनी इंजीनियरिंग की पढ़ाई के लिए तब लाहौर में रहा करते थे। इसी दौरान बॉलीवुड के मशहूर निर्माता-निर्देशक महबूब खान नई प्रतिभा को खोजने के लिए लाहौर आए। यहां उनकी मुलाकात गोविंदा के पिता अरूण आहूजा से हुई। महबूब खान उनसे इतने प्रभावित हुए कि उन्होंने उन्हें मुंबई आने का ऑफर दे दिया और उन्हें अपनी फिल्म ‘एक ही रास्ता में’ बतौर नायक चुना।
पिता को झेलना पड़ा नुकसान
अरूण आहूजा बतौर अभिनेता काफी प्रसिद्ध हुए। वहीं गोविंदा की मां नर्मला देवी भी एक मशहूर अदाकारा थी। कुल मिलाकर कहा जाए तो गोविंदा के घर की हालत उस दौरान काफी अच्छी थी। लेकिन तभी अरुण आहूजा के मन में एक फिल्म बनाने का विचार आया। इस फिल्म में अरूण आहूजा को काफी नुकसान उठाना पड़ा। उनके परिवार की आर्थिक स्थिति काफी खराब हो गई। इससे उनकी सेहत को भी काफी नुकसान हुआ।
घोटे से घर में शिफ्ट हो गया आहूजा परिवार
आहूजा परिवार को अपना आलीशान घर छोड़कर एक छोटे से घर में शिफ्ट होना पड़ा। इस छोटे से घर में कुल 8 लोग रहते थे। जिसमें गोविंदा के 6 भाई-बहन और माता-पिता शामिल थे। गोविंदा अपने सभी भाई-बहनों में सबसे छोटे थे। इस कारण से घर के लोग उन्हें ची-ची बुलाते थे। पंजाबी में ची-ची को छोटी उंगली कहा जाता है। घर में फिल्मी माहौल जरूर था, लेकिन आर्थिक स्थिति ऐसी नहीं थी कि बाकी भाई-बहन फिल्मों की ओर रुख कर सकें। जैसे-जैसे सब बड़े हो रहे थे वे नौकरी की तलाश में भटकने लगे ताकि घर की आर्थिक स्थिति को संभाला जा सके।
अंग्रेजी न आने की वजह से नहीं मिली नौकरी
गोविंदा भी महाराष्ट्र के वर्तक कॉलेज से पढ़ाई पूरी करने के बाद नौकरी की तलाश में भटकने लगे। लेकिन अंग्रेजी की वजह से उन्हें नौकरी नहीं मिली। ऐसे में उनके पिता ने उन्हें फिल्मों में ट्राई करने को कहा। गोविंदा भी तन मन से लग गए। वे घंटों तक डांस मूव्स की प्रैक्टिस करते थे और उन्होंने अपना एक विडियो कैसेट भी तैयार करवाया। वे जब भी किसी ऑडिशन के लिए जाते तो उस कैसेट को दिखाना नहीं भूलते थे। एक दिन उन्हें एक खाद के विज्ञापन में काम करने का अवसर मिला। इस मौके के बाद उन्होंने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। साल 1986 में उनकी पहली फिल्म ‘इल्जाम’ रिलीज हुई और वे बड़े पर्दे पर छा गए।
21 साल की उम्र में जिस लड़के को कोई जानता तक नहीं था, वो 22 साल की उम्र में 50 फिल्में साइन कर चुका था। गोविंदा ने अपनी फिल्मी करियर में 165 से ज्यादा फिल्मों में काम किया है। साथ ही कई अवॉर्ड भी अपने नाम किए हैं। उन्होंने कई डांस नंबर इस इंडस्ट्री को दिए हैं। जिसमें यूपी वाला ठुमकगा, किसी डिस्को में जाएं सहित कई गाने शामिल हैं।
जिस फिल्म को हाथ लगाते, वो ब्लॉकबस्टर हो जाती
80 और 90 के दशक में उनका सितारा बुलंदियों पर था। वो जिस फिल्म को हाथ लगाते, वो बॉक्स ऑफिस पर ब्लॉकबस्टर हो जाती थी। उस दौर में गोविंदा अकेले ऐसे सुपरस्टार थे जो तीनों खान को टक्कर देते थे। क्योंकि उस वक्त जो गोविंदा कर रहे थे वो न शाहरूख खान कर सकते थे न सलमान और न ही आमिर। उनकी फिल्मों को देखने के लिए सिनेमाघरों के बाहर लंबी लाइने लगती थीं।
एक के बाद एक फिल्में हुई सुपरहिट
राजा बाबू, कुली नम्बर 1,दीवाना मस्ताना, बड़े मिया छोटे मिया, हीरो नम्बर 1, साजन चले ससुराल, दुलारा, शोला और शबनम, दूल्हे राजा, हसीना मान जाएगी ये कुछ ऐसी फिल्में हैं जो कि एक के बाद एक ब्लॉकबस्टर साबित हुईं। उस वक्त अगर थियेटर में लोगों की भारी भीड़ लगती थी तो देखने वाले समझ जाते थे गोविंदा की फिल्म लगी है।