Hanumanji Caste Certificate Controversy: उत्तर प्रदेश के वाराणसी में एक अजीबोगरीब मामला सामने आया, जहां समाजवादी पार्टी की लोहिया वाहिनी के कार्यकर्ताओं ने हनुमान जी का जाति प्रमाण-पत्र बनवाने के लिए जिला मुख्यालय में आवेदन जमा किया। यह कदम सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और यूपी सरकार के कैबिनेट मंत्री ओमप्रकाश राजभर के बयान के विरोध में उठाया गया। राजभर ने हाल ही में बलिया में आयोजित एक कार्यक्रम में भगवान हनुमान को ‘राजभर जाति’ का बताया था, जिसके बाद यह विवाद खड़ा हुआ।
हनुमान जी का जाति प्रमाण-पत्र बनवाने के लिए आवेदन जमा
लोहिया वाहिनी के कार्यकर्ताओं ने वाराणसी के जिला मुख्यालय पर हाथों में तख्तियां और बैनर लेकर प्रदर्शन किया। ‘ओमप्रकाश राजभर होश में आओ’ के नारों के बीच कार्यकर्ताओं ने हनुमान जी का जाति प्रमाण-पत्र (Hanumanji Caste Certificate Controversy) जारी करने की मांग करते हुए आवेदन जमा किया। फॉर्म में हनुमान जी के नाम को ‘श्री बजरंगबली’, पिता का नाम ‘वनराज केसरी’, माता का नाम ‘अंजनी देवी’ और पता ‘संकट मोचन, साकेत नगर, थाना लंका, वाराणसी’ लिखा गया।
राजभर के बयान पर राजनीति तेज
ओमप्रकाश राजभर के बयान को लेकर वाराणसी और अन्य जगहों पर भी विरोध तेज हो गया है। समाजवादी पार्टी ने इसे धार्मिक भावनाओं से खिलवाड़ बताते हुए सरकार पर निशाना साधा। प्रदर्शनकारियों ने सरकार से राजभर के बयान पर संज्ञान लेने और उनके खिलाफ कार्रवाई की मांग की। इस विवाद ने उत्तर प्रदेश की राजनीति में धर्म और जाति के मुद्दों पर एक बार फिर बहस छेड़ दी है।
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पहले भी हो चुकी है हनुमान जी का जाति प्रमाण-पत्र बनवाने की मांग
बता दें, इससे पहले 2018 में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा भगवान हनुमान को ‘दलित’ बताए जाने के बाद वाराणसी में जिला प्रशासन के सामने प्रगतिशील समाजवादी पार्टी-लोहिया ने भगवान हनुमान के जाति प्रमाणपत्र के लिए आवेदन किया था। साथ ही आवेदन में भगवान हनुमान की तस्वीर के साथ उनके माता-पिता का नाम और पता भी लिखा था। हालांकि जाति के स्थान पर दलित और उम्र के कालम में ‘अनंत’ बताया गया था।