Hanuman Jayanti 2024: इस साल हनुमान प्रकटोत्सव 23 (Hanuman Prakat Utsav 2024) अप्रैल यानी मंगलवार को मनाया जाएगा। भक्त अलग-अलग तरीकों को बजरंग बली (Bajrang Bali) को प्रसन्न करने की कोशिश करेंगे। ये तो सभी जानते हैं कि भगवान श्रीहनुमान (Lord Hanuman) को प्रसन्न करने के लिए क्या करना चाहिए, लेकिन आज हम आपको बताने जा रहे हैं कि 23 अप्रैल को श्री हनुमान प्रकटोत्सव पर आपको क्या नहीं करना चाहिए।
सिंदूर (Sindur)
आपने अक्सर देखा होगा भगवान को प्रसन्न करने के लिए सिंदूर का चोला चढ़ाया जाता है। यदि आप भी बजरंग बली की सेवा कर उन्हें खुश कर उनका आशीर्वाद पाना चाहते हैं तो श्रीहनुमान प्रकटोत्सव पर उन्हें सिंदूर का चोला जरूर चढ़ाएं।
इसके पीछे भी एक कारण है।माता सीता भगवान श्रीराम की लंबी उम्र की कामना से मांग मे सिंदूर लगाती थीं। जिसे देखकर श्री हनुमान भी सिंदूर लगाने लगे हैं। मंगलवार और शनिवार के दिन और हनुमान प्रकटोत्सव के दिन उन्हें सिंदूर जरूर अर्पित करें।
लाल कपड़ा (lal cloth)
श्री बजरंगबली के वस्त्रों की बात करें तो उन्हें आप जब भी वस्त्र अर्पित करें इसके लिए लाल रंग के कपड़ों का उपयोग करें। हनुमान प्रकटोत्सव के दिन लाल रंग का चोला या कपड़ा जरूर चढ़ाएं।
गेंदे के फूलों की माला (Gende ke Pool)
शास्त्रों में दिए उल्लेख के अनुसार श्रीबजरंग बली को गेंदे के फूलों की माला अत्यंत प्रिय हैं। इसलिए हनुमान जयंती के दिन हनुमान जी के चरणों में गेंदे के फूल की माला जरूर अर्पित करनी चाहिए।
बेसन के लड्डू –(Besan ke laddu)
अगर आप भगवान बजरंग बली उनके मनपसंद का भोग लगाकर प्रसन्न करना चाहते हैं तो इसके लिए आप उन्हें बेसन के लड्डू का भोग जरूर लगाएं। ऐसा करने से आपके बिगड़े काम बनने लगेंगे।
हनुमान जयंती पर क्या नहीं करना चाहिए
1. चरणामृत (Charan Amrit)
श्री हनुमान जी की पूजन में चरणामृत का प्रयोग वर्जित है। ऐसा करने से अशुभ परिणाम प्राप्त हो सकते हैं।
2. स्त्रियों का स्पर्श न करें
अगर आप हनुमानजी को खुश करना चाहते हैं तो इसके लिए आपको कुछ उपाय करने होंगे। इसके लिए हनुमान प्रकटोत्सव पर आपको ब्रह्यचर्य व्रत का सख्ती से पालन करना चाहिए। आप ध्यान रखें कि पूजा के दौरान महिलाओं को भूलकर भी स्पर्श न करें।
3. इन मूर्तियों की भूलकर भी न करें पूजा
घर के मंदिर में रखी मूर्तियां पूजन के फल को प्रभावित करती हैं। हनुमान प्रकटोत्सव के दिन याद रखें कि श्रीहनुमान की खंडित मूर्तियों का पूजा में भूलकर भी उपयोग न करें।
यदि आपके घर में खंडित मूर्तियां रखी हैं तो इस दिन उन्हें हटाकर विसर्जन कर दें। मान्यता अनुसार ऐसी मूर्तियां आपके अशुभ संकेत देती हैं।
4. इस रंग के कपड़ों का उपयोग है वर्जि
आपको ध्यान रखना है कि कभी भी किसी भी पूजा में काले रंग के कपड़ों का उपयो नहीं करना चाहिए।
ये अशुभता का प्रतीक माना जाता है इसलिए जहां तक संभव हो पीले या लाल रंग के वस्त्र जरूर पहनें।
5 . दिन में सोना चाहिए या नहीं
हनुमान जन्मोत्सव पर व्रत रखने वालों को इस दिन, दिन में भूलकर भी सोना नहीं चाहिए।
6. दान की चीजों का न करें उपयोग
अगर आपको इस दिन दान में कोई चीज मिली है तो उसका उपयोग इस दिन नहीं करना चाहिए।
हनुमान जयंती नहीं हनुमान प्रकट उत्सव कहिए
बीते कई दिनों से हनुमान जयंती को हनुमान प्रकटोत्सव के नाम से अधिक संबोधित किया जाने लगा है।
वो इसलिए क्योंकि जयंती का अर्थ जो जीवित न हो। पर भगवान श्री राम को अमर माना गया है। लेकिन यहां बात भगवान हनुमान करी जाए तो इन्हें कलयुग का अमर देवता माना गया है।
जन्मोत्सव और जयंती में क्या होता है अंतर
जन्मदिन और जयंती में बहुत अंतर है। जन्मदिन हमेशा जीवित लोगों का मनाया जाता है और जयंती उन लोगो के जन्मदिवस को कहते है जो आज हमारे बीच नहीं है और जिनकी मृत्यु हो चुकी है।
भगवान श्री हनुमान को लेकर कहा जाता है कि वे अमर हैं। इसलिए हम श्री हनुमान जयंती नहीं श्रीहनुमान जन्मोत्सव (Shri Hanuman Janam Utsav) या श्री हनुमान प्रकट उत्सव कहते हैं।
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