Hanuman Janam Utsav 2024 Udne ki Speed: इस साल श्री हनुमान प्रकटोत्सव 23 अप्रैल मंगलवार को मनाया जाएगा। इस दिन भगवान श्री हनुमान (Shri Hanuman) यानी बजरंग बलि (Bajrang Bali) का जन्म उत्सव होगा। मंदिरों में भजन कीर्तन, श्रीहनुमान चालीसा का पाठ, सुंदर कांड का पाठ (Sunder Kand ka Path) किया जाएगा।
ये तो सभी जानते हैं कि हनुमान जी पवन पुत्र हैं। वे जब चाहे जहां चाहे उड़ सकते हैं। पर हर किसी के मन में एक सवाल उठता है कि हनुमान जी की उड़ने गति (Hanuman ji ki Udne ki Speed) कितनी होगी। यानी हनुमानजी कितनी स्पीड से उड़ते थे। इस बात को लेकर कई तरह के तर्क और मत दिए और सुने जा सकते हैं।
लड़ाकू विमान से ज्यादा बताते हैं स्पीड
हनुमान जी की स्पीड को लेकर बताया जाता है कि मेघनाद के बाण से लक्ष्मण जी रात को मूर्छित हुए थे। मीडिया में छपी खबरों के अनुसार ये घटना रात 12 बजे हुई थी।
इसके बाद जब भगवान श्री राम को लक्ष्मण के मूर्छित होने की खबर मिलने के बाद हनुमान जी (Hanuman Ji) लंका के राजा रावण के भाई विभीषण के कहने पर सुषेण वैद्य को लंका से लेकर आए थे। उस दौरान रात के करीब 1ः00 बजे थे।
सुबह 5 बजे के पहले लौटना था
वैद्यराज सुषेण ने लक्ष्मण जी की जांच करने के बाद उन्होंने बताया था कि हिमालय के पास द्रोणागिरी पर्वत पर चार औषधियां मिलेगी, जिन्हें हनुमानजी को सूर्याेदय से पहले यानी सुबह 5ः00 बजे से पहले लेकर आना होगा।
हनुमानजी (Hanuman Ji) रात करीब 1ः30 बजे हिमालय के लिए औषधी ढूढ़ने के लिए निकले थे। ढाई हजार किलोमीटर दूर हिमालय के द्रोणगिरि पर्वत से उस औषधि को लेकर आने में हनुमानजी के पास 3ः30 घंटे का समय था।
इस 3ः30 घंटे में से आधा घंटा औषधि खोजने में और आधा घंटा कालनेमि नामक राक्षस (Kalnemi Rakshas) ने जो उनको भ्रमित करने के नियम में से निकाल दिया जाए और आधा घंटा भरत के द्वारा उनको नीचे गिराने में तथा वापस भेजने देने में से हटा दिया जाए तो हनुमान जी (Hanuman Ji) को आने जाने के लिये मात्र 02 घण्टे का समय मिला था।
दो घंटे में 5 हजार किमी की यात्रा
खबरों के मुताबिक हनुमान जी मात्र दो घंटे में 5 हजार किमी की यात्रा करके द्रोणगिरी पर्वत हिमालय पर जाकर वापस आ गए थे। इस हिसाब से उनके उड़ने की गति ढाई हजार किलोमीटर प्रति घंटा रही होगी।
इसकी तुलना यदि भारतीय वायु सेना के लड़ाकू विमान मिराज से करें तो विराज की गति 2400 किलोमीटर प्रति घंटा है। इस आधार पर कहा जाता है कि हनुमान जी (Hanuman Ji) की उड़ने की गति वायुसेन के लड़ाकू विमान मिराज (Miraj) की गति से तेज है।
शास्त्रों के अनुसार हनुमानजी की उड़ने की गति
ज्योतिषाचार्य पंडित रामगोविंद शास्त्री के अनुसार पवन पुत्र श्रीहनुमान जी उड़ने की गति उनकी इच्छा पर निर्भर करती थी। वे जब चाहें जैसे चाहें उस वेग से दौड़ सकते थे।
सुंदर कांड में दिए एक दोहे के अनुसार
जिमि अमोघ रघुपति कर बाना। एही भांति चलेउ हनुमाना।”
यानी श्रीराम जी के बाण की गति अमोघ थी। यानी जिसे कोई भेद नहीं सकता। उतनी ही गति से हनुमानजी उड़ते थे।
शिवजी के 11 वें आवेशावतार हैं श्रीहनुमान
ज्योतिषाचार्य के अनुसार हनुमानजी भगवान शिव (Lord Shiv) के 11 वें अवतार हैं। जिनका नाम आवेशावतार है।
जब विषम परिस्थितियां आती हैं, संतुलन बिगड़ता है। भगवान को इस बात का बोध होता है कि संकट गहराने वाला है, तब भगवान अवतार लेते हैं। नृसिंह अवतार आवेश वाला है। उग्र है। शरम अवतार भी एक अवतार है।
जब हुआ थी श्रीहनुमान का जन्म, वहीं योग बन रहे इस साल
इस साल 23 अप्रैल मंगलवार 2024 को श्रीहनुमान का जन्म उत्सव (Shri Hanuman Janam Utsav 2024) मनाया जाएगा।
ज्योतिषाचार्य श्री शास्त्री के अनुसार जब भगवान श्रीहनुमान का जन्म (Hanuman ji ka Janam) हुआ था उस समय जो ग्रह-नक्षत्रों की स्थिति थी। बिल्कुल वहीं स्थिति इस बार बन रही है। इस साल 23 अप्रैल को Hanuman Jayanti 2024 पर वही योग बन रहे हैं। इस दिन मंगलवार का दिन, पूर्णिमा का दिन, चित्रा नक्षत्र पड़ेगा।
सूर्यास्त के बाद नहीं होता था युद्ध
ज्योतिषाचार्य पंडित रामगोविंद शास्त्री के अनुसार राजाओं का युद्ध कभी भी सूर्यास्त के बाद नहीं होता था। इसलिए खबरों के मुताबिक श्री लक्ष्मण सूर्यास्त के बाद मूर्छित हुए थे ये गलत है। श्रीलक्ष्मण जब मूर्छित हुए थे तब सूर्यास्त होने वाला था।
नोट : इस लेख में दी गई सूचनाएं सामान्य जानकारियों पर आधारित है। बंसल न्यूज इसकी पुष्टि नहीं करता। अमल में लाने से पहले विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें।
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