भोपाल। राजधानी के हमीदिया अस्पताल हादसे के बाद सीएम शिवराज सिंह अब एक्शन के मोड में दिख रहे हैं। हादसे को लेकर सीएम शिवराज सिंह ने बुधवार को आपात बैठक बुलाई है। इस आपात बैठक में सरकार के मंत्री और आला अधिकारी मौजूद रहेंगे। राजधानी के हमीदिया अस्पताल स्थित कमला नेहरू अस्पताल के एक वॉर्ड में आग लगने से 4 बच्चों की मौत हो गई थी। हालांकि लोगों का आरोप है कि इस हादसे में 4 से ज्यादा बच्चों की मौत हुई है। इस हादसे के बाद सरकार की किरकिरी होती दिख रही है। सीएम शिवराज सिंह ने भी इस मामले को गंभीरता से लिया है। माना जा रहा है कि आज होने वाली आपात बैठक में कई डॉक्टर्स और अधिकारियों पर गाज गिर सकती है। बता दें कि आज होने वाली इस बैठक में लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री प्रभुराम चौधरी, चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग, गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा, भोपाल के प्रभारी मंत्री भूपेंद्र सिंह, मुख्य सचिव, पीएस हेल्थ, पीएस गृह मौजूद रहेंगे। इस बैठक में हादसे को लेकर बात की जाएगी। साथ ही दोषी पाए गए अधिकारियों के खिलाफ सख्त फैसले लिए जा सकते हैं।
यह है पूरा मामला…
मध्य प्रदेश के भोपाल में कमला नेहरु बाल चिकित्सालय (हमीदिया अस्पताल परिसर) की विशेष नवजात शिशु इकाई (एसएनसीयू) में सोमवार रात आग लगने से कम से कम चार शिशुओं की मौत हो गई। प्रदेश सरकार ने घटना की उच्च स्तरीय जांच के आदेश दिए हैं। राज्य के चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग ने कहा कि हो सकता है कि आग शार्ट सर्किट के कारण लगी हो। उन्होंने वार्ड के अंदर की स्थिति बहुत डरावनी बतायी। अस्पताल के एक वरिष्ठ डॉक्टर ने बताया कि चारों मृत शिशुओं की उम्र एक माह से कम थी। एक अधिकारी ने बताया कि आग अस्पताल की तीसरी मंजिल पर लगी, जहां पर आईसीयू है। सारंग ने कहा कि एसएनसीयू वार्ड में लगी आग में चार बच्चों की मौत हो गई। घटना की सूचना मिलते ही हम अन्य लोगों के साथ मौके पर पहुंचे। वार्ड के अंदर अंधेरा था। हमने बच्चों को बगल के वार्ड में स्थानांतरित कर दिया। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने पीड़ितों के परिवार को चार-चार लाख रुपए की अनुग्रह राशि देने की घोषणा की है। फतेहगढ़ दमकल केंद्र के प्रभारी जुबेर खान ने बताया कि सोमवार रात करीब नौ बजे अस्पताल की तीसरी मंजिल पर आग लगी और आग बुझाने के लिए दमकल की करीब 10 गाड़ियां मौके पर पहुंची। उन्होंने बताया कि हो सकता है कि शॉर्ट सर्किट के कारण आग लगी हो। एसएनसीयू में कुल 40 शिशुओं को भर्ती किया गया था। घटना के बाद इनमें से 36 शिशुओं को अलग-अलग वार्ड में रखा गया है।