Halshashthi 2024 Date: भादो का महीना 20 अगस्त मंगलवार से शुरू हो गया है। इसी के साथ भादो के त्योहार शुरू हो जाएंगे। इस महीने त्योहार के त्योहारों में कजरी तीज (Kajli Teej) , हल षष्ठी (Halshashthi Vrat 2024) , जन्माष्टमी (Janamashtmi 2024) आएंगे। ऐसे में यदि आप भी हलषष्ठी का व्रत रखती हैं और आप इसे लेकर कंफ्यूज हैं कि ये व्रत कब रखा जाएगा तो जानते हैं ज्योतिषाचार्य से।
कब आ रही है भादो के कृष्ण पक्ष की षष्ठी तिथि
हिन्दू पंचांग के अनुसार भादो के कृष्ण पक्ष की षष्ठी तिथि को हल षष्ठी व्रत रखा जाता है। इस बार षष्ठी तिथि 24 अगस्त को दोपहर 12:30 मिनट पर आ जाएगी। जो दूसरे दिन 25 अगस्त को सुबह 10:11 मिनट तक रहेगी।
कब है हलषष्ठी व्रत
ज्योतिषाचार्य पंडित रामगोविंद शास्त्री के अनुसार चातुर्मास (Chaturmass 2024) के जो भी व्रत होते हैं वे मध्यान्ह व्यापनी कहलाते हैं। यानी ये सभी व्रत दोपहर में किए जाते हैं। चूंकि षष्ठी तिथि सूर्योदय के हिसाब से 25 अगस्त को आएगी।
इसलिए उदया तिथि के अनुसार ये व्रत 25 अगस्त को ही रखा जाएगा। ऐसे में यदि आप भी इस व्रत को करने वाले हैं तो इसे 25 अगस्त दिन रविवार को रखा जाएगा।
षष्ठी तिथि
षष्ठी तिथि का प्रारंभ: 24 अगस्त को दोपहर 12:30 बजे से
षष्ठी तिथि की समाप्ति: 25 अगस्त को सुबह 10:11 मिनट तक
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क्यों रखा जाता है हल षष्ठी का व्रत
जिन दंपतियों के जीवन में संतान सुख नहीं है उनके लिए ये व्रत मनोकमना पूर्ति वाला साबित हो सकता है। हिन्दू धर्म ग्रंथ (Hindu Dharam Granth) के अनुसार इस दिन भगवान भोलनाथ की पूजा करने से संतान सुख की प्राप्ति होती है।
हल षष्ठी व्रत का महत्व (Hal Shashti 2024 significance)
ऐसी धार्मिक मान्यता है कि हल षष्ठी व्रत (Halshashthi 2024 Date in Hindi) रखने से जीवन की सभी दुख-बाधाएं दूर होती हैं और बलराम जी की पूजा करने से सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। पंडित राम गोविंद शास्त्री से जानते हैं हल षष्ठी जयंती का शुभ मुहूर्त, पूजाविधि और महत्व।
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