Gwalior High Court News: ग्वालियर हाई कोर्ट की डिवीजन बेंच ने सऊदी अरब और बांग्लादेश दूतावास को नोटिस जारी किया है। उच्च न्यायालय ने यह नोटिस अवैध रूप से भारत में घुसे विदेशी युवक अलमक्की की याचिका पर सुनवाई के बाद जारी किया है। वहीं, अलमक्की ने याचिका दायर करते हुए पुलिस और प्रशासन पर अवैध तरीके से डिटेंशन सेंटर में रखने का आरोप लगाया है।
पुलिस ने अवैध तरीके से डिटेंशन सेंटर में रखा- विदेशी
विदेशी मूल के अलमक्की को ग्वालियर की पड़ाव थाना पुलिस ने 21 सितंबर 2014 को हिरासत में दिया था। इसके बाद 22 अगस्त 2015 को फर्जी तरीके से प्रवेश के लिए मामले में उसे 3 साल की सजा सुनाई गई थी। 22 सितंबर 2017 को उसी सजा पूरा होने के बाद 9 महीने तक उस केंद्रीय जेल ग्वालियर में रखा गया था। 12 जून 2018 को वह सुरक्षाकर्मियों को चकमा देकर हैदराबाद फरार हो गया।
फरार होने के बाद 11 दिन बाद पुलिस ने उसे 23 जून 2018 को एक बार फिर गिरफ्तार कर लिया। इस मामले में भी उसे 2021 में तीन साल की सजा सुनाई गई। अलमक्की को इसके बाद डिटेंशन सेंटर में रखा गया है। वहीं, विदेश मूल के अलमक्की ने ग्वालियर में रहते हुए हाई कोर्ट में बंदी प्रत्यक्षी करण याचिका दायर की है और प्रशासन और पुलिस पर अवैध रूप से डिटेंशन सेंटर में रखने का गंभीर आरोप लगाया है।
बांग्लादेश का पासपोर्ट और सऊदी का ड्राइविंग लाइसेंस मिला
विदेशी मूल के अलमक्की ने पहली बार पकड़े जाने पर खुद को बांग्लादेश का रहने वाला बताया था, लेकिन इसके बाद जब उससे दोबारा पूछा गया तो उसने सऊदी अरब का मूल निवासी बताया था। ऐसे में इस परेशानी को दूर करने के लिए कोर्ट ने दोनों देशों के दूतावास को नोटिस जारी कर अलमक्की की मूल निवासी से जुड़ी जानकारी मांगी है।
अब बांग्लादेश और सऊदी अरब दूतावास को इस मामले की जानकारी ग्वालियर हाई कोर्ट को देनी है। जबकि इस मामले की अलगी सुनवाई 4 हफ्ते बाद होगी। उसके पास बांग्लादेश का पासपोर्ट और सऊदी अरब का ड्राइविंग लाइसेंस मिला था। इसके बाद पुलिस ने अलमक्की को पासपोर्ट एक्ट में घुसपैठ करने का केस दर्ज कर कोर्ट में पेश किया गया था।
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