Gwalior Digital Arrest BSF Inspector: मध्य प्रदेश का ग्वालियर अब साइबर ठगों का गढ़ बनता जा रहा है। यहां कई बड़े साइबर ठगी के मामले सामने आ चुके हैं, जिनमें ठगों ने बड़ी वारदातों को अंजाम दिया है। हाल ही में एक और चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जहां साइबर ठगों ने BSF के एक इंस्पेक्टर को अपना शिकार बनाया। ठगों ने पीड़ित को करीब एक महीने तक डिजिटल तरीके से जकड़े रखा और अलग-अलग ट्रांजेक्शन के जरिए 71 लाख रुपये ठग लिए।
1 महीने घर में डिजीटल अरेस्ट किया
मनी लॉन्ड्रिंग केस में फंसाने का झांसा देकर साइबर ठगों ने BSF टेकनपुर अकादमी में पदस्थ इंस्पेक्टर अवसार अहमद को अपना शिकार बनाया। इंस्पेक्टर ने ग्वालियर एसपी धर्मबीर यादव से मुलाकात कर इस साइबर फ्रॉड की जानकारी दी।
एसपी ने बताया कि दिसंबर महीने में पीड़ित को वॉट्सऐप पर कॉल कर ठगों ने उन्हें बताया कि उनके मोबाइल नंबर का उपयोग आधार के जरिए अलग-अलग खाते खोलने और मनी लॉन्ड्रिंग के लिए किया गया है। इस बहाने से ठगों ने उन्हें लगभग एक महीने तक “डिजिटल अरेस्ट” में रखा और उनसे ऑनलाइन बड़ी रकम ट्रांसफर करवाई।
मनी लॉन्ड्रिंग केस में फंसाने की दी धमकी
ठगों ने BSF इंस्पेक्टर अवसार अहमद को मनी लॉन्ड्रिंग केस में फंसाने का डर दिखाकर उनके परिवार को भी इसमें घसीटने की धमकी दी। मूल रूप से उत्तर प्रदेश के निवासी अवसार अहमद का परिवार लखनऊ में रहता है, जबकि उनका बेटा दिल्ली में पढ़ाई कर रहा है। खुद इंस्पेक्टर ग्वालियर के टेकनपुर स्थित BSF एकेडमी में अकेले रहते हैं।
ठगों ने उन्हें बताया कि वे मनी लॉन्ड्रिंग केस में फंस चुके हैं और उन्हें सख्त हिदायत दी गई कि इस बारे में अपने परिवार से कोई बात न करें। साथ ही, ठगों ने यह भी धमकी दी कि उनकी कॉल रिकॉर्ड हो रही हैं और यदि उन्होंने परिवार के किसी सदस्य को कुछ बताया, तो उन्हें भी इस केस में घसीटकर गिरफ्तार कर लिया जाएगा।
मकान, पैसा, जमीन गंवाई
साइबर ठगों के चंगुल में फंसे BSF इंस्पेक्टर अवसार अहमद ने पूरे दिसंबर महीने तक इस धोखाधड़ी के बारे में अपने परिवार को कुछ नहीं बताया। इस दौरान ठगों ने उनसे बार-बार पैसे ट्रांसफर कराए। पीड़ित ने 5 RTGS और 29 UPI ट्रांजेक्शन के जरिए कुल 71 लाख रुपये से अधिक की रकम ठगों के खाते में जमा कर दी। इतना ही नहीं, ठगों के दबाव में आकर उन्होंने दिल्ली में स्थित अपनी जमीन भी बेच दी और उसकी पूरी राशि ठगों को सौंप दी। अवसार अहमद अक्सर अपने बेटे से बात करते समय परेशान रहते थे।
2 जनवरी को बेटे को हुआ शक
आखिरकार, 2 जनवरी 2025 को जब उनके बेटे को शक हुआ और उसने उनकी परेशानी का कारण पूछा, तब अवसार अहमद ने सारी सच्चाई अपने बेटे को बताई। इसके बाद बेटा दिल्ली से घर आया, स्थिति को समझा और पिता को हिम्मत दी। फिर पिता-पुत्र मिलकर इस ठगी की शिकायत लेकर ग्वालियर एसपी के पास पहुंचे और पूरे मामले की जानकारी दी।
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फरियादी के आवेदन के आधार पर साइबर पुलिस ने इस मामले में एफआईआर दर्ज कर ली है और जांच शुरू कर दी है। ग्वालियर एसपी धर्मवीर सिंह यादव ने बताया कि साइबर टीम जल्द ही इस केस से जुड़ी सभी जानकारियां इकट्ठा करेगी। इसमें यह पता लगाया जाएगा कि ठग कौन हैं, पैसे कितने ट्रांजेक्शन के जरिए ट्रांसफर किए गए और किन खातों में भेजे गए। पुलिस अधीक्षक ने पीड़ित को आश्वासन दिया है कि उनका पैसा जल्द से जल्द रिकवर करने की पूरी कोशिश की जाएगी।