हाइलाइट्स
- पिता ने गर्भपात की लगाई याचिका
- एचसी ने नाबालिग की जान को खतरा माना
- मेडिकल टीम गठित कर गर्भपात के आदेश दिए
MP High Court Gwalior Victim Abortion: मध्यप्रदेश हाईकोर्ट HC की ग्वालियर खंडपीठ (High Court Gwalior Bench) ने एक 14 वर्षीय नाबालिग (Minor) पीड़िता को गर्भपात की विशेष अनुमति दी है। कोर्ट ने गजराराजा मेडिकल कॉलेज, ग्वालियर (Gajaraja Medical College, Gwalior) के डीन को निर्देश दिए हैं कि वे एक अंतर अनुशासनात्मक मेडिकल टीम गठित कर 30 अप्रैल सुबह 10 बजे गर्भपात की प्रक्रिया सुनिश्चित करें।
मार्च को हुआ था नाबालिग का अपहरण
पीड़िता के पिता ने दायर याचिका पर यह आदेश हाईकोर्ट ने सुनवाई के बाद दिया। याचिका में बताया गया था कि 9 मार्च को भूपेंद्र गुर्जर नामक युवक ने नाबालिग का अपहरण किया था। पुलिस (Police) द्वारा पीड़िता को दस्तयाब किए जाने के बाद हुए मेडिकल परीक्षण (Medical examination) में उसके गर्भवती होने की पुष्टि हुई थी।
कोर्ट की संवेदनशील टिप्पणी
न्यायालय ने कहा कि नाबालिग गर्भवती को न सिर्फ जान का खतरा है, बल्कि उसके शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य पर भी गंभीर प्रभाव पड़ सकता है। न्यायालय एक यातना झेल रही बच्ची की पीड़ा को देखकर मूकदर्शक नहीं रह सकता। इस मानवीय दृष्टिकोण को ध्यान में रखते हुए हाईकोर्ट ने गर्भपात की अनुमति दी।
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शिक्षा-रोजगार में आरक्षण पर HC सख्त
मध्यप्रदेश की हाईकोर्ट HC ने अनाथ बच्चों को शिक्षा और रोजगार में आरक्षण (Reservation orphaned children education employment) देने की मांग से जुड़े एक मामले में राज्य सरकार को सुप्रीम कोर्ट SC में लंबित प्रकरण की स्थिति अगली सुनवाई तक पेश करने के निर्देश दिए हैं। हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश सुरेश कुमार कैत और न्यायमूर्ति विवेक जैन की खंडपीठ ने सुनवाई करते हुए इस मामले की अगली सुनवाई की तारीख 5 मई तय की। यह निर्देश दिशा एजुकेशन एंड फाउंडेशन, जबलपुर के अध्यक्ष द्वारा दायर जनहित याचिका पर सुनवाई के दौरान दिए गए।
5 मई को अगली सुनवाई
याचिकाकर्ता जबलपुर की दिशा एजुकेशन एंड फाउंडेशन ने RTI के माध्यम से राज्य सरकार से अनाथ बच्चों की संख्या व सरकारी सहायता से जुड़ी जानकारी मांगी थी, लेकिन सरकार ने ऐसा कोई डाटा उपलब्ध न होने की बात कही। जिसके बाद फाउंडेशन ने कोर्ट के जरिए दायर में याचिका में दलील दी है कि अन्य राज्यों में अनाथ बच्चों को विशेष श्रेणी में शामिल करते हुए उन्हें 5% तक की छूट दी जाती है।
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