Morbi Bridge Collapse: व्यावसायिक राज्य गुजरात और देश के लिए 30 अक्टूबर का दिन काला दिन साबित हुआ है जहां पर अचानक हुए भयानक केबज ब्रिज हादसे ने सबको हिला कर रख दिया है। यहां पर हादसे से अब तक मरने वालों की संख्या 190 के करीब हो गई है तो वहीं पर अभी कई लोगों का इलाज अस्पताल में चल रहा है। बताया जा रह है कि, इस हादसे में सबसे ज्यादा 50 के करीब बच्चों की मौत हुई है। वही लोगों को बचाने के लिए सेनाओं की रेस्क्यू टीम काम कर रही है।
143 साल पुराना पुल
आपको बताते चलें कि, हादसा रविवार शाम 6.30 बजे तब हुआ, जब 765 फीट लंबा और महज 4.5 फीट चौड़ा केबल सस्पेंशन ब्रिज टूट गया। 143 साल पुराना पुल ब्रिटिश शासन काल में बनाया गया था। बताया जा रहा है कि, यह पुल 143 साल पुराना है जिसे ब्रिटिश शासन काल में बनाया गया था।हादसे से 5 दिन पहले 25 अक्टूबर को यह ब्रिज आम लोगों के लिए खोला गया।
ऐसे अचानक टूटा पुल और मची चीख- पुकार
आपको बताते चलें कि, यह हादसे के पहले का वीडियो है जहां पर एक पल के लिए लोग इस पुल पर बड़े आराम से खड़े नजर आते हैं, तभी अचानक से ये पुल हिलता है और नदी में गिर जाता है. इस पुल पर मौज-मस्ती के लिए आए लोगों की मौत के बाद से परिजनों में मातम पसरा हुआ है. मिली जानकारी के मुताबिक अभी मरने वालों की संख्या और बढ़ सकती है.
राहत और बचाव कार्य जारी
आपको बताते चलें कि, सेना, नौसेना, वायुसेना, एनडीआरएफ और फायर ब्रिगेड की टीमें मौके पर सर्च ऑपरेशन चला रही है जहां पर लोगों को बचाने के लिए लगातार राहत और बचाव कार्य चल रहा है। बताते चलें कि, हाल ही में दीवाली से पहले ही इस पुल के मरम्मत का काम खत्म हुआ था। ब्रिज की बात करें तो, मच्छु नदी पर बने इस पुल का निर्माण करीब 140 साल पहले किया है। गुजरात के प्रमुख टूरिस्ट प्लेस में से एक बन गया था. यहां रोज बड़ी संख्या में लोग घूमने आते थे क्योंकि ये पुल हवा में झूलता रहता था और यह बिल्कुल ऋषिकेश के राम और लक्ष्मण झूले जैसा पुल था इसलिए बड़ी संख्या में लोग यहां आते थे। बताया जा रहा है कि, कल रविवार होने की वजह से बड़ी संख्या में लोग इस पर घूमने आए थे और काल के गाल में समा गए।
गुजरात: मोरबी में खोज और बचाव अभियान जारी है। कल यहां एक केबल पुल गिरने से अब तक 132 लोगों की मृत्यु हो गई।#MorbiBridgeCollapse pic.twitter.com/SXzHt1aTAd
— ANI_HindiNews (@AHindinews) October 31, 2022
जानें पूरी अपडेट
- SDRF की 2 टीमें यहां आई हैं, एक NDRF की स्थानीय टीम और दूसरी टीम बड़ौदा से आई है। सेना, वायु सेना, अग्निशमन विभाग और नगर पालिका की टीमें भी यहां मौजूद हैं। सभी ने साथ मिलकर काम किया है: अरुण महेश बाबू, राजकोट जिला कलेक्टर
- राजकोट फायर ब्रिगेड ने 6 नाव, 6 एम्बुलेंस, 2 बचाव वैन, 60 जवान तैनात किए। बड़ौदा, अहमदाबाद, गोंडल, जामनगर, कच्छ से कुल 20 बचाव नौकाएं रेस्कयू का काम कर रही हैं। 12 फायर टेंडर, बचाव वैन, 15 से ज्यादा एम्बुलेंस यहां हैं: इलेश खेर, मुख्य अग्निशमन अधिकारी,राजकोट
- यह बेहद दर्दनाक था, वहां बच्चे-महिलाएं भी थी। मैं रातभर घटनास्थल पर मौजूद रही लोगों की मदद की। मैंने अपने परिवार के सदस्यों के तरह ही में लोगों की मदद की। मैंने शवों को अस्पताल ले जाने के लिए अपना वाहन दिया: मोरबी में केबल ब्रिज गिरने की घटना की चश्मदीद
- पानी गंदा होने की वजह से जब पानी के अंदर सर्च करते हैं तो विजिबिलिटी की दिक्कत होती है। झूले के गिरने के कारण वहां कुछ लोगों के दबे होने की आशंका है, उसके मलबे को निकालकर वहां भी सर्च करेंगे: वी.वी.एन. प्रसन्ना कुमार, NDRF कमांडेंट, गुजरात
- मोरबी में मच्छु नदी पर इस पुल का निर्माण साल 1880 में पूरा हुआ था और इसका उद्घाटन मुंबई के गवर्नर रिचर्ड टेम्पल ने किया था. उस वक्त इसे बनाने में करीब 3.5 लाख रुपये खर्च हुए थे.
पहले ऐसा था पुल
- यह पुल पिछले 6 महीने से मरम्मत की वजह से लोगों के लिए बंद था. 25 अक्टूबर से इसे फिर से लोगों के लिए खोला गया था. इन 6 महीनों में पुल की मरम्मत पर करीब 2 करोड़ रुपये खर्च हुए थे.
- आपको बताते चलें कि, बीजेपी सांसद मोहन कुंदरिया के परिजनों की भी इस हादसे में मौत हुई है. सांसद मोहन कुंदरिया की बहन के परिवार के 12 सदस्यों की मौत हो गई।
देखें वीडियो यहां