Bhopal Atithi Shikshak Andolan: गांधी जयंती 2 अक्टूबर, बुधवार को प्रदेशभर के अतिथि शिक्षक राजधानी भोपाल पहुंच रहे हैं। 10 सितंबर के हुए महाआंदोलन की तरह अतिथि भोपाल के अंबेडकर पार्क से दोबार हुंकार भरेंगे।
हालांकि इस बार आंदोलन महापंचायत की घोषणाओं को लेकर ही हो रहा है। अतिथियों ने स्पष्ट कर दिया है कि वे बात सिर्फ महाआंदोलन में हुई घोषणाओं को लेकर ही करेंगे।
दूर दराज के इलाकों से रवाना हुए अतिथि
प्रदेश के दूर दराज के इलाकों से अतिथि शिक्षक भोपाल के लिए 1 अक्टूबर की दोपहर से ही रवाना होना शुरु हो गए हैं। अतिथियों का भोपाल पहुंचने का सिलसिला मंगलवार रात से ही शुरु हो जाएगा।
अतिथि शिक्षक ट्रेन और बसों के माध्यम से भोपाल पहुंच रहे हैं। अधिकांश अतिथि शिक्षक 2 अक्टूबर की सुबह ही भोपाल आएंगे।
इस बार ज्यादा दिनों तक चल सकता है आंदोलन
अतिथि शिक्षक इस बार महापंचायत की घोषणा की मांग पर डटे रहेंगे। ऐसे में संगठनों ने एक से अधिक दिन आंदोलन चलने की रणनीति पर काम पहले ही कर लिया है।
भोपाल के अंबेडकर पार्क से फिर हुंकार भरेंगे अतिथि शिक्षक: इस बार सिर्फ महापंचायत की घोषणा पर होगी बात, ये है रणनीति!#अतिथि_शिक्षक #अतिथि_शिक्षक_आंदोलन #atithishikshak #MPatithishikshak #GuestTeachers #protest #bhopalmp @GaustTeacherMP0 @GUEST__TEACHAER
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सोशल मीडिया ग्रुपों पर अतिथियों से अपील की जा रही है कि वे 2 से 3 तीन की तैयारी के हिसाब से भोपाल आएं। जरुरत पड़ी तो अतिथि मांग पूरी होने तक डटे रहेंगे।
21 दिन बाद दोबारा इसलिए भड़की आंदोलन की चिंगारी
1. महापंचायत को भूल जाओ: 10 सितंबर को महाआंदोलन की शाम को अतिथि शिक्षकों का एक प्रतिनिधि मंडल विभागीय मंत्री से वार्ता के लिये पहुंचा। यहां मंत्री ने पहले ही एक दिया कि महापंचायत की घोषणाओं को भूल जाओ, आज की बात करो। ये बयान जैसे ही अतिथियों के बीच पहुंचा, अतिथि काफी निराश हुए, क्योंकि आंदोलन ही महापंचायत की घोषणाओं को लेकर किया जा रहा था।
2. तात्कालिक मांग पर भड़के अतिथि: महाआंदोलन के एक दिन बाद 11 सितंबर को अतिथि शिक्षक संगठनों ने तात्कालिक समस्याओं के निराकरण की मांग पर आंदोलन वापस ले लिया था। जिसके बाद अतिथि शिक्षकों में अपने ही संगठन के प्रति नाराजगी थी। अतिथि शिक्षकों का मानना था कि महापंचायत की घोषणाओं पर ही बात होना चाहिए थी।
3. स्कूल शिक्षा मंत्री के बयान से आक्रोश: स्कूल शिक्षा मंत्री राव उदयप्रताप सिंह ने बयान दिया कि अतिथि हैं तो क्या घर पर कब्जा कर लेंगे। उनके इस बयान से अतिथि शिक्षक और अधिक भड़क गए। हालांकि दो दिन बाद राव उदयप्रताप सिंह ने अपने इस बयान पर खेद व्यक्त कर दिया था, लेकिन तब तक बयान ने आग में घी डालने का काम कर दिया था।
4. आज तक जारी नहीं हुए आदेश: जिन तात्कालिक मांगों के निराकरण के आश्वासन के साथ महाआंदोलन खत्म हुआ था उसके आदेश विभाग से आज तक जारी नहीं हो सके। अतिथि शिक्षकों की ज्वाइनिंग अब तक पूरी नहीं। विसंगतियों के बीच जूझ रहे अतिथि हर दिन डीपीआई पहुंचे, लेकिन वहां भी ठीक से जवाब देने वाला कोई नहीं।
शिवराज के आश्वासन से जगी उम्मीद
अतिथि शिक्षक दो बार शिवराज सिंह चौहान से मिले। पहली मुलाकात भोपाल बंगले पर और दूसरी बार भैरुंदा में काफिला रोककर अतिथि शिक्षकों ने शिवराज सिंह चौहान से मुलाकात की।
दोनो ही बार शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि वे अपनी घोषणाएं पूरी करवाएंगे और इसे लेकर बात भी करेंगे। बता दें कि अतिथि शिक्षकों के लिए महापंचायत में घोषणाएं मुख्यमंत्री रहते हुए शिवराज सिंह चौहान ने ही 2 सितंबर 2023 को की थी।
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अतिथि मामले में हुई जीतू की एंट्री
पीसीसी चीफ जीतू पटवारी ने भी अतिथियों के मुद्दे को लेकर क्लीयर मैसेज दे दिया है। जीतू पटवारी ने कहा है कि मध्य प्रदेश कांग्रेस का हर एक कार्यकर्ता अतिथियों के साथ है और हम मिलकर इस मुहीम को अंजाम तक पहुंचाएंगे।
अतिथि शिक्षक द्वारा 29 सितंबर को शिवराज सिंह चौहान से प्रश्न पूछे जाने वाले एक वीडियो को एक्स पर पोस्ट करते हुए जीतू पटवारी ने लिखा कि मैं मध्यप्रदेश के अतिथि शिक्षकों से कहना चाहता हूं शिवराज सिंह चौहान अकेले नहीं हैं।
बीजेपी के नेताओं, विधायकों और सांसदों से भी यही सवाल पूछना चाहिए। जो जहां मिले, वहीं रोककर पूछें, नहीं सुने तो पोस्टकार्ड लिखें, ईमेल करें।