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अतिथि शिक्षकों ने किया स्कूलों का बहिष्कार: कई जगह लटके रहे ताले, सरकार को दिया 20 अक्टूबर तक का अल्टीमेटम!

MP Atithi Shikshak Andolan: अतिथि शिक्षक संगठनों ने सरकार को 20 अक्टूबर तक का अल्टीमेंट दिया है। मांगे नहीं मानी तो फिर होगा जेल भरो आंदोलन

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Rahul Sharma
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MP Atithi Shikshak Andolan: प्रदेशभर के अतिथि शिक्षकों ने 7 अक्टूबर को सरकारी स्कूलों का बहिष्कार कर दिया। इससे सोमवार को कई स्कूलों की पढ़ाई व्यवस्था ठप हो गई।

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हालांकि अतिथियों का ये आंदोलन सांकेतिक रूप से सिर्फ 1 दिन का ही था। अतिथि शिक्षक संगठनों ने सरकार को 20 अक्टूबर तक का अल्टीमेंट दिया है। तब तक यदि मांगे नहीं मानी गई तो अतिथि फिर बड़ा प्रदर्शन करेंगे।

अतिथियों के प्रदर्शन की ये वजह

10 सितंबर का महाआंदोलन तात्कालिक समस्याओं के निराकरण के आश्वासन के बाद समाप्त हो गया था। 2 अक्टूबर का प्रदर्शन महापंचायत की घोषणाओं को लेकर किया गया।

वहीं 7 अक्टूबर को स्कूलों का बहिष्कार लाठीचार्ज और अतिथियों पर दर्ज एफआईआर के विरोध में हो रहा है। बता दें कि 2 अक्टूबर की रात लाठीचार्ज कर आंदोलन कर रहे अतिथियों को भोपाल से खदेड़ दिया था।

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इसमें कई अतिथियों को चोटे भी आई थी। 3 अक्टूबर को पुलिस ने 250 अतिथियों के विरुद्ध एफआईआर दर्ज कर ली।

रैली निकालकर सौंपा ज्ञापन

7 अक्टूबर, सोमवार को अतिथि शिक्षक स्कूलों में पढ़ाने नहीं गए, बल्कि तहसील और कलेक्टर कार्यालयों में जाकर सामूहिक रूप से राज्यपाल के नाम ज्ञापन सौंपा।

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इससे पहले अतिथियों ने मुख्य मार्गों से होकर रैली निकाली और जमकर नारेबाजी की।

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प्रदेश के एक हजार स्कूलों में लटके ताले

भले ही अतिथियों का ये प्रदर्शन एक ही दिन का था, लेकिन इतने में ही करीब 1 हजार स्कूलों में ताला लग गया। दरअसल प्रदेश के करीब एक हजार स्कूलों में नियमित शिक्षक ही नहीं हैं।

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ये स्कूल अतिथियों के भरोसे पर ही चल रहे हैं। स्कूलों के बहिष्कार के कारण इन स्कूलों का ताला तक नहीं खुला। वहीं जिन स्कूलों में अतिथियों की संख्या अधिक है, वहां भी सोमवार को पढ़ाई प्रभावित हुई।

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अतिथि शिक्षकों के बहिष्कार के मायने

प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था में अतिथि महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। प्रदेशभर में करीब डेढ़ लाख अतिथि शिक्षक विभिन्न वर्ग में है। इनमें से 50 हजार अतिथियों के बहिष्कार का मतलब 5 स्टूडेंट प्रति टीचर्स के हिसाब से 2.5 लाख बच्चों को पढ़ाने के लिए टीचर्स का नहीं होना है।

यह स्थिति एक दिन की है, यदि आंदोलन बढ़ता है या भविष्य में ज्यादा दिनों के लिए बहिष्कार किया जाता है तो शिक्षा व्यवस्था के क्या हाल होंगे, इसका अंदाजा लगाया जा सकता है।

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20 अक्टूबर के बाद जेल भरो आंदोलन

अतिथि शिक्षक संगठनों ने अतिथियों पर दर्ज एफआईआर वापस लेने और लाठीचार्ज का आदेश देने वाले पुलिस कर्मियों पर कार्रवाई करने के लिए सरकार को 20 अक्टूबर तक का अल्टीमेटम दिया है।

यदि तब तक अतिथियों की मांग पूरी नहीं हुई तो प्रदेशभर में अतिथि शिक्षक जेल भरो आंदोलन करेंगे।

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