GST Council Meeting: हेल्थ और लाइफ इंश्योरेंस फिलहाल सस्ते नहीं होंगे। GST परिषद ने हेल्थ और लाइफ इंश्योरेंस के प्रीमियम पर जीएसटी (GST Council Meeting) लगाने का फैसला अगली मीटिंग के लिए टाल दिया गया है। ये फैसला केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता और राज्यों के उनके समकक्षों की मौजूदगी वाली परिषद ने लिया है।
राजस्थान में चल रही जीएसटी काउंसिल की 55वीं बैठक (GST Council Meeting) में तय हुआ कि इस मामले में कुछ और तकनीकी पहलुओं को दूर करने की जरूरत है। इस बारे में विचार-विमर्श किया जाएगा, जिसके लिए जीओएम को काम सौंपा गया है।
दूसरे चरण की बैठक जल्द होगी शुरू
Union Minister for Finance and Corporate Affairs Smt. @nsitharaman chairs the 55th meeting of the GST Council, in Jaisalmer, Rajasthan, today.
The participants included Union Minister for State for Finance Shri @mppchaudhary, Chief Ministers of Goa, Haryana, Jammu and Kashmir,… pic.twitter.com/MmuPnigO1g
— Ministry of Finance (@FinMinIndia) December 21, 2024
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में जीएसटी काउंसिल की 55वीं बैठक जैसलमेर में सुबह 11 बजे शुरू हुई थी। पहले चरण की बैठक खत्म हो गई है। वहीं, शाम साढ़े चार बजे से दूसरे चरण की बैठक शुरू होगी। बैठक में केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी के साथ गोवा, हरियाणा, जम्मू-कश्मीर, मेघालय और ओडिशा के मुख्यमंत्री, अरुणाचल प्रदेश, बिहार, मध्य प्रदेश, राजस्थान और तेलंगाना के उपमुख्यमंत्री, आर्थिक मामलों और व्यय विभागों के सचिव और वित्त मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी भी पहुंचे हैं।
क्यो बोले बिहार के डिप्टी सीएम?
बिहार के डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी ने कहा कि समूह, व्यक्तिगत और वरिष्ठ नागरिकों की पॉलिसियों पर टैक्स मुक्त वाले फैसले के लिए बीमा पर जीओएम की एक और बैठक होगी। मीडिया को दिए बयान में सम्राट चौधरी ने कहा कि- कुछ सदस्यों ने कहा कि और चर्चा की जरूरत है। हम (GoM) जनवरी में फिर मिलेंगे।
GoM ने की थी सिफारिश
GST काउंसिल ने चौधरी की अध्यक्षता में बीमा पर मंत्रियों के समूह (GoM) का गठन किया है, जिसने पिछले महीने यानी नवंबर में अपनी बैठक में टर्म लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसियों के बीमा प्रीमियम को जीएसटी से छूट देने पर सहमति जताई थी। इसके साथ ही स्वास्थ्य बीमा कवर के लिए वरिष्ठ नागरिकों द्वारा दिए गए प्रीमियम को भी कर से छूट देने का प्रस्ताव किया गया है।
अमेरिका में दिखे प्रतिकूल नतीजे
सितंबर के महीने में जीएसटी काउंसिल की बैठक में बीमा पर जीएसटी हटाने पर आम सहमति बनी थी, जिसका निर्णय आज (21 दिसंबर) और कल (22 दिसंबर) को होने पर मीटिंग पर निर्भर था। संसद में दिए रिपोर्ट के अनुसार, बीमा प्रीमियम पर जीएसटी लगाने के अमेरिका में बेहद प्रतिकूल नतीजे आए।
टैक्स न घटने की ये हो सकती है वजह!
बीमा कंपनियों के व्यापार की मुख्य कड़ी बीमा एजेंट होते हैं। सरकारी कंपनियां जब बीमा एजेंटों को कमीशन या अन्य तरह का लाभ देती है तो उस पर दो प्रतिशत टीडीएस काट लेती है। इसके अलावा बीमा कराने वालों को बोनस या क्लेम देती है तो 2.50 लाख रुपए से अधिक होने पर दो प्रतिशत टीडीएस काटा जाता है। इन दो प्रतिशत में एक प्रतिशत केंद्र और एक प्रतिशत राज्य सरकार के पास पहुंचता है। जबकि यह नियम निजी कंपनियों के लिए नहीं है। वहीं इस मुद्दे पर केंद्र ने कहा था कि बीमा पर जीएसटी से 2023-24 में 16,000 करोड़ रुपए टैक्स मिला, इसलिए इसे हटाना आसान नहीं है।
सरकार को होगा 2,600 करोड़ रुपए का नुकसान!
जीएसटी काउंसिल के सूत्रों के मुताबिक, जीएसटी काउंसिल अगर टर्म लाइफ पॉलिसी और हेल्थ इंश्योरेंस के प्रीमियम पर टैक्स घटाने का फैसला करती है तो इससे सरकार को हर साल करीब 2,600 करोड़ रुपए का नुकसान होगा।
1,500 रुपए तक की लागत वाले रेडीमेड कपड़ों पर 5% GST
गठित मंत्री समूह ने दिसंबर की शुरुआत में परिषद के समक्ष अपनी सिफारिश प्रस्तुत की थीं, जिसमें वातित पेय पदार्थों, सिगरेट, तंबाकू और संबंधित उत्पादों जैसे हानिकारक वस्तुओं पर कर को वर्तमान 28 प्रतिशत से बढ़ाकर 35 प्रतिशत करने का सुझाव दिया था। इसके अलावा परिधानों पर कर दरों को तर्कसंगत बनाने का भी प्रस्ताव रखा गया था। इसके मुताबिक, 1 हजार 500 रुपए तक की लागत वाले रेडीमेड कपड़ों पर 5 प्रतिशत GST और 1,500- 10 हजार रुपए तक की लागत वाले कपड़ों पर 18 प्रतिशत जीएसटी लगेगा।
GST से भर गया सरकार का खजाना!
महीने की शुरुआत में सरकार की जीएसटी कलेक्शन जारी किया गया था। आंकड़ों के मुताबिक, नवंबर महीने में देश में वस्तु और सेवा शुल्क के तौर पर कुल कलेक्शन 1 लाख 82 हजार 269 करोड़ रुपए रहा।
वित्त मंत्रालय की तरफ से जारी आंकड़ों के मुताबिक, केंद्रीय जीएसटी 34 हजार 141 करोड़ रुपए, राज्य GST की राशि 43 हजार 47 करोड़ रुपए, इंटेग्रेटेड आइजीएसटी 91 हजार 828 करोड़ रुपए, अधिभार 13 हजार 252 करोड़ रुपए रही। वहीं, इस साल अप्रैल से नवंबर की बात करें तो GST का कुल कलेक्शन 14 लाख 56 हजार 711 करोड़ रुपए रही है, जो 9.2 फीसद की वृद्धि है।
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