कोलकाता, एक जनवरी (भाषा) रक्षा उत्पादन करने वाले सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम जीआरएसई ने भारतीय नौसेना को आठवें एवं अंतिम लाइट क्राफ्ट यूटिलिटी (एलसीयू) पोत की आपूर्ति कर दी है जिससे देश की रक्षा तैयारियों को और मजबूती मिली है। कंपनी के शीर्ष अधिकारी के यह जानकारी दी।
जीआरएसई के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक रियर एडमिरल (अवकाश प्राप्त) वीके सक्सेना ने बताया कि इस अभयचर (जल एवं थल पर चलने में सक्षम) पोत को रणनीतिक रूप से अहम अंडमान निकोबार द्वीपसमूह के पास तैनात किया जाएगा जो दक्षिण चीन सागर की ओर जाने वाले अहम समुद्री रास्ते के करीब है।
उन्होंने बताया कि इसे खासतौर पर सबसे अधिक दुर्गम तटीय इलाकों में सैन्य अभियान को अंजाम देने के लिए तैयार किया गया है।
सक्सेना ने बताया कि कोविड-19 महामारी और इसकी वजह से लागू लॉकडाउन की चुनौतियों के बावजूद कोलकाता स्थित गार्डन रिच शिप बिल्डर्स ऐंड इंजीनियर्स (जीआरएसई) ने सफलतापूर्वक आठ एलसीयू पोत निर्माण के कार्य के तहत आखिरी पोत की आपूर्ति भारतीय नौसेना को कर दी है।
एलसीयू पोत में अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल किया गया है और कंपनी ने 90 प्रतिशत स्वदेशी पुर्जों से इसका निर्माण किया है।
सक्सेना ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया, ‘‘ यह पोत विश्वस्तरीय डिजाइन और श्रेणी के मामले में खास है। इसे भारतीय नौसेना की विशेष जरूरतों को ध्यान में रख कर बनाया गया है। यह 15 नॉट की गति के साथ उथले तटीय इलाकों में बखूबी काम कर सकता है।’’
उन्होंने बृहस्पतिवार को कहा कि प्रत्येक पोत जवानों के साथ-साथ युद्धक टैंक, व्यक्तिगत वाहन एवं अन्य सैन्य वाहनों को भी तट पर पहुंचा सकते हैं।
उन्होंने बताया कि पोत को 216 सैनिकों के रहने के लिए डिजाइन किया गया है और इसमें दो स्वदेशी सीआरएन 91 तोपें लगी हैं जो सैन्य अभियान के दौरान दुश्मन पर गोले दाग सकती हैं।
भाषा धीरज नरेश
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