बालोद: बालोद से वैक्सीनेशन में लापरवाही का मामला सामने आया है। जहां वैक्सीनेशन के दौरान कोविशील्ड लगाने के बाद पर्ची में कोवैक्सीन का नाम दर्ज कर दिया गया। दरअसल, 10 मई को जिला मुख्यालय के बाल मंदिर में बने वैक्सीनेशन सेंटर में 50 APL कार्डधारियों को कोविशील्ड वैक्सीन लगाई गई थी। लेकिन वैक्सीनेशन पर्ची में कोविशील्ड की जगह कोवैक्सीन का नाम लिख दिया गया।
10 दिन बाद जब इस लापरवाही का अंदाजा स्वास्थ्य विभाग के जिम्मेदारों को हुआ, तो अब विभाग के जिम्मेदार मितानिनों से कोवैक्सीन लिखी पर्चियां वापस मंगाकर दूसरी पर्चियां घरों तक पहुंचा रहे हैं। वहीं कार्ड अदलाबदली में नया मोड़ आया है, जिसमें कार्ड के साथ वैक्सीनेशन प्रभारी बदल दिए गए हैं। पहले की पर्ची में डॉक्टर शिरीष सोनी का नाम दर्ज है, जबकि अभी की पर्ची में डॉक्टर टुवानी का नाम दर्ज है।
टीकाकरण में ऐसा वर्गीकरण करने वाला पहला प्रदेश
इस फार्मुले के साथ छत्तीसगढ़ कोरोना टीकाकरण में इस तरह आनुपातिक वर्गीकरण करने वाला पहला राज्य हो गया है। इससे पहले केंद्र सरकार ने स्वास्थ्यकर्मी, फ्रंटलाइन वर्कर, बुजुर्ग और गंभीर बीमारियों से जूझ रहे लोगों का चार वर्ग बनाया था। इन वर्गों का टीकाकरण अभी भी जारी है। लेकिन इन वर्गों में टीकाकरण का कोई अनुपात तय नहीं है। यह टीका कोविन पोर्टल पर पंजीयन और पहले आओ-पहले पाओ के आधार पर लगाया जा रहा है।