MP Transfer Policy 2024: मध्य प्रदेश में सवा साल से ट्रांसफर की उम्मीद लगाए बैठे कर्मचारियों के लिए बड़ी खबर है। प्रदेश में जल्द ही ट्रांसफर शुरु हो सकते हैं। इसे लेकर बड़ा इशारा मिल गया है। प्रदेश में ट्रांसफर शिक्षा विभाग में उच्च पद प्रभार और उसके बाद अतिशेष शिक्षकों की प्रक्रिया के चलते अटके हुए थे।
अब ट्रांसफर के लिए ऑनलाइन पोर्टल अपडेट होने की प्रक्रिया शुरु हो गई है। जिसके चलते उम्मीद लगाई जा रही है कि प्रदेश में जल्द ही ट्रांसफर शुरु हो सकते हैं।
स्कूल शिक्षा विभाग को पोर्टल हुआ ओपन
स्कूल शिक्षा विभाग ट्रांसफर के लिए अपने पोर्टल को अपडेट कर रहा है। इसके लिए 15 सितंबर को कुछ समय के लिए पोर्टल ओपन भी हुआ था।
हालांकि अपडेशन के चलते इसे बाद में फिर बंद कर दिया गया, लेकिन तब तक ये इशारा तो मिल ही गया कि जल्द ही ट्रांसफर की प्रक्रिया शुरु हो सकती है।
पोर्टल पर ये दिखे विकल्प
1. ट्रांसफर एप्लीकेशन
2. व्यू माय वेकेंसी
3. रजिस्टर एप्लीकेशन
4. रजिस्टर चॉइस
5. प्रिंट ड्राफ्ट एप्लीकेशन
6. लॉक एप्लीकेशन
7. प्रिंट एप्लीकेशन
8. माय एप्लीकेशन चॉइस
9. ट्रांसफर ऑर्डर कैंसिलेशन
10. सेटअप (पोस्ट)
11. वेरीफाई ट्रांसफर आर्डर
12. विश्लेषण
सवा साल से ट्रांसफर पर लगी रोक
प्रदेश में कर्मचारियों के ट्रांसफर पर रोक सवा साल से लगी है। जून 2023 के बाद से ट्रांसफर नहीं हुए हैं।पहले विधानसभा और फिर लोकसभा इलेक्शन के कारण कर्मचारियों के ट्रांसफर नहीं हो सके। सवा साल से प्रदेश के लाखों कर्मचारी ट्रांसफर की उम्मीद लगाए बैठे हैं।
इसलिए बार-बार अटक रही पॉलिसी
पहले उम्मीद थी कि कर्मचारियों के ट्रांसफर 20 अगस्त के बाद से शुरु हो जाएंगे, लेकिन शिक्षकों के उच्च पद प्रभार की प्रक्रिया के कारण ये मामला अटक गया।
ये मामला खत्म हुआ तो लगा कि कर्मचारियों के ट्रांसफर अब 3 सितंबर के बाद शुरु हो जाएंगे, लेकिन यहां भी निराशा ही हाथ लगी। इस बार तबादला नीति पर अतिशेष शिक्षकों का मुद्दा हावी हो गया। दरअसल प्रदेश में अभी अतिशेष शिक्षकों को रिक्त पदों पर ट्रांसफर करने की प्रक्रिया चल रही है।
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ट्रांसफर नीति के लिए इतने महत्वपूर्ण क्यों है शिक्षक?
प्रदेश में सबसे ज्यादा ट्रांसफर स्कूल शिक्षा विभाग में होते हैं। यह संख्या कुल ट्रांसफर के 60 प्रतिशत से भी अधिक है। ऐसे में सरकार शिक्षकों के तबादलों को होल्ड कर अन्य कर्मचारियों के लिये तबादला नीति जारी नहीं करना चाहती।
यही कारण है कि कभी उच्च पद प्रभार तो कभी अतिशेष शिक्षकों की प्रक्रिया के कारण कर्मचारियों के तबादलों पर ग्रहण लग रहा है।
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कैबिनेट से हरी झंडी मिलने का इंतजार
प्रदेश में तबादला नीति 2024 का ड्राफ्ट पहले से तैयार है, जिसे लेकर सीएम मोहन यादव की स्वीकृति भी ली जा चुकी है। बस कैबिनेट से हरी झंडी मिलने भर का इंतजार है। अभी प्रदेश में अतिशेष शिक्षकों की प्रक्रिया चल रही है।
इसमें भी कई विसंगतियां सामने आ रही हैं। जानकार बताते हैं कि जब तक ये अतिशेष की प्रक्रिया पूरी नहीं हो जाती, तब तक ट्रांसफर नीति पर फैसला संभव नहीं है, लेकिन किसी भी समय इसे कैबिनेट के सामने रखा जा सकता है।