Government Hammam : मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में देश का पहला सरकारी हम्माम (Government Hammam) बनने जा रहा है। इस सरकारी हम्माम का निमार्ण कलियासोत पहाड़ी बने शासकीय यूनानी चिकित्सा कॉलेज परिसर में बनाया जा रहा है। प्रोजेक्ट का मॉडल तैयार करके विभाग ने राज्य शासन के पास प्रस्ताव भेज दिय है। सरकारी हम्माम (Government Hammam) के निर्माण के लिए कॉलेज कैंपस में ही 3 हजार वर्गफीट रिजर्व कर दी गई है।
दरअसल, राजधानी भोपाल और आसपास के लोगों का चर्म रोड़, जोड़ों का दर्द, वजन कम, जैसी कई गंभीर बीमारियों का इलाज यूनानी पैथी में हम्माम (Government Hammam) में किया जाता है। हम्माम का उपयोग नावब काल से किया जा रहा है। अभी फिलहाल लोग राजधानी के कमला पार्क में स्थित हम्माम (Government Hammam) में जाते है। सरकारी हम्माम (Government Hammam) का प्रारूप तैयार करने वाले डॉ महफूज का कहना है कि हम्माम में इलाज कराने वाले लोग को कंफर्ट जोन दिया जाएगा। इसके लिए पहले एक कमरे में जिसमें तापमान 22 से 24 डिग्री रहेगा और यह कमरा 14 बाय 14 का रहेगा। यहां मरीज को करीब 5 से 10 मिनट के लिए बैठाया जाएगा।
मरीजों के लिए बनेंगे 3 चेंबर
इसके बाद दूसरा कमरा भी बनाया जाएगा जो कि काफी गर्म होगा। इस कमरे में मरीज को गर्मी का अहसास होगा। इस कमरे का तापमान 36.5 से 38 डिग्री रेगा। यहां मरीज को जरूरत के हिसाब से 5 से 10 मिनट तक बैठाया जाएगा। ऐसा इसलिए ताकि मरीज को पसीना आए। इसके बाद तीसरा रहेगा, जो की भट्टी वाला होगा। इस कमरे में गर्म पानी और सामान्य पानी की व्यवस्था होगी। इस कमरे का तापमान 42 से 47 डिग्री होगा। इस कमरे में यहां 3 टेम्परेरी चेंबर होंगे जिसमें तीन मरीजों का एक साथ उपचार हो सकेगा। अंतिम और चौथा कमरा डोम शेप में रहेगा। इस कमरे में छोटे-छोटे कांच लगेंगे। डोम का गोलाकार सिरा खुला रहेगा। डोम के गुंबद पर चित्रकारी की जाएगी। ऐसा इसलिए ताकि इलाज के दौरान मरीज का ध्यान कलाकृतियों पर रहे। तीसरे कमरे में उपचार के बाद मरीजे लौटेगा तो उसे एक प्रक्रिया में करीब 45 मिनट का समय लगेगा। ऐसे में हम्माम (Government Hammam) में इलाज की प्रक्रिया 90 मिनट में पूरी होगी।
पुराने जमाने के हिसाब से होगा निर्माण
हम्माम (Government Hammam) का निर्माण पुराने जमाने के हिसाब से किया जाएगा। निर्माण तय मापदंडों के अनुरूप किया जा रहा है। इसके लिए आर्किटेक्ट को तैनात किया जाएगा। कमरों का तापमान गरम पानी से निकलने वाली भाप से मेंटेन किया जाएगा। एक कमरे से दूसरे कमरे में भाप का प्रवाह सही हो इसके लिए थर्मल इंजीनियर का सहयोग लिया जाएगा। निर्माण में सरिया का उपयोग होगा भविष्य में करंट फैलने की स्थिति में हम्माम (Government Hammam) को एलपीजी गैस से संचालित किया जाएगा। गैस की भट्टी से पानी खौलेगा और कॉपर की प्लेट से गर्मी और बढ़ेगी।
क्या होता है हम्मामी स्नान
लगभग 300 साल पहले इस हमाम का निर्माण गौंड शासन काल में हुआ था। उस समय शाही मेहमानों के लिए हम्मामी स्नान कराया जाता था। पहले हम्माम के लिए जमीन पर तांबे की चादर बिछाई जाती थी। चादर को उस जगह बिछाया जाता था जहां एक सुरंग होती थी और उस सुरंग के नीचे आग जलाई जाती थी। हम्माम को गर्म रखने में एक दिन में तीन क्विंटल लकड़ी की खपत होती है। हम्माम प्रक्रिया तीन हिस्सों में होती है। तीनों प्रक्रिया में इंसान को गुनगुने पानी से नहलाया जाता है। इसके बाद भाप कक्ष में बैठाया जाता है और त्वचा पर मिट्टी से बनी घिसनी को रगड़ा जाता है। इस दौरान विशेष जड़ी-बूटी से बने तेल से मालिश भी होती है। हम्माम में स्नान करने वाले की रंगत ही बदल जाती है। त्वचा में निखार आता है।