नई दिल्ली। दीपावली के बाद Govardhan Puja 2022 अगला त्योहार होता हैं अन्नकूट यानि गोवर्धन पूजा। जी हां हिंदू कैलेंडर के अनुसार दीपावली के bansal news अगले दिन गोवर्धन पूजा की जाती है। annkoot pooja इसे कार्तिक शुक्ल प्रतिपदा को मनाया जाता है। चूंकि दीपावली के दूसरे दिन यानि मंगलवार को कल ग्रहण था। इसलिए इस साल गोवर्धन पूजा 26 अक्टूबर यानि आज बुधवार को मनाई जाएगी। इस दिन भगवान श्रीकृष्ण को 56 भोग लगाने की परंपरा है। लेकिन क्या आप जानते हैं इसके पीछे क्या कारण है। यदि नहीं तो चलिए आज हम आपको बताते हैं। साथ ही जानेंगे इस पूजा की सही विधि।
गोबर से बनते हैं गोबर्धन – annkoot pooja
आपको बता दें गोबर्धन पूजा में पहले गोबर से भगवान गोबर्धन की आकृति जमीन पर बनाई जाती है। फिर इसकी पूजा की जाती है। कई लोगों द्वारा इसे हल्दी से भी बनाया जाता है। आपको बता दें मथुरा वृंदावन में ये त्योहार विशेष रूप से मनाया जाता है। ऐसा इसलिए क्योंकि बिना परिक्रमा के ये पूजन अधूरा माना जाता है। सो इस दिन गोवर्धन बनाना जरूरी होता है।
क्यों लगता है 56 भोग – 56 bhoog
ज्योतिषाचार्य पंडित रामगोविंद शास्त्री के अनुसार इंद्र देव के क्रोधित होने पर भगवान श्रीकृष्ण ने गोवर्धनवासियों को भारी बारिश से बचने के लिए अपनी एक अंगुली पर गोवर्धन पर्वत उठा लिया था। इसलिए इस दिन का विशेष महत्व होता है। जब भगवान श्रीकृष्ण ने सात दिन पर्वत उठाया था। तो उस दौरान उन्होंने भोजन ग्रहण नहीं किया था। जब पर्वत को उतारा था तो मां यशोदा ने उन्हें एक दिन के 6 प्रकार के हिसाब से सात दिन के 56 भोग बनाकर खिलाए थे। इसलिए भगवान को 56 भोग लगाने की प्रथा है।
गोवर्धन पूजा की विधि और अन्नकूट
गोवर्धन पूजा वाले दिन घर के आंगन में गाय के गोबर से गोवर्धन बनाकर फूलों से मंडप को सजाया जाता है। पूजा के शुभ मुहूर्त में गोवर्धन जी को फूल, अक्षत्, फल, दीप, नैवेद्य, मिठाई आदि अर्पित कर पूजन करते हैं। उनके नाभि स्थान पर मिट्टी के बड़े से दीपक में बताशे, दूध, दही आदि रखते हैं और उनकी कम से कम 7 बार परिक्रमा करते हैं। गोवर्धन की पूजा करने से व्यक्ति गौ धन, संतान, धन आदि में वृद्धि होती है।