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Google Chrome AI Tool: फ्रॉड वेबसाइट्स का पर्दाफाश करेगा Google Chrome का AI Tool, जानें कैसे करें इस टूल का इस्तेमाल

Google Chrome AI Scam Detection Tool Feature Explained; गूगल क्रोम में जल्द ही एक नया AI Tool आने वाला है जो फर्जी वेबसाइटों का पर्दाफाश करेगा।

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Ashi sharma
Google Chrome AI Scam Detection Tool

Google Chrome AI Scam Detection Tool

Google Chrome AI Tool for Fake Websites: क्या आप भी ऑनलाइन सर्च के लिए पॉपुलर इंटरनेट ब्राउजर गूगल क्रोम का इस्तेमाल कर रहे हैं, तो आपके लिए एक बड़ा AI Tool आने वाला है। दरअसल, Google इन दिनों एक नए फीचर पर काम कर रहा है, जो स्कैम और फर्जी वेबसाइट का पता लगाने के लिए Artificial Intelligence (AI) का इस्तेमाल करेगा। एक एक्स पोस्ट में इसकी जानकारी दी गई।

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फ्रॉड वेबसाइटों का होगा पर्दाफाश

एक पोस्ट में बताया गया कि गूगल ने क्रोम के कैनरी वर्जन (canary version) में “ब्रांड और स्कैम डिटेक्शन के लिए क्लाइंट-साइड डिटेक्शन” नाम से एक नया फ्लैग जोड़ा है। जैसा कि इसके नाम से पता चलता है, यह सुविधा AI का उपयोग करके उन वेबसाइटों का विश्लेषण और पहचान करेगी जो यूजर्स को धोखाधड़ी के जाल में फंसा सकती हैं या उनके साथ धोखाधड़ी कर सकती हैं।

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सेफ रहेगा डेटा

कहा जा रहा है कि इसके लिए Browser On-Device LLM यानी Large Language Model की मदद से काम करेगा। यह सुविधा Mac, Linux, और Windows पर उपलब्ध क्रोम के विभिन्न एडिशन के लिए डिज़ाइन की गई है। इसमें सबसे खास बात यह है कि यह प्रोसेस पूरी तरह से डिवाइस पर ही होगी, जिससे आपका डेटा क्लाउड पर नहीं भेजा जाएगा और आपका सारा डेटा सुरक्षित भी रहेगा। यह उन यूजर्स के लिए उपयोगी है जो अक्सर अज्ञात या विभिन्न प्रकार की वेबसाइटों पर जाते हैं।

कैसे करें इस टूल का इस्तेमाल?

  • यदि आप इस टूल का इस्तेमाल करना चाहते हैं, तो सबसे पहले आपको अपने सिस्टम पर Chrome Canary इंस्टॉल करना होगा।
  • इसके बाद आपको Address bar में "chrome://flags" टाइप करना होगा।
  • अब खुलने वाले पेज में, "Client-side detection for brand and scam detection" सर्च करें।
  • इसके बाद यहां से आप इस फ्लैग को Enabled या Disabled कर सकते हैं।
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क्या हैं फ्रॉड वेबसाइ?

Fraud वेबसाइटें वे इललीगल इंटरनेट वेबसाइटें हैं जिनका इस्तेमाल यूजर्स को धोखा देने या गलत भावना से हमला करने के लिए किया जाता है। घोटालेबाज अलग-अलग तरीकों से अपनी असली पहचान और इरादे छिपाने के लिए इंटरनेट की गुमनामी का मिसयूज़ करते हैं। इसमें वैलेडिटी का सिग्नल देने के लिए झूठी सिक्योरिटी वार्निंग, गिफ्ट शामिल हो सकते हैं।

कैसे काम करती हैं फ्रॉड वेबसाइटें?

धोखाधड़ी करने वाली वेबसाइटें कई तरह से काम करती हैं, जिनमें मिसलीडिंग इनफर्मेशन से लेकर फाइनेंशियल लेनदेन के लिए रिवार्ड देने का वादा करना शामिल है। उनका फाइनल गोल लगभग हमेशा एक ही होता है: आपसे आपकी पर्सनल या फाइनेंशियल इनफर्मेशन लेना। इस प्रकार की वेबसाइट एक इंडिपेंडेंट वेबसाइट, एक पॉपअप या क्लिकजैकिंग के माध्यम से वैलिड वेबसाइटों पर एक अनऑथराइज्ड ओवरले हो सकती है। ये साइटें यूजर्स को लुभाने और गुमराह करने के लिए व्यवस्थित रूप से काम करती हैं।

फ्रॉड वेबसाइटों चलाने वाले हमलावर आमतौर पर यूजर्स को धोखा देने के लिए इन स्टेप का इस्तेमाल करते हैं:

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लालच: अटैकर्स अलग-अलग चैनलों के माध्यम से इंटरनेट यूजर्स को वेबसाइट पर लुभाते हैं।

एग्रीमेंट: यूजर्स कोई भी एक्शन करते हैं तो उनकी जानकारी या डिवाइस अटैकर्स के सामने आ जाती है।

एक्जिक्यूट: अटैकर्स पर्सनल बेनिफ़िट के लिए यूजर्स की पर्सनल जानकारी का मिसयूज़ करते हैं या अलग-अलग प्रयोजनों के लिए उनके डिवाइस को सॉफ़्टवेयर से इफेक्ट करते हैं।

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