Advertisment

गूगल को लगा तगड़ा झटका: एंटीट्रस्ट केस में मिली हार, बेचना पड़ सकता है Ad मैनेजर !

Google Ad Manager Sale: दुनिया की सबसे बड़ी टेक कंपनियों में शामिल Google को एक बड़ा झटका लगा है। अमेरिका की एक फेडरल कोर्ट ने गुरुवार को दिए फैसले में गूगल को एंटीट्रस्ट कानूनों का उल्लंघन करने का दोषी पाया है।

author-image
Shashank Kumar
Google Ad Manager Sale

Google Ad Manager Sale

Google Ad Manager Sale: दुनिया की सबसे बड़ी टेक कंपनियों में शामिल Google को एक बड़ा झटका लगा है। अमेरिका की एक फेडरल कोर्ट ने गुरुवार को दिए फैसले में गूगल को एंटीट्रस्ट कानूनों का उल्लंघन करने का दोषी पाया है। कोर्ट ने स्पष्ट कहा कि गूगल ने डिजिटल विज्ञापन क्षेत्र में अवैध एकाधिकार (Monopoly) स्थापित किया और इससे प्रतियोगिता को गंभीर रूप से नुकसान पहुंचाया। यह फैसला गूगल के लिए खासा अहम है क्योंकि कंपनी की सबसे ज्यादा कमाई विज्ञापन कारोबार (Ad Business) से ही होती है।

Advertisment

दूसरी बार मोनोपोली का दोषी साबित हुआ गूगल

पिछले चार महीनों में यह दूसरा मौका है जब गूगल को मोनोपोली के आरोप में हार का सामना करना पड़ा है। कोर्ट के फैसले के बाद अब अमेरिकी न्याय विभाग (Department of Justice) गूगल की पैरेंट कंपनी Alphabet पर दबाव बना सकता है कि वह Google Ad Manager को बेच दे। यह वही ऐड मैनेजमेंट प्लेटफॉर्म है जो लाखों वेबसाइट्स के लिए डिजिटल विज्ञापन को नियंत्रित करता है।

2023 में गूगल की रिकॉर्ड कमाई

साल 2023 में गूगल ने केवल विज्ञापनों के जरिए करीब 237.9 बिलियन डॉलर (लगभग 19.86 लाख करोड़ रुपये) की कमाई की। यह रकम Microsoft और Baidu जैसे प्रतिद्वंद्वियों की तुलना में कहीं ज्यादा है। लेकिन यही बड़ा राजस्व स्रोत अब गूगल के लिए कानूनी जोखिम बनता जा रहा है। 

क्या गूगल को बेचना पड़ेगा अपने कारोबार का एक हिस्सा?

कोर्ट के फैसले के बाद इस बात की संभावना तेज हो गई है कि गूगल को अपने Ad Manager और DoubleClick जैसे अधिग्रहीत प्लेटफॉर्म्स को अलग करना पड़ सकता है। हालांकि, गूगल का दावा है कि उसने मामले का एक हिस्सा जीत लिया है और बाकी फैसले के खिलाफ अपील करेगा।

Advertisment

गूगल के वाइस प्रेसिडेंट ऑफ रेगुलेटरी अफेयर्स Lee-Anne Mulholland ने एक बयान में कहा, "हम कोर्ट के उस हिस्से से सहमत नहीं हैं जिसमें कहा गया है कि हमारे पब्लिशर टूल्स से बाजार में नुकसान हुआ है। पब्लिशर्स के पास कई विकल्प होते हैं, लेकिन उन्होंने गूगल इसलिए चुना क्योंकि हमारा टूल सिंपल, सस्ता और प्रभावी है।"

ये भी पढ़ें:  Stamp Duty: प्रॉपर्टी रजिस्ट्री में ऐसे घटाएं स्टाम्प ड्यूटी खर्च, जानें ये 4 लीगल रास्ते जो आपको दिलाएंगे लाखों की बचत

मेटा और अन्य कंपनियों पर भी चल रहे हैं ऐसे ही केस

गूगल अकेला नहीं है जिस पर मोनोपोली के आरोप लगे हैं। Meta (पूर्व में Facebook) भी कोर्ट में ऐसा ही मामला झेल रही है। Meta पर WhatsApp और Instagram को खरीदकर प्रतिस्पर्धा खत्म करने का आरोप है। यह केस फिलहाल ट्रायल की प्रक्रिया में है।

Advertisment

इतना ही नहीं कंपनी एक अन्य केस में भी इसी आरोप का सामना कर रही है, जिसका ट्रायल इस महीने के आखिर में शुरू हो सकता है। आने वाले समय में यूरोपीय यूनियन और भारत में भी गूगल के खिलाफ ऐसे कदम उठाए जा सकते हैं। गूगल को केवल अमेरिका में ही नहीं बल्कि जापान के फेयर ट्रेड कमीशन से भी एंटीट्रस्ट सीज ऑर्डर मिला है।

ये भी पढ़ें:  CNG-PNG Price: आम आदमी को मिलेगी बड़ी राहत, CNG-PNG होगी सस्ती! केंद्र सरकार ने गैस आवंटन नीति में किया बड़ा बदलाव

google ad manager Google antitrust case 2025 Google Ad Manager sale US court rules against Google Google monopoly advertising DOJ vs Google Google advertising business Tech monopoly case Google antitrust news Alphabet Ad Manager Google loses antitrust lawsuit
Advertisment
WhatsApp Icon चैनल से जुड़ें