Ujjain News: बाबा महाकाल के भक्तों के लिए एक बड़ी खुशखबरी है। जल चढ़ाने का लेकर बंद हुई व्यवस्था को एक बार फिर से शुरू किया जा रहा है।
जिसके बाद अब नए तरीके से भक्तों को जल चढ़ाने की व्यवस्था मंदिर प्रबंधन समिति द्वारा की गई है।
Ujjain News: बाबा महाकाल के भक्तों के लिए खुशखबरी, जल चढ़ाने को लेकर नई व्यवस्था लागू, अब ऐसे चढ़ा पाएंगे जलhttps://t.co/rRhlJaFqcE#Ujjain #Mahakaleshwar #mahakal #madhyapradeshnews #mandir #rules pic.twitter.com/X6bBuTZ8kk
— Bansal News (@BansalNewsMPCG) April 27, 2024
कब से चढ़ा पाएंगे जल
शिव शक्ति और क्रोध वाले माने जाते हैं। यही कारण है कि वैशाख के महीने में शिव को शांत करने के लिए निरंतर जल धारा उनपर प्रवाहित की जाती है, क्योंकि उज्जैन महाकालेश्वर 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक हैं इसलिए सभी भक्त इनकी विशेष कृपा पाने के लिए उनपर जल अर्पित करना चाहते हैं।
ऐसे में यदि आप भी बाबा महाकाल को जल चढ़ाना चाहते हैं तो आप भी इसके लिए उज्जैन ज्योतिर्लिंग महाकालेश्वर मंदिर में समिति द्वारा नई व्यवस्था लागू की गई है। शुक्रवार यानी 26 अप्रैल 2024 से यह व्यवस्था शुरु कर दी गई है।
मंदिर समिति ने रखे दो जल पात्र
प्रतिदिन बाबा महाकाल के दर्शन करने लाखों की संख्या में भक्त आते हैं, लेकिन वो महाकाल को जल नहीं चढ़ा पाते थे, लेकिन अब सावन पर्व के बाद अब जो श्रद्धालु कार्तिक मंडपम व सभा मंडपम से प्रवेश करेंगे
वे भगवान को जल अर्पित कर सकेंगे। मंदिर प्रबंध समिति द्वारा भगवान को जल अर्पित करने के लिए मंदिर के सभा मंडप व कार्तिकेय मंडप में जल पात्रों की व्यवस्था की गई है।
इसके लिए मंदिर समिति ने दो जल पात्र रखे हैं जिसमें भक्त जल पात्र में डालेंगे तो वो जल सीधे शिवलिंग पर अर्पित होगा।
पाइप के माध्यम से होगा अभिषेक
महाकाल के भक्तों को कोई परेशानी ना हो इसलिए श्रद्धालुओं द्वारा पात्रों में अर्पित किया जल पाइप के द्वारा मंदिर के गर्भगृह में लगे अभिषेक पात्र के माध्यम से भगवान श्री महाकालेश्वर को समर्पित होगा।
वैशाख व ज्येष्ठ मास में भगवान को शीतलता
भगवान श्री महाकालेश्वर को गर्मी से बचाने के लिए वैशाख व ज्येष्ठ मास में शीतलता प्रदान करने के लिए मिट्टी के कलश (गलन्तिका) से ठंडे पानी की जलधारा प्रवाहित की जाती है, लेकिन अब श्री महाकालेश्वर भगवान के भक्तों द्वारा भी उनका जलाभिषेक हो पाएगा।
जाने अभिषेक का समय
भगवान श्री महाकालेश्वर के भक्त सुबह 6 बजे से शाम 5 बजे तक भगवान महाकाल को जल अर्पित कर सकेंगे। इसके लिए मंदिर समिति लौटा और जल उपलब्ध करवाएगी जिससे भक्तों को परेशानी का सामना न करना पड़े।
महाकालेश्वर धाम ऐसे पहुंचे
महाकालेश्वर धाम पहुंचने के लिए सबसे नजदीकी एयरपोर्ट इंदौर है। वहां से आप टैक्सी या बस से उज्जैन पहुंच सकते हैं। इसके अलावा उज्जैन के लिए सीधी ट्रेनें भी चलती है। ऐसे में आप बिना किसी परेशानी के भारत के तमाम रेलवे स्टेशनों से ट्रेनों के माध्यम से उज्जैन रेलवे स्टेशन पहुंचने के बाद ऑटो से मंदिर पहुंच सकते हैं।